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भारतीय संविधान लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं पर खरा उतरा: अमरीश कुमार


भारतीय संविधान की 70 वीं वर्षगांठ के अवसर पर सामाजिक संस्था जन अधिकार अभियान के तत्वावधान में प्रेस क्लब हरिद्वार के सभागार में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

प्रेस क्लब सभागार में जन अधिकार अभियान ने मनाया भारतीय संविधान दिवस भारतीय संविधान लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं पर खरा उतरा हरिद्वार 26 नवंबर । भारतीय संविधान की 70 वीं वर्षगांठ के अवसर पर सामाजिक संस्था जन अधिकार अभियान के तत्वावधान में प्रेस क्लब हरिद्वार के सभागार में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी का विषय था -"भारतीय संविधान दिशा और दशा।" गोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। भारत के संविधान की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए मुख्य वक्ता पूर्व विधायक विचारक उत्तराखंड लोक लेखा समिति के प्रथम अध्यक्ष रहे अमरीश कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान में चेक एंड बैलेंस यानि रोक और संतुलन की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान लोगों की आशाओं आकांक्षाओं पर खरा साबित हुआ है भारतीय संविधान विस्तृत होने के साथ-साथ सरल भी है। स्वामी विवेकानंद का उल्लेख करते हुए अमरीश कुमार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि झोपड़ियों से नए भारत का उदय होगा और हमारे संविधान ने विवेकानंद के नए भारत के सपने को साकार किया और भारतीय संविधान के कारण ही पिछड़े, दलित, गरीब सत्ता के शीर्ष तक पहुंचे। अध्यक्षीय संबोधन में गंगा सभा के पूर्व अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी ने कहा कि भारतीय संविधान बहुत मजबूत है। संविधान की इसी खूबी के कारण भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था निर्बाध रूप से चल रही है। आज महाराष्ट्र की घटना इसका ज्वलंत उदाहरण है । उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के कारण देश में समय-समय पर तीन रक्तहीन क्रांति हुई। उन्होंने कहा कि जैसे अलग-अलग धर्मों के लोगों के लिए उनके अलग-अलग धर्म ग्रंथ पूजनीय है। वैसे ही भारत के हम लोगों के लिए भारत का संविधान सर्वोपरि और पूजनीय है और भारतीय संविधान में मीडिया को चौथे स्तंभ के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है और हमें विचारों की अभिव्यक्ति प्रदान की गई है। भारतीय संविधान में प्रदत्त अधिकारों पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार अनंत मित्तल ने कहा कि भारतीय संविधान में सामाजिक समरसता कायम करते हुए समाज के पिछड़े तबकों वंचितों को संविधान के द्वारा विशेष अधिकार मिले जिस कारण वह समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए । उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में 90 के दशक में एक सामाजिक रक्तहीन क्रांति हुई और अन्य पिछड़े वर्गों को नौकरियों में आरक्षण प्रदान कर सामाजिक उत्थान का कार्य किया गया। एन यू जे के प्रदेश अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार बृजेंद्र हर्ष ने कहा कि भारतीय संविधान में लोगों को अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों के पालन की बात भी कही गई है और हमें अपने कर्तव्यों का निर्वहन भी करना चाहिए। गोष्ठी का संचालन करते हुए के मुख्य संयोजक वरिष्ठ पत्रकार बालकृष्ण शास्त्री ने कहा छब्बीस जनवरी 19 50 को भारतीय संविधान को लागू किया गया और भारत का भारत गणतंत्र बना और वही 70 साल पूर्व 26 नवंबर को भारतीय संविधान को संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद की अगुवाई में संविधान सभा ने हमारे संविधान को अंगीकार किया। इस अवसर पर जन अधिकार अभियान के प्रदेश अध्यक्ष सुनील दत्त पांडेय और सचिव मनोज खन्ना ने अतिथियों का आभार जताया। इस अवसर पर मुरली मनोहर सुंदर सिंह मनवाल, वरुण बालियान ,वरिष्ठ पत्रकार ललिततेंद्र नाथ जोशी, नरेश गुप्ता, दीपक नौटियाल,सुभाष कपिल , विक्रम छाछर ,अविक्षित रमन ,मुदित अग्रवाल ,श्रवण झा, डॉ हिमांशु द्विवेदी, धर्मेंद्र चौधरी रामेश्वर दयाल शर्मा ,ठाकुर शैलेंद्र सिंह, नौशाद खान ,सुनील पाल, विकास चौहान ,नरेश दीवान शैली ,रामेश्वर गौड़, रविंद्र सिंह ,राजन सहगल ,सूर्यकांत बेलवाल ,सचिन कुमार ,प्रीत कमल आदि उपस्थित थे।

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