à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इतिहास मे 16 अगसà¥à¤¤ की तारीख न à¤à¥‚ले जाने वाली तारीख के रूप मे दरà¥à¤œ हो गई है। जिसका समà¥à¤¬à¤‚ध अटल बिहारी वाजपेयी जैसे à¤à¤• सरल à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤¶à¤² राजनेता के रूप में सदैव यादगार बनी रहेगी अटल बिहारी वाजपेयी à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजनीति में à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ नाम जिसके उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ मातà¥à¤° से सादगी, सालिनता, सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾, समरà¥à¤ªà¤£ à¤à¤µà¤‚ सदà¤à¤¾à¤µ का अनूठा à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ ही अनà¥à¤à¤µ होने लगता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° (डाॅ0 शिवकà¥à¤®à¤¾à¤° चैहान) à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इतिहास मे 16 अगसà¥à¤¤ की तारीख न à¤à¥‚ले जाने वाली तारीख के रूप मे दरà¥à¤œ हो गई है। जिसका समà¥à¤¬à¤‚ध अटल बिहारी वाजपेयी जैसे à¤à¤• सरल à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤¶à¤² राजनेता के रूप में सदैव यादगार बनी रहेगी। अटल बिहारी वाजपेयी à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजनीति में à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ नाम जिसके उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ मातà¥à¤° से सादगी, सालिनता, सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾, समरà¥à¤ªà¤£ à¤à¤µà¤‚ सदà¤à¤¾à¤µ का अनूठा à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ ही अनà¥à¤à¤µ होने लगता है। शबà¥à¤¦ की जादूगरी à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में निसछलता को राजनीति मे समाहित करने का शà¥à¤°à¥‡à¤¯ वाजपेयी जी को जाता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ अपने कावà¥à¤¯ रूपी हदय से राजनीति मे à¤à¤• नया मà¥à¤•à¤¾à¤® हासिल किया। राजनीति को संकीरà¥à¤£à¤¤à¤¾ की दलदल से निकालकर सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ à¤à¤µà¤‚ तारà¥à¤•à¤¿à¤• विचारो की सालिनता का लिबास पहनाकर उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ हर किसी को अपनी काबलियत का मà¥à¤°à¥€à¤¦ बना लिया था। वाजपेयी अपनी सधी विचारधारा à¤à¤µà¤‚ कावà¥à¤¯ शैली से अपने धà¥à¤° विरोधियों के दिल मे à¤à¥€ à¤à¤• विशेष सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखते थे। à¤à¤¾à¤°à¤¤ मां के à¤à¤¸à¥‡ सचà¥à¤šà¥‡ सपूत, राषà¥à¤Ÿà¥à¤° मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤•, देशà¤à¤•à¥à¤¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤-रतà¥à¤¨ और इन सबसे à¤à¥€ बà¥à¤•à¤° पंडित अटल बिहारी वाजपेयी à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ इंसान थे। अपने वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° से उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ लोगों के दिलों में अपनी à¤à¤• खास जगह बनाई जिससे देश के बचà¥à¤šà¥‡, यà¥à¤µà¤¾, महिलाà¤à¤‚, बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— सà¤à¥€ के बीच वे लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ रहे। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजनीति में मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने वाले राजनेता और पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ के रूप में वाजपेयीजी का काम बहà¥à¤¤ शानदार रहा। उनके कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की बदौलत ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के ढांचागत विकास का दूरदृषà¥à¤Ÿà¤¾ कहा जाता है। पंडित अटल बिहारी वाजपेयीजी की बातें और विचार सदैव तरà¥à¤•à¤ªà¥‚रà¥à¤£ होते थे और उनके विचारों में जवान सोच à¤à¤²à¤•à¤¤à¥€ थी। यही à¤à¤²à¤• उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं में लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ बनाती थी। अपनी कविताओं के जरिठअटलजी हमेशा सामाजिक बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° करते रहे। उनकी कविताà¤à¤‚ पà¥à¤°à¤¶à¤‚सकों को हमेशा सही रासà¥à¤¤à¥‡ पर चलने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करती रहेंगी। