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भ्रष्टाचारियों की कैद में है मां गंगा जान?


टिहरी,हरिद्वार,गंगोत्री,देवप्रयाग,रुद्रप्रयाग,उत्तरकाशी या फिर श्रीनगर गंगा की जो हालत है वह किसी से देखी नहीं जा रही जबकि सरकार दावा कर रही है कि गंगा स्वच्छ हो गई निर्मल हो गई अविरल हो गई और शायद उसमें से 50% से अधिक मां गंगा की अविरलता के नाम पर हजारों करोड रुपए ठिकाने लग चुके हैं।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

टिहरी,हरिद्वार,गंगोत्री,देवप्रयाग,रुद्रप्रयाग,उत्तरकाशी या फिर श्रीनगर गंगा की जो हालत है वह किसी से देखी नहीं जा रही जबकि सरकार दावा कर रही है कि गंगा स्वच्छ हो गई निर्मल हो गई अविरल हो गई और शायद उसमें से 50% से अधिक मां गंगा की अविरलता के नाम पर हजारों करोड रुपए ठिकाने लग चुके हैं। लेकिन गंगा की जो हालत है वह किसी से छुपी नहीं है यो की त्यों बनी हुई है जबकि यहां की सरकार दावा कर रही हैं कि गंगा बिल्कुल स्वच्छ और निर्मल हो गई है क्या माँ गंगा इस्नान घाट बनाने से निर्मल और अविरल हो गई है या फिर डीजे सेट व पंपसेट बदलने से अविरल व निर्मल हो गई है इन फोटो के माध्यम से आप देख सकते हैं कि गंगा की क्या स्थिति है पंपिंग स्टेशनों पर बैठे कर्मचारी बिजली जाने पर डीजे सेट को नहीं चलाते वह डीजल को बेच खाते हैं भ्रष्टाचार का इतना बोलबाला है कि इन भ्रष्टाचारियों के होते कभी गंगा स्वच्छ और निर्मल नहीं हो सकती क्योंकि मंत्रियों को हर काम में परसेंटेज चाहिए अधिकारियों को परसेंटेज चाहिए जब ऊपर वालों को कमीशन चाहिए तो नीचे वाले क्यों भ्रष्टाचार नहीं करेंगे वह भी अपनी पूरी मनमानी कर रहे हैं जबकि जिन पंपिंग स्टेशनों की गारंटी थी उसके बावजूद भी लगभग सभी पंपिंग स्टेशनों व एसडीपीओ में 300 साढ़े 3सौ लाख रुपए लगाकर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए लेकिन गंगा में सीवर जाना फिर भी बंद नहीं हुआ यही हाल उत्तराखंड के सभी गंगा किनारे शहरों का है जहां जहां पर यह एसटीपी व पंपिंग स्टेशन बने हैं इनकी 15 वर्ष की गारंटी होते हुए भी करोड़ों रुपए बर्बाद किए गए हैं वह भी केवल भ्रष्टाचार के लिए जबकि गंगोत्री, उत्तरकाशी,रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, देवप्रयाग, टेहरी इन सभी शहरों के गंदे नाले गंगा जी में गिर रहे हैं और पंपिंग स्टेशन सफेद हाथी ही नजर आ रहे हैं कोई भी सरकार या नेता या फिर अधिकारी माँ गंगा को लेकर गंभीर नहीं है माँ गंगा में गिरते यह गंदे नाले इन नेताओं अधिकारियों व सरकार की पोल खोल रहे हैं जबकि केंद्र सरकार द्वारा 25000 करोड रुपए का मोटा बजट मां गंगा कि अविरलता, निर्मलता व स्वच्छता के नाम पर खर्च करने का दावा कर रही है लेकिन वह दावे केवल फाइलों व मंचो तक ही सीमित हैं आज मां गंगा किस हालात में है इन फोटो के माध्यम से देख सकते हैं कि मां गंगा की क्या स्थिति है हर जगह मां गंगा में गिर रही गंदगी इन सरकारों की पोल खोल रही हैं। जबकि आमजन लोग सोच रहे हैं कि मां गंगा अविरल हो चुकी है निर्मल हो चुकी है क्योंकि मां गंगा के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं इसलिए लोग विश्वास कर रहे हैं कि मां गंगा वाकई स्वच्छ और निर्मल हो गई है लेकिन सच्चाई यह है कि गंगा केवल फाइलों में ही स्वच्छ और निर्मल हुई है हकीकत में यथावत स्थिति है और विचारे सीधे-साधे श्रद्धालु ऐसे ही गंदे पानी में डुबकी लगा रहे हैं और सरकारें इन गंगा भक्तों व श्रद्धालुओं की आस्था से किस तरह से खिलवाड़ कर रही हैं। अगर अभी भी लोग नहीं जागे तो वह दिन दूर नहीं जब मां गंगा एक गंदे नाले की तरह दिखाई देंगीं और हम सभी लोग इसी जल को फिल्टर करवाने के बाद सैकड़ों रुपए लीटर खरीद कर पिएंगे।

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