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"हरिद्वार नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही से सरकार को करोड़ों का चूना" असमाजिक"अराजक तत्वों की गिरफ्त में हरकी पैड़ी"


नगर पालिका/निगम के बाइलॉज अनुसार बिना अनुमति के हरकी पौड़ी क्षेत्र में फोटोग्राफी करना बर्जित है लेकिन नगर निगम के अधिकारियों के संरक्षण में यह काला करोबार धड़ल्ले से फलफूल रहा है इस क्षेत्र में सैंकड़ों की तादात मेंअराजक व असमाजिक तत्व खुले रूप से घूमकर फोटोग्राफी की आड़ में गँगा में नहा रही महिलाओं व युवतियों की अश्लील फोटोग्राफी ही नहीं करते बल्कि तीर्थ यात्रियों की जेब काटने व उठाईगिरी के धंधे में भी लिप्त हो रहे हैं|

रिपोर्ट  - à¤…जय शर्मा

हरिद्वार(अजय शर्मा) भले ही कहने को उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के आदेशानुसार विश्व प्रसिद्ध हरकी पौड़ी औऱ इसके आसपास के क्षेत्र की सुचारू व्यवस्था का जिम्मा हरिद्वार के जिलाधिकारी व एसएसपी पर हो लेकिन इसके विपरीत उपरोक्त क्षेत्र पूरी तरह असमाजिक व अराजक तत्वों की गिरफ्त में है। इतना ही नहीं नगर निगम के अधिकारियों की घोर लापरवाही व निजी स्वार्थों के चलते सरकार को प्रतिवर्ष लाखों की चपत लगाई जा रही है। बता दें कि नगर पालिका/निगम के बाइलॉज अनुसार बिना अनुमति के हरकी पौड़ी क्षेत्र में फोटोग्राफी करना बर्जित है लेकिन नगर निगम के अधिकारियों के संरक्षण में यह काला करोबार धड़ल्ले से फलफूल रहा है इस क्षेत्र में सैंकड़ों की तादात मेंअराजक व असमाजिक तत्व खुले रूप से घूमकर फोटोग्राफी की आड़ में गँगा में नहा रही महिलाओं व युवतियों की अश्लील फोटोग्राफी ही नहीं करते बल्कि तीर्थ यात्रियों की जेब काटने व उठाईगिरी के धंधे में भी लिप्त हो रहे हैं आपको यह भी बता दें कि कुछ स्थनीय लोगो की पहल पर वर्षो पहले नगर पालिका ने नियमानुसार इस क्षेत्र में फोटोग्राफी की अनुमति दी थी और फोटोग्राफरों का पुलिस सत्यापन के बाद लाइसेंस फीस जमा करके उन्हें लाइसेंस जारी किए गए थे जिसे नगर पालिका/निगम को लाखों की आय भी हुई लेकिन पिछले कई बर्षों से नगर निगम ने इस संबंध में कोई लाइसेंस जारी नहीं किये हैं निगम के अधिकारियों के निजी स्वार्थों व लापरवाही से अब तक सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा चुका है इतना ही नहीं फोटोग्राफी की आड़ में सैंकड़ों युवक गैर क़ानूनी कार्यों में लिप्त हैं यहाँ यह भी उल्लेखनीय है की वर्ष-2012 में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर आदेश पारित करते हुए इस अति महत्वपूर्ण क्षेत्र की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने हेतु हरिद्वार के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की जिमेदारी तय की थी लेकिन बिडम्बना देखिये की उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी इस क्षेत्र की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है और यह क्षेत्र असमाजिक व अराजक तत्वों की फिरफ्त में है।

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