केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ हिंदी संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨-आगरा, जवाहरलाल नेहरू विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ तथा अनà¥à¤¯ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में लगà¤à¤— 38 देशों से हिंदी सीखने आठलगà¤à¤— 125 विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का à¤à¤• दल आज पतंजलि योगपीठपहà¥à¤à¤šà¤¾à¥¤
रिपोर्ट -
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 01 दिसमà¥à¤¬à¤°à¤ƒ केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ हिंदी संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨-आगरा, जवाहरलाल नेहरू विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ तथा अनà¥à¤¯ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में लगà¤à¤— 38 देशों से हिंदी सीखने आठलगà¤à¤— 125 विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का à¤à¤• दल आज पतंजलि योगपीठपहà¥à¤à¤šà¤¾à¥¤ इस अवसर पर अपनी मधà¥à¤° वाणी से विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ आचारà¥à¤¯ ने कहा कि विशà¥à¤µ के किसी à¤à¥€ देश में आपको इतनी विविधता नहीं मिलेगी, जितनी à¤à¤¾à¤°à¤¤ में है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ को समà¤à¤¨à¥‡ से पूरà¥à¤µ आपको à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मूल सà¥à¤µà¤°à¥‚प को समà¤à¤¨à¤¾ होगा। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कण-कण में मानवता, संवेदना, करà¥à¤£à¤¾, पà¥à¤°à¥‡à¤® तथा सहयोग करने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ निहित है। इस अवसर पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का परिचय पतंजलि से कराया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि लगà¤à¤— 4000 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ à¤à¤• महानॠऋषि हà¥à¤ जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने योग की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की। योग के आदिगà¥à¤°à¥ ‘महरà¥à¤·à¤¿ पतंजलि’ के नाम पर हमने पतंजलि योगपीठकी सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की जो समाजसेवा में अहरà¥à¤¨à¤¿à¤¶ संलगà¥à¤¨ है। आचारà¥à¤¯ जी ने कहा कि हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ परंपरागत चिकितà¥à¤¸à¤¾ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ योग व आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के माधà¥à¤¯à¤® से रोगियों का उपचार करते हैं किनà¥à¤¤à¥ रोग की जाà¤à¤š हम Modern Medicine System के माधà¥à¤¯à¤® से करते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि पूरे देश में हमारे लगà¤à¤— 1500 चिकितà¥à¤¸à¤¾à¤²à¤¯ हैं जिनमें पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¹ लाखों-करोड़ों रोगियों को निःशà¥à¤²à¥à¤• चिकितà¥à¤¸à¤•à¥€à¤¯ परामरà¥à¤¶ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया जाता है। आचारà¥à¤¯ जी ने बताया कि हमारे पास EMR System है जिसके माधà¥à¤¯à¤® से हमने लगà¤à¤— à¤à¤• करोड़ रोगियों का डाटा सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ किया है, जो किसी à¤à¥€ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के पास उपलबà¥à¤§ नहीं है। आचारà¥à¤¯ जी ने विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¤¾à¥‡à¤‚ को पतंजलि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जनसेवारà¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की जाने वाली सेवाओं की जानकारी देते हà¥à¤ बताया कि लगà¤à¤— 4000 से 5000 रोगियों को à¤à¤•à¤¸à¤¾à¤¥ योग का पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ देने हेतॠहमारे पास दो विशाल ऑडिटोरियम हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• चिकितà¥à¤¸à¤¾ हेतॠलगà¤à¤— 150 à¤à¤•à¥œ में बना नेचà¥à¤°à¥‹à¤ªà¥ˆà¤¥à¥€ केनà¥à¤¦à¥à¤° योगगà¥à¤°à¤¾à¤® है। पतंजलि आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ कॉलेज, आचारà¥à¤¯à¤•à¥à¤²à¤®à¥, वैदिक गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¤®à¥, वैदिक कनà¥à¤¯à¤¾ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¤®à¥, पतंजलि गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¤®à¥ तथा बाल गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¤®à¥ आदि शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ हैं जो बिना किसी लाà¤à¤¾à¤‚श (No Profit No Loss) के सेवारà¥à¤¥ चलाठजा रहे हैं। शोध संबंधी सेवाओं के विषय में बताते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हम धरà¥à¤® को विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ मानते हैं। पतंजलि के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अनà¥à¤¸à¤‚धान का बहà¥à¤¤ बड़ा कारà¥à¤¯ किया जा रहा है। पतंजलि अनà¥à¤¸à¤‚धान संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में हमारे पास आधà¥à¤¨à¤¿à¤• लैब, इन-विटà¥à¤°à¥‹ विà¤à¤¾à¤— तथा पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ का बड़ा दल मौजूद है। हम योग, आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦, खादà¥à¤¯ व हरà¥à¤¬à¤² सौंदरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤§à¤¨ आदि पर अनà¥à¤¸à¤‚धान कर रहे हैं। आचारà¥à¤¯ जी ने बताया कि विशà¥à¤µ में लगà¤à¤— 3 लाख 60 हजार पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पौधे पाठजाते हैं किनà¥à¤¤à¥ विशà¥à¤µ की परंपरागत चिकितà¥à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किठजाने वाले औषधीय पौधों की जानकारी अà¤à¥€ तक मौजूद नहीं है। विशà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ संगठन ने इसके लिठवरà¥à¤· 2010 में कारà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया था किनà¥à¤¤à¥ इसकी जटिलता को देखते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इसे बीच अधर में छोड़ दिया। इसे पूरा करने का कारà¥à¤¯ अब पतंजलि के माधà¥à¤¯à¤® से किया जा रहा है। पतंजलि ने औषधीय पौधों की Check List बनाई है जिसमें लगà¤à¤— 65,000 औषधीय पौधों को संलगà¥à¤¨ किया गया है। पतंजलि अनà¥à¤¸à¤‚धान संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में विशà¥à¤µ à¤à¥ˆà¤·à¤œ संहिता (World Herbal Encyclopedia) पर तेजी से कारà¥à¤¯ किया जा रहा है। इस कारà¥à¤¯ में लगà¤à¤— 100 वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• अहरà¥à¤¨à¤¿à¤¶ संलगà¥à¤¨ हैं। साथ ही पतंजलि के शोध-पतà¥à¤° (Research Papers) विशà¥à¤µ की विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं जैसे नेचर इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ में आठदिन पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ होते रहते हैं। इस अवसर पर कजाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के à¤à¤• विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ ने कहा कि यह हमारे लिठसà¥à¤¨à¤¹à¤°à¤¾ अवसर है कि हमें à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ तथा à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को जानने व समà¤à¤¨à¥‡ का अवसर मिल रहा है। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ हिंदी संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ आगरा से शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जानकी देवी, समाजसेवी à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•à¤° जी à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का à¤à¤¾à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤œ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ आचारà¥à¤¯ जी ने सà¤à¥€ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¤²à¤¿à¤–ित साहितà¥à¤¯ व रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· की माला à¤à¥‡à¤‚ट की। उकà¥à¤¤ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, अजरबेजान, बंगलादेश, बà¥à¤²à¥à¤—ारिया, कैमरून, चीन, मिशà¥à¤°, जापान, गà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾, मौरिशस, नाइजिरिया, दकà¥à¤·à¤¿à¤£ कोरिया, पोलैणà¥à¤¡, रोमानिया, शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का, मोरकà¥à¤•à¥‹, कजाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, थाईलैणà¥à¤¡, तà¥à¤°à¤¿à¤¨à¤¿à¤¦à¤¾à¤¦, टà¥à¤¯à¥‚नेशिया, तà¥à¤°à¥à¤•à¥€, यà¥à¤•à¥à¤°à¥‡à¤¨, उजबेकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ तथा रूस आदि देशों से हिंदी विषय में सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• तथा डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾ कोरà¥à¤¸ करने हेतॠà¤à¤¾à¤°à¤¤ आठहैं।