देश की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ आज सबसे अहम तथा à¤à¤• बडी चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ बनकर सामने आ रही है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ जहां परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के बढते असनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ से चिंतित है, वही आतंकवाद जैसी विशà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ समसà¥à¤¯à¤¾ के कारण पडोसी देशों से आपसी समà¥à¤¬à¤‚ध को बेहतर बनाने की दिशा मे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ जारी है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°-15 जनवरी, देश की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ आज सबसे अहम तथा à¤à¤• बडी चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ बनकर सामने आ रही है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ जहां परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के बढते असनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ से चिंतित है, वही आतंकवाद जैसी विशà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ समसà¥à¤¯à¤¾ के कारण पडोसी देशों से आपसी समà¥à¤¬à¤‚ध को बेहतर बनाने की दिशा मे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ जारी है। हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• डॉ0 शिवकà¥à¤®à¤¾à¤° चौहान का कहना है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° à¤à¤¸à¤¾ देश है, जो आतंकवाद रूपी शैतान के छदम यà¥à¤¦à¥à¤µ से रोज लड रहा है। यह आतंकवाद अब तक असंखà¥à¤¯ लोगो को अपना गà¥à¤°à¤¾à¤¸ बना चà¥à¤•à¤¾ है। इससे देश में जान-माल दोनो की हानि हो रही है। न जाने कितने सैनिक आतंकवाद का मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ करके शहीद हो चà¥à¤•à¥‡ है। मातृ à¤à¥‚मि पर à¤à¤¸à¥‡ वीर जवानो के बलिदान, शौरà¥à¤¯, तà¥à¤¯à¤¾à¤— à¤à¤µà¤‚ संघरà¥à¤· को सà¤à¥€ देशवासी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾ पूरà¥à¤µà¤• नमन करते है। आज हमारी सेना आतंकवाद का मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ करने के लिठआधà¥à¤¨à¤¿à¤• शसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का उपयोग करते हà¥à¤¯à¥‡ दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ को मà¥à¤‚हतोड जवाब दे रही है। जिससे आज à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨, à¤à¥‚त तथा à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के गौरवशाली अतिहास की सृजनकरà¥à¤¤à¤¾ बन चà¥à¤•à¥€ है। à¤à¤¸à¥€ वीर सैनिको से ही à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की चौथी सबसे बडी शकà¥à¤¤à¤¿ बन गई है। देश की आजादी से पहले सेना पर बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ कमांडर का कबà¥à¤œà¤¾ था। साल 1947 में देश के आजाद होने के बाद à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना का अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ मूल का ही होता था। साल 1949 में आजाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ के आखिरी बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ कमांडर इन चीफ जनरल फà¥à¤°à¤¾à¤‚सिस बà¥à¤šà¤° थे। जिनकी जगह ली à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल के à¤à¤® करियपà¥à¤ªà¤¾ ने। वह आजाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सैनà¥à¤¯ अधिकारी थे और à¤à¤¾à¤°à¤¤.पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के बीच हà¥à¤ यà¥à¤¦à¥à¤§ में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ही à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना का नेतृतà¥à¤µ किया था। बाद में करियपà¥à¤ªà¤¾ फीलà¥à¤¡ मारà¥à¤¶à¤² à¤à¥€ बने। दरअसल फीलà¥à¤¡ मारà¥à¤¶à¤² केà¤à¤® करियपà¥à¤ªà¤¾ आजाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना पà¥à¤°à¤®à¥à¤– 15 जनवरी 1949 को बने थे। ये à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इतिहास की सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ घटनाओं में से à¤à¤• है। इसलिठ15 जनवरी को हर साल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जब करियपà¥à¤ªà¤¾ सेना पà¥à¤°à¤®à¥à¤– बने तो उस समय à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना में लगà¤à¤— 2 लाख सैनिक थे। करियपà¥à¤ªà¤¾ साल 1953 में रिटायर हो गठथे और 94 साल की उमà¥à¤° में साल 1993 में उनका निधन हà¥à¤† था।