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प्राइमरी केयर ही प्राइम केयर स्वामी चिदानन्द सरस्वती


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में आयोजित होने वाले छटवे पारिवारिक चिकित्सा एवं प्राथमिक देखभाल पर राष्ट्रीय सम्मेलन (एफएमपीसी 2024) का उद्घाटन आज राज्यपाल, उत्तराखंड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, उत्तराखंड, 29 सितम्बर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश में आयोजित होने वाले छटवे पारिवारिक चिकित्सा एवं प्राथमिक देखभाल पर राष्ट्रीय सम्मेलन (एफएमपीसी 2024) का उद्घाटन आज राज्यपाल, उत्तराखंड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने किया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले चिकित्सकों को सम्मानित किया गया और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा पर एक नई पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य पारिवारिक चिकित्सा और प्राथमिक देखभाल के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान, तकनीकों और प्रथाओं पर चर्चा करना है जिसमें देशभर के विशेषज्ञ, चिकित्सक और शोधकर्ताओं ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किये। पारिवारिक चिकित्सा एवं प्राथमिक देखभाल पर राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ राष्ट्रगान, दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह जी के स्वागत उद्बोधन के पश्चात सभी गणमान्य अतिथियों के अभिनंदन के पश्चात सम्मेलन स्मारिका और पुस्तक शीर्षक “जीवन बदलना - एकीकृत सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा” का उद्घाटन किया गया। माननीय राज्यपाल, उत्तराखंड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह जी ने कहा कि पारिवारिक चिकित्सा एवं प्राथमिक देखभाल एक सामान्य विषय है परन्तु यह समाज की नींव है; आधार है। परिवार का स्वास्थ्य अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि परिवार से ही हम सब कुछ सीखते हैं। परिवार के माध्यम से ही प्रेम, आपसी जुड़ाव व दिल से जुड़े रहना सीखते हंै। उन्होंने कहा कि भगवान शिव जी के त्रिशूल में तीन शूल है उसी प्रकार हमारा परिवार, चिकित्सक और हमारा स्वास्थ्य है। चिकित्सक पर लोगों का जो भरोसा होता है वह अद्भुत होता है। पारिवारिक चिकित्सा एवं प्राथमिक देखभाल हमारे समाज की प्रथम आवश्यकता है।

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