अनà¥à¤¨à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° कोरोनावायरस के संकà¥à¤°à¤®à¤£ के समय à¤à¤œà¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¥€ साधà¥à¤“ं और तीरà¥à¤¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठबन गया है उदरपूरà¥à¤¤à¤¿ का साधन परोपकार à¤à¤µà¤‚ सेवा का आदशरà¥à¥à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया महान बà¥à¤°à¤®à¥à¤¹à¤²à¥€à¤¨ संत सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ गीताननà¥à¤¦ महराज ने कारगिल यà¥à¤¦à¥à¤§ के दौरान राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ कोष के लिठइस महान संत ने पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ सà¥à¤µ0 अटल बिहारी वाजपेयी को à¤à¥‡à¤‚ट की थी 11 लाख की थैली
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
मथà¥à¤°à¤¾à¥¤ राधारानी की नगरी वृनà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¨ में गीता के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤£à¥à¤¡ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨, परोपकार का आदरà¥à¤¶ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ करनेवाले à¤à¤¸à¥‡ परम तपसà¥à¤µà¥€, बà¥à¤°à¤®à¥à¤¹à¤²à¥€à¤¨ संत सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ गीताननà¥à¤¦ महराज की षोडस पà¥à¤£à¥à¤¯ तिथि 22 नवमà¥à¤¬à¤° को मनाई जा रही है जिनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गीता आशà¥à¤°à¤® वृनà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¨ में शà¥à¤°à¥‚ किया गया अनà¥à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° कोरोनावायरस के संकà¥à¤°à¤®à¤£ के दौरान à¤à¤œà¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¥€ साधà¥à¤“ं और तीरà¥à¤¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठवरदान बन गया है। वैसे तो लगà¤à¤— तीन दशक से अधिक समय से इस आशà¥à¤°à¤® में à¤à¤œà¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¥€ साधà¥à¤“ के लिठअनà¥à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° चलाकर उनके नितà¥à¤¯ à¤à¥‹à¤œà¤¨ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ लगातार की जा रही है पर लाक डाउन के समय से तो यह तीरà¥à¤¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¥€ उदरपूरà¥à¤¤à¤¿ का सहारा बना हà¥à¤† है। इतिहास साकà¥à¤·à¥€ है कि वृनà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¨ की पावन धरती तपसà¥à¤µà¥€ संतो ंके लिठचà¥à¤®à¥à¤¬à¤• का काम करती रही है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिदास, पà¥à¤°à¤à¥ बलà¥à¤²à¤à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯, चैतनà¥à¤¯ महापà¥à¤°à¤à¥, देवरहा बाबा, आननà¥à¤¦à¤®à¤ˆ मां, बाबा चनà¥à¤¦à¤®à¤¾à¤¦à¤¾à¤¸, शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤¾à¤¦ बाबा, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ वामदेव महराज, हरिमिलापी जी महराज, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ लीलाननà¥à¤¦ ठाकà¥à¤° जैसे महान तपसà¥à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने यहां आकर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कारà¥à¤¯ किये। किसी ने धरà¥à¤® कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° चà¥à¤¨à¤¾ तो किसी ने दान का कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°, किसी ने चिकितà¥à¤¸à¤¾ का कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° चà¥à¤¨à¤¾ तो किसी ने शिकà¥à¤·à¤¾ का कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° चà¥à¤¨à¤¾ किंतॠसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ गीताननà¥à¤¦ महराज ने इन सà¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में कारà¥à¤¯ कर समाज के हर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की सेवा कर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ’’à¤à¤¿à¤•à¥à¤·à¥ ’’ कहलाना ही पसनà¥à¤¦ किया। सामानà¥à¤¯à¤¤à¤¯à¤¾ आशà¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ के महनà¥à¤¤ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के दान को आशà¥à¤°à¤® के वैà¤à¤µ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं में लगाते हैं पर इस सनà¥à¤¤ ने उससे ऊपर उठकर à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ कारà¥à¤¯ किया जिससे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होकर पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ सà¥à¤µ0 अटल बिहारी वाजपेयी के मà¥à¤‚ह से बरबस ही निकल पड़ा था कि ’’काश देश के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ यही à¤à¤¾à¤µ देश के अनà¥à¤¯ संतों में आ जाय’’। इस पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग का जिकà¥à¤° करते हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ गीताननà¥à¤¦ महराज के परम शिषà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ गीता आशà¥à¤°à¤® वृनà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¨ के संचालक महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° डा0 अवशेषाननà¥à¤¦ महराज ने बताया कि कारगिल यà¥à¤¼à¤¦à¥à¤§ के समय इस महान संत ने ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ अटल बिहारी वाजपेयी को राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ रकà¥à¤·à¤¾ कोष के लिठजब 11 लाख की थैली à¤à¥‡à¤‚ट की थी तो à¤à¤¾à¤µà¥à¤• होकर पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ के मà¥à¤‚ह से उकà¥à¤¤ शबà¥à¤¦ निकल पड़े थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने इस शिषà¥à¤¯ के अनà¥à¤¦à¤° à¤à¥€ वैसे ही संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹ का बीजारोपण किया जिसके कारण इस शिषà¥à¤¯ ने कोरोनावायरस के संकà¥à¤°à¤®à¤£ के दौरान à¤à¥€ अपने गà¥à¤°à¥‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकिये गठ’’अनà¥à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°â€™â€™à¤ªà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ª को अपने जीवन को à¤à¥€ खतरे में डालकर बिना किसी रूकावट के जारी रखा और आज à¤à¥€ जारी है। बà¥à¤°à¤®à¥à¤¹à¤²à¥€à¤¨ संत सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ गीताननà¥à¤¦ महराज ने जहां वृदà¥à¤§ लोगों के लिठवृदà¥à¤§à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की तो विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ पाठशालाओं की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की , गरीबों की चिकितà¥à¤¸à¤¾ के लिठऔषधालय खोले तो लोगों को गो सेवा के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करने के लिठआदरà¥à¤¶ गोशालाà¤à¤‚ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की। हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, वृनà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¨, कà¥à¤°à¥‚कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° , उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ जैसे तीरà¥à¤¥à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‡à¤¾ समेत à¤à¤• दरà¥à¤œà¤¨ से अधिक सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में आशà¥à¤°à¤® बनवाठजिससे धारà¥à¤®à¤¿à¤• लोग यदि तीरà¥à¤¥à¤¾à¤Ÿà¤¨ पर जाà¤à¤‚ तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ठहरने की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ मिल सके तो विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ यदि परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ पर जाà¤à¤‚ तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤²à¥à¤²à¥‚ जैसे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में à¤à¥€ ठहरने के लिठà¤à¤Ÿà¤•à¤¨à¤¾ न पड़े। दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आशà¥à¤°à¤® की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ इसलिठकी कि विशेष चिकितà¥à¤¸à¤¾ के लिठबड़े असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ में à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ मरीजों के तीमारदार वहां ठहर सकें । ठंढ के मौसम में à¤à¤œà¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¥€ साधà¥à¤“ं को किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की असà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ न हो इसलिठहर साल जाड़े के दसà¥à¤¤à¤• देने के साथ ही साधà¥à¤“ं में जाड़े के वसà¥à¤¼à¤¤à¥à¤°, कमà¥à¤¬à¤², बड़ा कोट, टोपा आदि का वितरण किया जाता है। इस अवसर पर आनेवाले दीन दà¥à¤ƒà¤–ी और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• रूप से विपनà¥à¤¨ लोगों को à¤à¥€ निराश न कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कंबल और टोपा दिया जाता है। कà¥à¤² मिलाकर इस महान बà¥à¤°à¤®à¥à¤¹à¤²à¥€à¤¨ संत ने जीवन परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ ’’वर दो à¤à¤—वन हर मानव में तेरे दरà¥à¤¶à¤¨ पाà¤à¤‚ मानवता अपनाà¤à¤‚’’ वà¥à¤°à¤¤ का मनसा, वाचा करà¥à¤®à¤£à¤¾ से अनà¥à¤ªà¤¾à¤²à¤¨ कर लोगों की पीड़ा को बटाने का à¤à¤¸à¤¾ आदरà¥à¤¶ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ किया जो संत वà¥à¤°à¤¤ अपनानेवाले यà¥à¤µà¤¾ संतो ंके लिठनजीर बन गया है।