ऋषिकेश, 15 अक्टूबर। आज महान वैज्ञानिक, शिक्षक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर उनके दिव्य कार्यों और श्रेष्ठ जीवन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि डॉ. कलाम साहब का जीवन वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार की प्रेरणा का स्रोत है।
रिपोर्ट - Rameshwar Gaur
आज महान वैज्ञानिक, शिक्षक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के अवसर पर उनके दिव्य कार्यों और श्रेष्ठ जीवन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि डॉ. कलाम साहब का जीवन वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार की प्रेरणा का स्रोत है। डॉ. कलाम साहब ने हमेशा शिक्षा और युवाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया। उनकी विनम्रता, नवाचार, और आजीवन सीखने की भावना ने अनगिनत लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने जीवन भर ज्ञान की महत्ता को उजागर किया और हमेशा अपने विद्यार्थियों को उच्चतम लक्ष्यों की ओर बढ़ने हेतु प्रेरित किया। डॉ. कलाम साहब की विरासत न केवल उनके वैज्ञानिक उपलब्धियों में है, बल्कि उनकी मानवता, विनम्रता, और सेवा के प्रति उनके समर्पण में भी है। उन्होंने सिखाया कि कैसे हम अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज के कल्याण के लिए कर सकते हैं। उनकी दृष्टि और मार्गदर्शन हमारे देश को निरंतर प्रेरित करते रहेंगे। आज विश्व हैंडवाशिंग डे के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि स्वस्थ शरीर और स्वस्थ समाज के निर्माण में हाथ धोने की महत्वपूर्ण भूमिका है। छोटा सा काम, पूरी जिन्दगी का आराम, बस 20 सेकेंड तक ठीक से हाथ ही तो धोना है। 20 सेकेंड तक सही तरीके से हाथ धोने से जीवन भी बचेगा, स्वस्थ भी रहेंगे और मस्त भी रहेंगे। इससे हम, हमारा परिवार और हमारे समाज को भी हम कई बीमारियों से बचा सकते हैं। हाथ धोने की आदत बच्चों में बचपन से ही डालनी चाहिए ताकि बड़े होकर भी वे स्वच्छता को जीवन का एक हिस्सा बना लें; स्वच्छता को स्वभाव बना लें और स्वच्छता को संस्कार बना लें। हाथ धोना अर्थात् स्वच्छता और शुद्धता को स्वीकार करना। भोजन से पहले और भोजन के बाद हाथ धोना यह केवल शारीरिक स्वच्छता के लिए नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता के लिए भी बहुत आवश्यक है। अन्दर स्वच्छता होगी तो बाहर भी प्रसन्नता होगी और सफलता मिलेगी। हाथ धोने से कई बीमारियाँ जैसे डायरिया और श्वसन संक्रमण आदि को भी रोकने में मदद मिलती है। स्वामी जी ने कहा कि स्वच्छता तो पवित्रता का भी प्रतीक है। हाथ धोने की आदत को बढ़ावा देने से समाज में स्वच्छता और स्वास्थ्य को भी बढ़ावा मिलेगा। पीढ़ी दर पीढ़ी स्वस्थ जीवनशैली विकसित होगी। आज ग्लोबल हैंड वाशिंग डे है, ठीक से हाथ धोने का दिन है। ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे हमें याद दिलाता है कि हाथ धोने जैसी छोटी-छोटी आदतें भी हमारे जीवन में बड़े बदलाव ला सकती हैं।