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक संघ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• से लेकर पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ तक का सफर तय करने वाले यà¥à¤— पà¥à¤°à¥à¤· अटल बिहारी वाजपेयीजी का जनà¥à¤® गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° में 25 दिसमà¥à¤¬à¤° 1924 को हà¥à¤†à¥¤ अटलजी के पिता का नाम पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ कृषà¥à¤£ बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृषà¥à¤£à¤¾ वाजपेयी था। पिता पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ कृषà¥à¤£ बिहारी वाजपेयी गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° में अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• थे। कृषà¥à¤£ बिहारी वाजपेयी साथ ही साथ हिनà¥à¤¦à¥€ व बà¥à¤°à¤œà¤à¤¾à¤·à¤¾ के सिदà¥à¤§à¤¹à¤¸à¥à¤¤ कवि à¤à¥€ थे। अटल बिहारी वाजपेयी मूल रूप से उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯ के आगरा जिले के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बटेशà¥à¤µà¤° के रहने वाले थे। इसलिठवाजपेयी जी का पूरे बà¥à¤°à¤œ सहित आगरा से खास लगाव था। अटल बिहारी वाजपेयीजी की बीठकी शिकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° के वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤¬à¤¾à¤ˆ कॉलेज के नाम से पहचाने जाने वाले विकà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ कॉलेज में हà¥à¤ˆà¥¤ गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° के विकà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ कॉलेज से सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• करने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने कानपà¥à¤° के डीà¤à¤µà¥€ महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से कला में सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° उपाधि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। अटल बिहारी वाजपेयी à¤à¤• पà¥à¤°à¤–र वकà¥à¤¤à¤¾ और कवि थे। ये गà¥à¤£ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उनके पिता से वंशानà¥à¤—त मिले। अटल बिहारी वाजपेयीजी को सà¥à¤•à¥‚ली समय से ही à¤à¤¾à¤·à¤£ देने का शौक था और सà¥à¤•à¥‚ल में होने वाली वाद-विवाद, कावà¥à¤¯ पाठऔर à¤à¤¾à¤·à¤£ जैसी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िताओं में हमेशा हिसà¥à¤¸à¤¾ लेते थे। अटल बिहारी वाजपेयीजी छातà¥à¤° जीवन से ही राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक संघ के सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक बने और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक संघ की शाखाओं में हिसà¥à¤¸à¤¾ लेते रहे। अटल बिहारी वाजपेयीजी ने अपने जीवन में पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के रूप में à¤à¥€ काम किया और लमà¥à¤¬à¥‡ समय तक राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤§à¤°à¥à¤®, पांचजनà¥à¤¯ और वीर अरà¥à¤œà¥à¤¨ आदि राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से ओतपà¥à¤°à¥‹à¤¤ पतà¥à¤°-पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं का समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ à¤à¥€ किया। अटल बिहारी वाजपेयीजी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनसंघ के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• सदसà¥à¤¯ थे और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लंबे समय तक डॉ. शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ मà¥à¤–रà¥à¤œà¥€ और पंडित दीनदयाल उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ जैसे पà¥à¤°à¤–र राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ नेताओं के साथ काम करने का अवसर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ पंडित अटल बिहारी वाजपेयी जी सनॠ1968 से 1973 तक à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनसंघ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¥€ रहे। अटल बिहारी वाजपेयी सनॠ1957 के लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में पहली बार उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की बलरामपà¥à¤° लोकसà¤à¤¾ सीट से जनसंघ के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¥€ के रूप में विजयी होकर लोकसà¤à¤¾ पहà¥à¤‚चे। अटलजी 1957 से 1977 तक लगातार जनसंघ की ओर से संसदीय दल के नेता रहे। अटल बिहारी वाजपेयीजी ने अपने ओजसà¥à¤µà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤£à¥‹à¤‚ से देश के पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पंडित जवाहर लाल नेहरू तक को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किया। à¤à¤• बार अटल बिहारी वाजपेयी के संसद में दिठओजसà¥à¤µà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤£ को सà¥à¤¨à¤•à¤° पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनको à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ तक बता दिया था और आगे चलकर पंडित जवाहर लाल नेहरू की à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤£à¥€ सच à¤à¥€ साबित हà¥à¤ˆà¥¤ अटल बिहारी वाजपेयी का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ बहà¥à¤¤ ही मिलनसार था। उनके विपकà¥à¤· के साथ à¤à¥€ हमेशा मधà¥à¤° संबंध रहे। 