हरिद्वार 13 अक्टूबर। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज में असत्य पर सत्य की जीत का महापर्व दशहरा उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में विवि के पदाधिकारियों ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र का शानदार मंचन किया। सत्य की रक्षा और असत्य पर प्रहार करने की सीख देने के लिए प्रेरित किया।
रिपोर्ट - Rameshwar Gaur
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज में असत्य पर सत्य की जीत का महापर्व दशहरा उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में विवि के पदाधिकारियों ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र का शानदार मंचन किया। सत्य की रक्षा और असत्य पर प्रहार करने की सीख देने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि जिस तरह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने रावण का वध करके संस्कृति की रक्षा की, उसी तरह हमारे अपने अंदर के रावण यानि आसुरी वृत्ति का अंत हो और हमारे अंदर देवत्व का भाव विकसित हो। रामलीला मंचन के दौरान दशरथ, राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि के कलाकारों के भावों एवं संवाद ने सभी को रोमांचित कर दिया। रामलीला के मंचन के बाद संस्कार एवं संस्कृति के विजय दिवस के रूप में असत्य पर सत्य की विजय के जश्न के साथ 30 फीट ऊँचा रावण के पुतले को दहन किया गया। इसके साथ ही कुंभकरण एवं मेघनाथ के पुतलों को जलाया गया। विवि के विद्यार्थियों के साथ ही देश विदेश एवं निकटवर्ती स्थानों से आये भाई बहिनों ने पूरे उत्साह एवं उमंग के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर देसंविवि विश्वविद्यालय को आर्कषक ढंग से सजाया गया था। देसंविवि के कुलसचिव श्री बलदाऊ देवांगन, डॉ देवाशीष गिरी, श्रीमती दीपिका गिरी, अचल वशिष्ठ, सूर्यनाथ यादव, नीलमणि, उमेश, डॉ रुचि सिंह, प्रवीण, आलोक पाण्ेडय आदि कलाकारों के अभिनय को खूब सराहा गया।