संतानदायिनी शकà¥à¤¤à¤¿ शिरोमणि माता अनसूया का दो दिवसीय मेला पूरे विधि विधान व पूजा-पाठके साथ बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° से शà¥à¤°à¥‚ हो गया। जिला पंचायत अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ रजनी à¤à¤‚डारी ने मेले का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया। इस अवसर पर माता अनसूया मंदिर को फूल मालाओं से सजाया गया। माॅ अनसूया मंदिर में दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ जयंती पर समà¥à¤®à¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ से हर वरà¥à¤· निसंतान दंपतà¥à¤¤à¤¿ और à¤à¤•à¥à¤¤à¤œà¤¨ अपनी मनोकामना पूरà¥à¤£ करने के लिठपहà¥à¥…चते है।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
चमोली, संतानदायिनी शकà¥à¤¤à¤¿ शिरोमणि माता अनसूया का दो दिवसीय मेला पूरे विधि विधान व पूजा-पाठके साथ बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° से शà¥à¤°à¥‚ हो गया। जिला पंचायत अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ रजनी à¤à¤‚डारी ने मेले का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया। इस अवसर पर माता अनसूया मंदिर को फूल मालाओं से सजाया गया। माॅ अनसूया मंदिर में दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ जयंती पर समà¥à¤®à¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ से हर वरà¥à¤· निसंतान दंपतà¥à¤¤à¤¿ और à¤à¤•à¥à¤¤à¤œà¤¨ अपनी मनोकामना पूरà¥à¤£ करने के लिठपहà¥à¥…चते है। इस बार संतान कामना के लिठ150 बरोहियों (निसंतान दंपति) ने मंदिर में रातà¥à¤°à¤¿ जागरण के लिठपंजीकरण कराया है। मेले के दौरान पूरे पैदल मारà¥à¤— में सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के à¤à¥€ कडे इंतेजाम किठगठहै। जिलाधिकारी सà¥à¤µà¤¾à¤¤à¤¿ à¤à¤¸ à¤à¤¦à¥Œà¤°à¤¿à¤¯à¤¾, मà¥à¤–à¥à¤¯ विकास अधिकारी हंसादतà¥à¤¤ पांडे à¤à¤µà¤‚ अपर जिलाधिकारी à¤à¤®à¤à¤¸ बरà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ ने बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को अनसूया मंदिर पहà¥à¥…चकर मां अनसूया के दरवार में पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की। इस दौरान जिलाधिकारी ने अनसूया मेला टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ समिति के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· बीà¤à¤¸ à¤à¤¿à¤•à¥à¤µà¤¾à¤‚ण से मेले की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं के बारे में जानकारी ली। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ समिति के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· को यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के लिठकंबल, रैनबसेरा आदि जरूरी आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ के लिठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ उपलबà¥à¤§ कराने की बात कही। कहा कि जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की ओर से शà¥à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤²à¥à¤“ं के लिठअनसूया मंदिर में जरूरी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ का पूरा पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया जाà¤à¤—ा। इस दौरान जिलाधिकारी ने अनसूया पैदल मारà¥à¤— पर यातà¥à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का जायजा लेते हà¥à¤ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ हेतॠआवशà¥à¤¯à¤• दिशा निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ à¤à¥€ दिà¤à¥¤ मंदिर परिसर में वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं को जायजा लेने के बाद जिलाधिकारी, मà¥à¤–à¥à¤¯ विकास अधिकारी तथा अपर जिलाधिकारी देर रात को अनसूया से वापस गोपेशà¥à¤µà¤° पहà¥à¥…चे। इस दौरान जिला आपदा पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¨ अधिकारी ननà¥à¤¦ किशोर जोशी à¤à¥€ मौजूद रहे। विदित हो कि पौराणिक काल से दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ जंयती पर हर वरà¥à¤· सती माता अनसूया में दो दिवसीय मेला लगता है। माॅ अनà¥à¤¸à¥‚या मेले में निसंतान दंपतà¥à¤¤à¤¿ और à¤à¤•à¥à¤¤à¤œà¤¨ अपनी मनोकामना पूरà¥à¤£ करने के लिठपहà¥à¥‚चते है। मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि मां के दर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। मां सबकी à¤à¥‹à¤²à¥€ à¤à¤°à¤¤à¥€ है। इसलिठनिसंतान दंपतà¥à¤¤à¤¿ पूरी रात जागकर मां की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ कर करते है। पौराणिक मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इस मंदिर में जप और यजà¥à¤ž करने वालों को संतान की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है। इसी मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, इसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर माता अनसूया ने अपने तप के बल पर तà¥à¤°à¤¿à¤¦à¥‡à¤µ (बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾, विषà¥à¤£à¥ और शंकर) को शिशॠरूप में परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ कर पालने में खेलने पर मजबूर कर दिया था। बाद में काफी तपसà¥à¤¯à¤¾ के बाद तà¥à¤°à¤¿à¤¦à¥‡à¤µà¥‹à¤‚ को पà¥à¤¨à¤ƒ उनका रूप पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया और फिर यहीं तीन मà¥à¤– वाले दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ का जनà¥à¤® हà¥à¤†à¥¤ इसी के बाद से यहां संतान की कामना को लेकर लोग आते हैं। यहां दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ मंदिर की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ की गई है। बताते है कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾, विषà¥à¤£à¥ और महेश ने मां अनà¥à¤¸à¥‚या के सतीतà¥à¤µ की परीकà¥à¤·à¤¾ लेनी चाही थी, तब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तीनों को शिशॠबना दिया। यही तà¥à¤°à¤¿à¤°à¥‚प दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ à¤à¤—वान बने। उनकी जयंती पर यहां मेला और पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ होती है।