1971 के à¤à¤¾à¤°à¤¤-पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ यà¥à¤¦à¥à¤§ में विजयशà¥à¤°à¥€ के साथ बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ को आजाद कराकर पाक के 93 हजार सैनिकों को घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‹à¤‚ के बल à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सेना के सामने आतà¥à¤®à¤¸à¤®à¤°à¥à¤ªà¤£ करवाने वाली देश की पà¥à¤°à¤¥à¤® महिला पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय इंदिरा गांधीजी को अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में दà¥à¤°à¥à¤—ा की उपमा से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया था और 1975 में इंदिरा गांधी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आपातकाल लगाने का अटल बिहारी वाजपेयी ने खà¥à¤²à¤•à¤° विरोध किया था। आपातकाल की वजह से इंदिरा गांधी को 1977 के लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में करारी हार à¤à¥‡à¤²à¤¨à¥€ पड़ी और देश में पहली बार गैर कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸à¥€ सरकार जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ के नेतृतà¥à¤µ में बनी जिसके मà¥à¤–िया सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय मोरारजी देसाई थे और अटल बिहारी वाजपेयी को विदेश मंतà¥à¤°à¥€ जैसा महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ विà¤à¤¾à¤— दिया गया था। अटल बिहारी वाजपेयी ने विदेश मंतà¥à¤°à¥€ रहते हà¥à¤ पूरे विशà¥à¤µ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की छवि बनाईं और विदेश मंतà¥à¤°à¥€ के रूप में संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° में हिनà¥à¤¦à¥€ में à¤à¤¾à¤·à¤£ देने वाले देश के पहले वकà¥à¤¤à¤¾ बने। अटलजी 1977 से 1979 तक देश के विदेश मंतà¥à¤°à¥€ रहे। 1980 में जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ के टूट जाने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने सहयोगी नेताओं के साथ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की। अटल बिहारी वाजपेयी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ के पहले राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· बने। 1996 के लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ सबसे बड़े दल के रूप में उà¤à¤°à¥€à¥¤ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सरà¥à¤µà¤¸à¤®à¥à¤®à¤¤à¤¿ से संसदीय दल का नेता चà¥à¤¨à¥‡ जाने के बाद अटलजी देश के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ बने, लेकिन अटलजी 13 दिन तक देश के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ रहे। सनॠ1998 में à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ फिर दूसरी बार सबसे बड़ी पारà¥à¤Ÿà¥€ के रूप में उà¤à¤°à¥€ और अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार देश के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ बने, लेकिन 13 महीने बाद तमिलनाडॠकी पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय जयललिता के समरà¥à¤¥à¤¨ वापस लेने से उनकी सरकार गिर गई, लेकिन इसी बीच अटल बिहारी वाजपेयी ने पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ रहते हà¥à¤ दृॠइचà¥à¤›à¤¾à¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿ का परिचय देते हà¥à¤ पोखरण में पांच à¤à¥‚मिगत परमाणॠपरीकà¥à¤·à¤£ विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿ कर समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ की शकà¥à¤¤à¤¿ का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ कराया। अमेरिका और यूरोपीय संघ समेत कई देशों ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ पर कई तरह के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚ध लगा दिठलेकिन उसके बाद à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृतà¥à¤µ में हर तरह की चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से सफलतापूरà¥à¤µà¤• निबटने में सफल रहा। अटल बिहारी वाजपेयी ने दूसरी बार पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ रहते हà¥à¤ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से संबंधों में सà¥à¤§à¤¾à¤° की पहल की और 19 फरवरी 1999 को सदा-à¤-सरहद नाम से दिलà¥à¤²à¥€-लाहौर बस सेवा का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ करते हà¥à¤ अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की यातà¥à¤°à¤¾ करके नवाज शरीफ से मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ की और आपसी संबंधों में à¤à¤• नई शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की। लेकिन कà¥à¤› ही समय पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ जनरल परवेज मà¥à¤¶à¤°à¥à¤°à¤« की शह पर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ सेना व पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‹à¤œà¤¿à¤¤ आतंकवादियों ने कारगिल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ करके कई पहाड़ी चोटियों पर कबà¥à¤œà¤¾ कर लिया। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना और वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ ने पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कबà¥à¤œà¤¾ की गई जगहों पर हमला किया और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को सीमा पार वापस खदेड दिया। à¤à¤• बार फिर à¤à¤¾à¤°à¤¤ को विजयशà¥à¤°à¥€ मिली जिसका पूरा शà¥à¤°à¥‡à¤¯ अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है। कारगिल यà¥à¤¦à¥à¤§ में विजयशà¥à¤°à¥€ के बाद हà¥à¤ 1999 के लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ फिर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृतà¥à¤µ में सबसे बड़ी पारà¥à¤Ÿà¥€ के रूप में उà¤à¤°à¥€ और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृतà¥à¤µ में 13 दलों से गठबंधन से राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ जनतांतà¥à¤°à¤¿à¤• गठबंधन के रूप में सरकार बनाई और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने अपना पूरा पांच साल का कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² पूरà¥à¤£ किया। इन पांच वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में अटल बिहारी वाजपेयी ने देश में पà¥à¤°à¤—ति के अनेक आयाम छà¥à¤ और राजग सरकार ने गरीबों, किसानों और यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के लिठअनेक योजनाà¤à¤‚ लागू कीं। अटल सरकार ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ के चारों कोनों को सड़क मारà¥à¤— से जोड़ने के लिठसà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® चतà¥à¤°à¥à¤à¥à¤œ परियोजना आरमà¥à¤ की और दिलà¥à¤²à¥€, कोलकाता, चेनà¥à¤¨à¤ˆ व मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ को राजमारà¥à¤— से जोड़ा गया। 2004 में कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² पूरा होने के बाद देश में लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ हà¥à¤† और à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के नेतृतà¥à¤µ वाले राजग ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृतà¥à¤µ में शाइनिंग इंडिया का नारा देकर चà¥à¤¨à¤¾à¤µ लड़ा, लेकिन इस चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में किसी à¤à¥€ दल को बहà¥à¤®à¤¤ नहीं मिला और वामपंथी दलों के समरà¥à¤¥à¤¨ से कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ ने मनमोहन सिंह के नेतृतà¥à¤µ में केंदà¥à¤° की सरकार बनाई और à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ को विपकà¥à¤· में बैठना पड़ा। इसके बाद लगातार असà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहने के कारण अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति से संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ले लिया। अटलजी को देश-विदेश के अनेक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤£à¤¬ मà¥à¤–रà¥à¤œà¥€ ने सनॠ2015 में à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š समà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨ से पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ अटल बिहारी वाजपेयी को उनके घर जाकर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया। किसी के सामने हार नहीं मानने वाला और काल के कपाल पर लिखने-मिटाने वाली कविता का à¤à¤¾à¤µ अटल जी के विराट वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ माॅ का यह अनूठा सपूत आज हमारे बीच नही है लेकिन उनकी छवि à¤à¤µà¤‚ कावà¥à¤¯ रचनाये आने वाली पीढीयों का सदियों तक मारà¥à¤—-दरà¥à¤¶à¤¨ करती रहेगी।