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सांसदों के बीच झूमाझटकी फिर भी आरटीआई संशोधन बिल पास, विपक्ष का वोटिंग प्रक्रिया में धांधली का à


राज्यसभा में नाटकीय घटनाक्रम के दौरान गुरुवार काे सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ। इसके साथ ही इस पर संसद के दाेनाें सदनाें की मुहर लग गई। चुनाव में बैलेट से मतदान की मांग करने वाले विपक्षी दलों ने राज्यसभा में आरटीआई बिल को लेकर इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया से मत विभाजन नहीं होने पर हंगामा किया और धांधली का आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया। इससे पहले मंत्री अाैर भाजपा सदस्याें के बीच मतदान की पर्चियां बांटने पर झूमाझटकी भी हुई।

रिपोर्ट  - 

नई दिल्ली. राज्यसभा में नाटकीय घटनाक्रम के दौरान गुरुवार काे सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ। इसके साथ ही इस पर संसद के दाेनाें सदनाें की मुहर लग गई। चुनाव में बैलेट से मतदान की मांग करने वाले विपक्षी दलों ने राज्यसभा में आरटीआई बिल को लेकर इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया से मत विभाजन नहीं होने पर हंगामा किया और धांधली का आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया। इससे पहले मंत्री अाैर भाजपा सदस्याें के बीच मतदान की पर्चियां बांटने पर झूमाझटकी भी हुई। आरटीआई संशाेधन विधेयक को संसद की सिलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर विपक्ष को हार का सामना करना पड़ा। सरकार ने उच्च सदन में बहुमत जुटा लिया। विपक्ष का प्रस्ताव 75 के मुकाबले 117 वोटों से गिर गया। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आग बबूला होते हुए कहा कि आज जाहिर हो गया कि किस तरह इनकी लोकसभा में 303 सीटें आई हैं। मत विभाजन के लिए मतदान की पर्चियां सदन के स्टाफ के बजाय मंत्री और भाजपा सदस्यों द्वारा बांटने और एकत्रित करने पर विवाद हुआ। आमतौर पर राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारी बांटते हैं पर्चियां प्रावधानों के मुताबिक, मत विभाजन के दौरान पर्चियाें का वितरण और संग्रहण राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारी करते हैं। कांग्रेस ने आराेप लगाया कि भाजपा सदस्य यह सुनिश्चित कर रहे थे कि किसने किसे वोट दिया। मत विभाजन के शुरू में ही सदन के महासचिव ने स्पष्ट कर दिया था कि सदस्यों की सीटों का बंटवारा नहीं हाे पाया है लिहाजा मत पर्चियों से डाले जाएंगे। तेलुगू देशम पार्टी से भाजपा में शामिल हुए सीएम रमेश पर्चियां सदस्यों को बांटने लगे। इस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई। कांग्रेस की विप्लव और तृणमूल की डोला सेन ने रमेश के हाथ से पर्चियां छीनने का प्रयास किया। कांग्रेस सदस्य ने भाजपा सांसद रमेश का गिरेबान पकड़ने की कोशिश की कांग्रेस के रिपुन बोरा ने रमेश का गिरेबान पकड़ने की कोशिश की। इससे सदन में धक्कामुक्की और अव्यवस्था का माहौल बन गया। दोनों पक्षों के वरिष्ठ सदस्यों ने बीच बचाव किया। इससे पहले विधेयक के विरोध में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और करीब दो घंटे तक वे सभापति के आसन के पास आकर नारेबाजी करते रहे और कागज के टुकड़े लहराते रहे जिसे देखते हुए चार बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सरकार की ओर से कहा गया है कि यह विधेयक सूचना आयुक्तों के वेतन और नियुक्ति की शर्तों के बारे में हैं और आरटीआई के अधिकारों में कमी नहीं की गई है। विपक्ष ने वॉकआउट किया क्योंकि उनके पास नंबर नहीं थे: भाजपा भाजपा प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने आरटीआई बिल के विरोध में वॉकआउट किया क्योंकि उनके पास बहुमत नहीं था। सिर्फ 75 सदस्यों ने बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने के पक्ष में वोटिंग की। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का वोटिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाना निराधार और मूर्खतापूर्ण है। लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद वह हारने वाले अहंकारी नेता बन चुके हैं।'

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