भारतीय संस्कृति की आधारशिला देववाणी संस्कृत के प्रचार-प्रसार हेतु गुरुकुल कांगडी (समविश्वविद्यालय), हरिद्वार के संस्कृत विभाग में 23 एवं 24 अक्टूबर 2024 को द्विदिवसीय संस्कृत महोत्सव का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
भारतीय संस्कृति की आधारशिला देववाणी संस्कृत के प्रचार-प्रसार हेतु गुरुकुल कांगडी (समविश्वविद्यालय), हरिद्वार के संस्कृत विभाग में 23 एवं 24 अक्टूबर 2024 को द्विदिवसीय संस्कृत महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम दिवस विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० हेमलता के० ने कहा कि संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति की आधारभूत है। राष्ट्रिय शिक्षा नीति में इसीलिए संस्कृत भाषा एवं भारतीय ज्ञान परम्परा को महत्त्व दिया गया है। उद्घाटन सत्र में स्वागत भाषण में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो० ब्रह्मदेव विद्यालंकार ने सभी विद्वानों एवं प्रतिभागियों का स्वागत व्यक्त किया तथा कहा कि संस्कृत प्रतियोगिताओं के माध्यम से सके माध्यम से छात्रों में संस्कृत के प्रति जागरूकता एवं श्रद्धा उत्पन्न होगी, जिससे सुसंस्कृत समाज की स्थापना की जा सके। उद्घाटन सत्र के उपरान्त द्वितीय सत्र में श्लोकोच्चारण, भाषण-प्रतियोगिता एवं संस्कृतप्रश्नमञ्चप्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आयोजित प्रतियोगिताओं में लगभग विभिन्न संस्थाओं से 50 प्रतिभागी भाग लिया। जिस में श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान- तानी भारद्वाज, आचार्यकुलम्, हरिद्वार, द्वितीय स्थान- राधिका चौधरी, डिवाईन लाईट स्कूल, जगजीतपूर, तृतीय स्थान- देव, जी० एस्० एस्० एस्० तीर्सी, पलवल, एवं सान्त्वना पुरस्कार- उज्ज्वल चौहान, शिवडेल स्कूल सेक्टर-1, भेल ने प्राप्त किया। संस्कृत प्रश्नमञ्च प्रतियोगिता में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के शिवानी कपिराज एवं झसकेतन ने प्रथम पुरस्कार, संस्कृत विभाग, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय मुख्य परिसर के सुधांशु पोखरियाल एवं रवीश भट्ट ने द्वितीय पुरस्कार, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कन्या परिसर हरिद्वार की नेहा एवं वन्दना ने तृतीय पुरस्कार तथा कन्या परिसर देहरादून की अंकिता जाधव ने सान्त्वना पुरस्कार प्राप्त किया। प्रतोयोगितासत्र का संयोजन डा० शिवानन्द ने किया।