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कोविड—19 से लड़ने में मजबूत इम्युनिटी ही सक्षमः डा.शाह


कोरोना वायरस की कोई दवा अभी नहीं बनी है, ज्यादातर लोग जो कोरोना से स्वस्थ हुए हैं वह अपनी इम्युनिटी (शरीर की स्वंय रोगों से लड़ने की ताकत) से ही ठीक हुए हैं। हमे अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाना है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। कोरोना वायरस की कोई दवा अभी नहीं बनी है, ज्यादातर लोग जो कोरोना से स्वस्थ हुए हैं वह अपनी इम्युनिटी (शरीर की स्वंय रोगों से लड़ने की ताकत) से ही ठीक हुए हैं। हमे अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाना है। किसी भी बीमारी से जंग के लिए मजबूत इम्यून सिस्टम बेहद जरूरी है। उपरोक्त जानकारी उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध चिकित्सक एवं एसोसियेशन ऑफ फिजीशियन्स ऑफ इण्डिया (एपीआई) के उत्तराखण्ड चैप्टर के वाईस प्रेजिडेन्ट डा. संजय शाह ने देते हुये कहा कि यह संक्रमण लगभग सबको होना ही है जिसकी इम्युनिटी अच्छी होगी वह बच जायेगा और जिसकी इम्युनिटी कमजोर होगी उन्हे ही इस बीमारी के लक्षण होगे, जो कि उनके लिये अवश्य ही चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों ने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए न सिर्फ योग—व्यायाम का सहारा लिया बल्कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाघ पदार्थों की भी मदद ली। ऐसे में खुद को सुरक्षित रखने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना और तमाम तरह के बैक्टीरिया व वायरस से सुरक्षा कवच तैयार करना जरूरी हो गया है। अक्सर देखा जाता है कि अधिकतर, बीमारियों से राहत पाने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का अनावश्यक सेवन करते हैं। यह हमारे लिये हानिकारक है जो हमारे शरीर के माईक्रोबायोटा (लाभदायक बैक्टिरिया) को समाप्त कर देता है जिसकी वजह से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। डा.संजय शाह ने कहा कि खांसी और बुखार आते ही लोग दहशत में आ जाते हैं क्योंकि कोरोना वायरस और सामान्य फ्लू के शुरूआती लक्षण काफी मिलते— जुलते हैं लेकिन पहचान करना संभव है। तेज बुखार, सूखी खांसी, बदन में दर्द, खांसी के साथ गले में खराश है तो व्यक्ति को पास के सरकारी चिकित्सालय की फ्लू क्लिनिक में जाकर अवश्य ही चिकित्सक से संपर्क करना चाहिये। अगर कोरोना रिपोर्ट पोजिटिव आती भी है तो कोरोना वायरस सामान्य फ्लू की तरह है। यह 80—85 प्रतिशत लोगों में इसके न्यूनतम लक्षण दिखते हैं, चिंता है शेष 15 प्रतिशत लोगों की जिनमें सांस लेने में तकलीफ (खून में आक्सीजन की कमी), गले में खराश होने के साथ सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द, बुखार होता है। डा.शाह ने कहा कि खून में आक्सीजन की कमी का पता लगाने के लिये पल्स आक्सीमीटर नाम की मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। इस मशीन को हाथ की किसी भी उंगली में लगाने पर आक्सीजन लेवल पता चल जाता है जिससे कोरोना संक्रमण के प्राथमिक लक्षण का पता लगाने में सुविधा होती है। उन्होने कहा कि अब चूंकि ट्टअनलॉक’ का प्रथम चरण प्रारंभ हो चुका है, अधिकांश प्रतिष्ठानों को सोशल डिस्टेंस के साथ खोला जा रहा है, अब ऐसे में कोरोना वायरस से लड़ने व अपनी और अपने परिवार को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हमारी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि लगभग दो माह के लॉकडाउन मेें केन्द्र व राज्य सरकार ने जनता को कोविड—19 के बारे में उचित जानकारी दी है साथ ही अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूत किया है। अब हमें सोशल व फिजिकल डिस्टेंस का पालन करना होगा, हाथों को साबून से अच्छी तरह धोना होगा, घर और बाहर निकलने पर मास्क अथवा फेस कवर पहनना होगा, साथ ही बुर्जुगों व बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने की अत्यधिक आवश्यकता है। डा. संजय शाह ने जनसामान्य से मजबूत इम्युनिटी के लिये योगा, प्राणायाम—व्यायाम, घर पर बना शुद्ध भोजन, आवंला, फल सिजनल एवं सब्जियां, गुड़, शक्कर, दालें, देशी गाय का दूध, गिलोय, एलोवेरा, तुलसी आदि का सेवन करने के साथ ही मैदा, रिफाइंड एवं प्रोसेस से बने खाघ पदार्थ, जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक, धुम्रपान से परहेज करने की सलाह दी है।

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