फà¥à¤°à¤¾à¤‚स दूतावास के अधिकारियों ने काफी दिलचसà¥à¤ªà¥€ दिखाई और कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ डंगवाल से इन विषयों में शोध व अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ हेतॠनिकट à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में करार की पेशकश की।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
देहरादून, दून विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° सà¥à¤°à¥‡à¤–ा डंगवाल की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में आयोजित बैठक में फà¥à¤°à¤¾à¤‚स दूतावास के सà¥à¤¤à¥‡à¤«à¤¾à¤¨ कà¥à¤°à¥à¤‚जा तथा à¤à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¯à¥à¤à¤² लंबà¥à¤° दामीयां ने दून विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में संचालित फà¥à¤°à¥‡à¤‚च à¤à¤¾à¤·à¤¾ के साथ-साथ अनà¥à¤¯ विषयों जैसे जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨, गà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤°, हिमालय इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ विषयों के साथ फà¥à¤°à¤¾à¤‚स के विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में शोध à¤à¤µà¤‚ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ हेतॠदà¥à¤µà¤¿à¤ªà¤•à¥à¤·à¥€à¤¯ समà¤à¥Œà¤¤à¥‹à¤‚ के संदरà¥à¤ में फà¥à¤°à¤¾à¤‚स दूतावास के अधिकारियों ने काफी दिलचसà¥à¤ªà¥€ दिखाई और कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ डंगवाल से इन विषयों में शोध व अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ हेतॠनिकट à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में करार की पेशकश की। फà¥à¤°à¤¾à¤‚स के अधिकारियों ने बताया कि उनके विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ हेतॠछातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को फैलोशिप फॉर छातà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ योजनाà¤à¤‚ à¤à¥€ संचालित हैं जिनका वे विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ लाठले सकते हैं जो वहां के विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के इचà¥à¤›à¥à¤• हों। कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° डंगवाल ने कहा कि दून विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में फà¥à¤°à¤¾à¤‚स à¤à¤¾à¤·à¤¾ के साथ-साथ कई विदेशी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं का अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ कराया जाता है। साथ ही हिमालय परिकà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में शोध व अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के लिठडॉकà¥à¤Ÿà¤° नितà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤‚द हिमालयन केंदà¥à¤° à¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ है। जिसके तहत राजà¥à¤¯ की à¤à¥Œà¤—ोलिक परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ के अनà¥à¤°à¥‚प विकास के मानक निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करने में सहायता मिलेगी।इस अवसर पर पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ हेमंत नंदन बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पूरà¥à¤µ कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹ à¤à¤¸à¥¦ पी० सिंह ने कहा कि जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ आज à¤à¤• बहà¥à¤¤ बड़ा शोध का विषय है और इसको समà¤à¤¨à¥‡ के लिठहिमालय को समà¤à¤¨à¤¾ आवशà¥à¤¯à¤• है। वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर हो रहे जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ से कृषि की उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¤¤à¤¾ बहà¥à¤¤ बड़े पैमाने पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हो रही है। हिमालय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कृषि के पिछड़ेपन के कारण गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में से बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में मानव संसाधनों का रोजगार की तलाश में पलायन à¤à¤• बड़ी चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ है। साथ ही गà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤°à¥‹à¤‚ के पिघलने से मानसून में परिवरà¥à¤¤à¤¨, सूखा, पेयजल संकट, वनागà¥à¤¨à¤¿, पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आपदाà¤à¤‚ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के साथ-साथ दैनिक जीवन की समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ à¤à¥€ जà¥à¤¡à¤¼à¥€ हैं और इसके समाधान के लिठà¤à¤• संयà¥à¤•à¥à¤¤ शोध संचालित करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। जिसके लिठविशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ को आगे आना होगा। पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¥‚गरà¥à¤ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ नवीन जैन ने कहा कि गà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤° का पिघलना या सिकà¥à¤¡à¤¼à¤¨à¤¾ वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ के लिठजिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लदà¥à¤¦à¤¾à¤–, कैलाश, गंगोतà¥à¤°à¥€, à¤à¥‚टान सहित कई हिमालय परीकà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के गà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤°à¥‹à¤‚ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से चरà¥à¤šà¤¾ की और कहा कि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का डॉकà¥à¤Ÿà¤° नितà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤‚द हिमालय अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ व शोध केंदà¥à¤° इस दिशा में अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के लिठकदम उठाà¤à¤—ा। इस अवसर पर विवि के पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° à¤à¤š सी पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤, डॉ० मंगल सिंह मंदà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², पà¥à¤°à¥‹à¥¦ हरà¥à¤· डोà¤à¤¾à¤², नरेंदà¥à¤° लाल, वरà¥à¤£ देव शरà¥à¤®à¤¾, शà¥à¤à¥à¤°à¤¾ कà¥à¤•à¤°à¥‡à¤¤à¥€ आदि शिकà¥à¤·à¤• व अधिकारी मौजूद थे।