देवà¤à¥‚मि पहà¥à¤‚चकर आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के रंग में रंगे मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ अखणà¥à¤¡ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ में लिखा à¤à¤•-à¤à¤• शबà¥à¤¦ मà¥à¤à¥‡ मंतà¥à¤° सà¥à¤µà¤°à¥‚प लगता हैः मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶
रिपोर्ट - आल नà¥à¤¯à¥‚ज़ à¤à¤¾à¤°à¤¤
मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के माननीय मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ शिवराज सिंह चैहान शांतिकà¥à¤‚ज सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ जयंती वरà¥à¤· के अवसर पर देव संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¤µà¤‚ शांतिकà¥à¤‚ज पधारे। यहां परिवार सहित उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सनातन à¤à¤µà¤‚ ऋषि परंपरा आधारित शांतिकà¥à¤‚ज के आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• दिनचरà¥à¤¯à¤¾ को अपनाया। अखिल विशà¥à¤µ गायतà¥à¤°à¥€ परिवार के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• à¤à¤µà¤‚ यà¥à¤— निरà¥à¤®à¤¾à¤£ योजना के उदà¥à¤˜à¥‹à¤·à¤• वेदमूरà¥à¤¤à¤¿ तपोनिषà¥à¤ पंडित शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® शरà¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯ जी के जीवन दरà¥à¤¶à¤¨ को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं के समकà¥à¤· अपने अनà¥à¤à¤µ के साथ रखा। मà¥à¤–à¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® मृतà¥à¤¯à¥à¤œà¤‚य सà¤à¤¾à¤—ार में दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤², देवपूजन और देव संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विवि. के कà¥à¤²à¤—ीत à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤¾à¤—त के साथ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहà¥à¤†à¥¤ शांतिकà¥à¤‚ज सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ जयंती वरà¥à¤· वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ माला के अंतरà¥à¤—त परम पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ का जीवन दरà¥à¤¶à¤¨ विषय पर परिजनों को संबोधित करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मेरा सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ है कि यहां आने का अवसर मà¥à¤à¥‡ मिला। मैं गायतà¥à¤°à¥€ परिवार का सदसà¥à¤¯ के रूप में आया हूं, यहां आकर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾-पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ से à¤à¤°à¤¾ महसूस कर रहा हूं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हम उस परंपरा से आते है जहां हजारों वरà¥à¤· पहले ऋषियों-मà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के तप से à¤à¤¾à¤°à¤¤ विशà¥à¤µà¤—à¥à¤°à¥ बना। जहां वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤‚बकमà¥, आतà¥à¤®à¤µà¤¤à¥-सरà¥à¤µà¤à¥‚तेषू का à¤à¤¾à¤µ परिलकà¥à¤·à¤¿à¤¤ होता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परम पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ अपने जीवन के कà¥à¤› घटनाओं को सà¤à¥€ शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं के साथ साà¤à¤¾ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मेरे जीवन का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ उस कà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤«à¥‚टित हà¥à¤† जब मैनें परम पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ पंडित शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® शरà¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯ जी का पà¥à¤°à¤¥à¤® दरà¥à¤¶à¤¨ किया। सनॠ१९८० की घटना को याद करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि होशांगाबाद के सेठानीघाट पर गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ से दीकà¥à¤·à¤¾ संसà¥à¤•à¤¾à¤° लेते समय गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ की चमकती हà¥à¤ˆ आंखें आज à¤à¥€ उसी तरह नजर आती है और मà¥à¤à¥‡ सही रासà¥à¤¤à¤¾ दिखाने में सतत मदद करती हैं, मैं जो कà¥à¤› à¤à¥€ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ कर पा रहा हूं वह परम पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ की कृपा से कर पा रहा हूं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ के विराट वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ à¤à¤°à¥‡ जीवन को बड़े सरल शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में गायतà¥à¤°à¥€ परिजनों के समकà¥à¤· रखा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि यà¥à¤—ऋषि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ चलाठगठसपà¥à¤¤ आंदोलन साधना, शिकà¥à¤·à¤¾, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£, सà¥à¤µà¤¾à¤µà¤²à¤‚बन, नारी जागरण, वà¥à¤¯à¤¸à¤¨ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ आदरà¥à¤¶ गà¥à¤°à¤¾à¤® को मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ शासन में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ योजनाओं के माधà¥à¤¯à¤® से लागू किया साथ ही इसका पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· लाठवहां की जनता को मिल रहा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जनता की सेवा ही मेरी साधना है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गायतà¥à¤°à¥€ परिवार सà¥à¤µà¤‚य सेवकों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठजा रहे कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¾ की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि विशà¥à¤µ का शाशà¥à¤µà¤¤ शांति की ओर मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ करेगा जिसमे अखिल विशà¥à¤µ गायतà¥à¤°à¥€ परिवार जैसे आधातà¥à¤®à¤¿à¤•-सामाजिक संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ योगदान होगा। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ देसंविवि के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ.