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ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में वृहद वृक्षारोपरण एवं स्व0 सुन्दरलाल बहुगुणा रूद्राक्ष वाटिका का उद्धाटन।


ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में पर्यावरण सप्ताह मनाते हुए वृहद वृक्षारोपरण एवं स्व0 सुन्दरलाल बहुगुणा रूद्राक्ष वाटिका का उद्धाटन।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज़ भारत

हरिद्वार 13.06.2021, ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में पर्यावरण सप्ताह मनाते हुए वृहद वृक्षारोपरण एवं स्व0 सुन्दरलाल बहुगुणा रूद्राक्ष वाटिका का उद्धाटन। महामहिम राज्यपाल उत्तराखण्ड श्रीमती बेबी रानी मौर्य के मुख्य निर्देशन एवं कुलपति उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रो0डा0 सुनील कुमार जोशी के संयोजन में ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के चिकित्सालय परिसर में एक वृहद वृक्षारोपण एवं स्व0 श्री सुन्दरलाल बहुगुणा रूद्राक्ष वाटिका का उद्धाटन किया गया। जिसमें कोविड-19 गाईडलाइन का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाते हुए ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सभी अधिकारी/कर्मचारियों एवं पी0जी0 स्कालरस ने प्रतिभाग किया। कुलपति प्रोफेसर सुनील जोशी ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी ने जनमानस को महसूस करा दिया है कि वातावरण में आक्सीजन कितनी महत्वपूर्ण है और आक्सीजन के संतुलन को बनाये रखने के लिए प्रकृति तथा पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है। कुलसचिव, प्रांेफेसर उत्तम शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं को कम से कम 100 पौधे अवश्य रोपित करने चाहिए, तथा पौधा रोपण के बाद उसके वृक्ष बनने तक पौधे की सिंचाई एवं सुरक्षा वृक्षारोपणकर्ता को स्वयं करनी होगी तभी वृक्षारोपण सही मायने में सफल होगा। ऋषिकुल परिसर परिसर निदेशक, प्रोफेसर अनूप गक्खड़ ने कहा कि युवा पीढी़ ने कोविड संक्रमण काल के भय से घर को सुरक्षित बनाने हेतु अपने घरों एवं कार्यस्थल परिसरों में पौधा रौपण कर पर्यावरण संरक्षण की महत्ता को समझा है, जिससे सभी वृक्षा रौपण के लिये बढ-चढकर भाग ले रहे है। गुरूकुल परिसर निदेशक, प्रोफेसर अरूण तिपाठी ने कहा कि पर्यावरण को बचाना आज के परिपेक्ष्य में बहुत जरूरी है। अतः हमें युद्ध स्तर पर पेड-पौधे लगाने हेतु विशेष अभियान चलाने की जरूरत है, तभी हम और हमारा पर्यावरण सुरक्षित रह पायेगा। चिकित्सालय अधीक्षक, डा0 के0 के0 शर्मा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की आदत हमें अपनी दिनचर्या में ही विकसित करनी होगी अगर जीवन को बचाना है तो पर्यावरण को बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए शरीर रचना विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफसर डा0 नरेश चैधरी ने कहा कि प्रकृति और मानव एक दूसरे के पूरक है और हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रकृति पर आश्रित है। प्रकृति के वगैर हमारा अस्तित्व संभव नही है। प्रकृति का संरक्षण हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है, धरती को हरा-भरा रखने और पर्यावरण के संवर्धन के प्रति जनमानस को जागरूक होकर वातावरण को शुद्ध करने के लिये अधिक से अधिक वृक्षारौपण करना चाहिए। कार्यक्रम में डा0 डी0सी0 सिंह, डा0 ओ0पी0सिंह, डा0 अजय गुप्ता, डा0 सुमन मिश्रा, डा0 अनिल वर्मा, डा0 राजीव कुरेला, डा0 प्रियंका रानी, चीफ फार्मासिस्ट जगपाल सिंह नेगी, समीर पाण्डेय, खीमानन्द भट्ट, मोहित मनोचा, सुदामा प्रसाद, के साथ प्रेसक्लब के अध्यक्ष राजेन्द्र गौस्वामी, सचिव, राजकुमार पूर्व अध्यक्ष दीपक नौटियाल, वरिष्ठ पत्रकार तनुज वालिया आदि ने सक्रिय सहभागिता की।

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