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स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती ने आनलाइन सहभाग कर किया सम्बोधित


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी ने ‘इलनेस टू वेलनेस’- आध्यात्मिकता के माध्यम से शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिये आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से सम्बोधित किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 3 फरवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी ने ‘इलनेस टू वेलनेस’- आध्यात्मिकता के माध्यम से शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिये आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से सम्बोधित किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि एक विकासवादी, स्वस्थ, समुन्नत और समृद्ध जीवन व भविष्य के निर्माण के लिये विज्ञान और आध्यात्मिकता का संयुक्त स्वरूप व दोनों का समन्वय बहुत जरूरी है। आध्यात्मिकता, विज्ञान की वह नींव है जिस पर विकास का मजबूत भवन खड़ा किया जा सकता है। नींव मजबूत होगी तो भवन स्थायी और सुदृढ़ होगा क्योंकि अध्यात्म और विज्ञान एक ही सिक्के के दो पहलू है इसलिये दोनों को साथ लेकर चलना होगा, दोनों में से एक भी कमजोर होगा तो स्वस्थ, सतत विकास और स्वस्थ समुन्नत जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि “इस समय दुनिया को सुरक्षित रखने के लिए काम करने वाला कोई भी संगठन तब तक काम नहीं कर सकता जब तक की वह आध्यात्मिकता के राह पर अग्रसर नही हो रहा हो। हम सभी को अपने मूल्यों, नैतिकता, सोचने के तरीकों, व्यवहार और मार्गदर्शन के लिए आध्यात्मिकता की ओर मुड़ना होगा। कोविड-19 ने हमें सिखाया है कि कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं रह सकता जब तक हम सभी सुरक्षित न हों। जब तक हम सभी स्वस्थ नहीं होंगे कोई भी स्वस्थ नहीं हो सकता है इसलिये सर्वे भवन्तु सुखिनः मंत्र और आध्यात्मिक मार्ग सर्वश्रेष्ठ है।”

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