चिनà¥à¤®à¤¯ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने माननीय मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करते हà¥à¤ कहा कि आज अतà¥à¤¯à¤‚त सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ का कà¥à¤·à¤£ है कि à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ से यà¥à¤—ऋषि गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ के जीवन को सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ को अवसर मिला है, जो सà¥à¤µà¤¯à¤‚ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ के दिखाठरासà¥à¤¤à¥‡ पर चलकर सामाजिक जीवन की उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ को हासिल किà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में जब धरà¥à¤® à¤à¤• वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° बन गया है, लोग à¤à¤—वान का मूलà¥à¤¯ इस आधार पर तय करते है कि कौन कितनी मनोकामना पूरà¥à¤£ करता है लोग à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ है। à¤à¤¸à¥‡ समय में मानवता का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ जगाने यà¥à¤—ऋषि आà¤à¥¤ यà¥à¤—ऋषि गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ से जà¥à¥œà¤¨à¥‡ का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ जनà¥à¤®-जनà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ के पà¥à¤£à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के संगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ होने पर मिलता है। उनकी चेतना का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करने, उनकी यà¥à¤— निरà¥à¤®à¤¾à¤£ योजना में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होने का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ हमें मिला है। बल साधन का नहीं साधनाओं में है, मनà¥à¤·à¥à¤¯ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। यà¥à¤—ऋषि के विचारों को जन-जन तक पहà¥à¤‚चाने पर मनà¥à¤·à¥à¤¯ में देवतà¥à¤µ का उदय à¤à¤µà¤‚ धरती पर सà¥à¤µà¤°à¥à¤— का अवतरण सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ हैं। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अंत में कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ ने मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ शिवराज सिंह चैहान को गायतà¥à¤°à¥€ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ चिनà¥à¤¹, गंगाजल à¤à¤µà¤‚ पंडित शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® शरà¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯à¤œà¥€ का साहितà¥à¤¯ देकर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ à¤à¤µà¤‚ मंचासीन अतिथियों ने देसंविवि के डिगà¥à¤°à¥€ हो पाना तो पांच वृकà¥à¤· लागाना योजना, पà¥à¤¨à¥€à¤¤ गरà¥à¤µà¤‚श दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखित पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤£ परिवार खंड ३ à¤à¤µà¤‚ दिलीप सराहा दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखित गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ उदà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का विमोचन किया। इस अवसर पर कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ शरद पारधी, कà¥à¤²à¤¸à¤šà¤¿à¤µ शà¥à¤°à¥€ बलदाऊ देवांगन, शांतिकà¥à¤‚ज कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾, मीडियाकरà¥à¤®à¥€, पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• अधिकारी, शांतिकà¥à¤‚ज à¤à¤µà¤‚ देसंविवि के सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾ सहित समसà¥à¤¤ शिकà¥à¤·à¤•à¤—ण à¤à¤µà¤‚ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे। इससे पूरà¥à¤µ बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° रातà¥à¤°à¤¿ में माननीय मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ का आगमन हà¥à¤†à¥¤ उनका सà¥à¤µà¤¾à¤—त पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ. चिनà¥à¤®à¤¯ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने पà¥à¤·à¥à¤ª गà¥à¤šà¥à¤› अरà¥à¤ªà¤£ कर किया। विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने पà¥à¤·à¥à¤ª वरà¥à¤·à¤¾ कर अà¤à¤¿à¤¨à¤‚दन किया। माननीय मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के अतिथि गृह में किया। गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° की सà¥à¤¬à¤¹ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परम पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ के आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• दिनचरà¥à¤¯à¤¾ का पालन किया। पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ काल योग-साधना, संधà¥à¤¯à¤¾ वंदन कर देसंविवि के ऊरà¥à¤œà¤¾ और शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ के केंदà¥à¤° माने जाने वाले पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महादेव मंदिर के पवितà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में सपतà¥à¤¨à¥€à¤• रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• कर विशà¥à¤µà¤•à¤²à¥à¤¯à¤¾à¤£ की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की। यहां उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मोलशà¥à¤°à¥€ का पौधा à¤à¥€ लगया। ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देसंविवि सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤¥à¤® बालà¥à¤Ÿà¤¿à¤• सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ केनà¥à¤¦à¥à¤°, सà¥à¤µà¤¾à¤µà¤²à¤‚बन आधारित विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ªà¥‹à¤‚ का अवलोकन किया। शांतिकà¥à¤‚ज पहà¥à¤‚चकर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने परम पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ à¤à¤µà¤‚ माताजी की समाधि सà¥à¤¥à¤² पर पà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया। साथ ही १९२६ से पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ अखणà¥à¤¡ दीपक à¤à¤µà¤‚ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ-माताजी के पावन ककà¥à¤· का दरà¥à¤¶à¤¨ कर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लिया। मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सेवक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤“ं से à¤à¥‡à¤‚ट वारà¥à¤¤à¤¾ कर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯ के विकास संबंधित कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की चरà¥à¤šà¤¾ की। देसंविवि के कà¥à¤²à¤¾à¤§à¤¿à¤ªà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ अखिल विशà¥à¤µ गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ. पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ व शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯à¤¾ शैल जीजी से à¤à¥‡à¤‚ट कर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड राजà¥à¤¯ के विकास, यà¥à¤µà¤¾ à¤à¤µà¤‚ महिला जागरण विषय पर विचार-विमरà¥à¤¶ किया।