जयललिता सरकार के विज्ञापन खर्च का ब्यौरा मांगने वाली आरटीआई याचिका पर सुनवाई के दौरान खड़े होने से इनकार करने के कारण जेल में बंद कार्यकर्ता शिवा एलंगो को आखिरकार उनके खिलाफ दर्ज मामले से बरी कर दिया गया है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
जयललिता सरकार के विज्ञापन खर्च का ब्यौरा मांगने वाली आरटीआई याचिका पर सुनवाई के दौरान खड़े होने से इनकार करने के कारण जेल में बंद कार्यकर्ता शिवा एलंगो को आखिरकार उनके खिलाफ दर्ज मामले से बरी कर दिया गया है। बता दें कि जब एलंगो देश भर के कई दैनिक समाचार पत्रों में 2011 से 2012 तक एआईएडीएमके सरकार की एक साल की उपलब्धियों के विज्ञापन के लिए खर्च की गई राशि का ब्यौरा मांगा, तो राज्य के अधिकारियों ने जानकारी देने से इनकार कर दिया।रिहाई के बाद एलंगो ने कहा मैं इस मामले में एक पक्षकार के रूप में पेश हुआ। यह मामला 10 साल तक चला और 140 बार स्थगन हुआ। मुझे आखिरकार 15 अक्टूबर, 2024 को 18वीं सैदापेट मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने बरी कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ अभियोजन पक्ष के मामले को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे।