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माघ में नहीं खानी चाह‍िए ये सब्जियां, आयुर्वेद में भी है मनाही


माघ का महीना इस बार 11 जनवरी से शुरु हो गया है, जिस तरह से ह‍िंदू कैलेंडर में कार्तिक माह को बहुत पुण्‍यदायी माना जाता है उसी तरह माघ के महीने को भी बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया हैं। माघ के माह में दान पुण्‍य करने चाह‍िए।

रिपोर्ट  - à¤µà¥ˆà¤§ दीपक कुमार

माघ का महीना इस बार 11 जनवरी से शुरु हो गया है, जिस तरह से ह‍िंदू कैलेंडर में कार्तिक माह को बहुत पुण्‍यदायी माना जाता है उसी तरह माघ के महीने को भी बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया हैं। माघ के माह में दान पुण्‍य करने चाह‍िए। इसके अलावा सेहत के ल‍िहाज से इस माह मूली और धानिया खाने से परहेज करना चाह‍िए। आयुर्वेद में इस बारे में जिक्र किया क‍ि इन दोनों सब्जियों को इस माह खाने से परहेज ही करना चाह‍िए। इस वजह से नहीं खानी चाह‍िए मूली और धनिया ज्योतिष के लिहाज से माघ महीने में मूली और धनिए का सेवन करना बेहद अशुभ माना गया है। मूली को शराब के समान माघ महीने में माना गया है। यही कारण है कि मूली और धनिया को दान या पूजा में प्रयोग करना ईश्वर को नाराज करता है। इस माह मूली खाने की तुलना मदिरा सेवन से की गई हैं। और पितकार्यों में मूली को इस्‍तेमाल में नहीं लेना चाह‍िए। सेहत पर न पड़ जाए भारी आयुर्वेद के लिहाज से मूली और धनिया माघ में न खाने के कारण स्वास्थ्य से जुड़े हैं। मूली की प्रकृति ठंडी होती है और ये पानी से भरी होती है। वहीं धनिया की पत्तियां माघ में मूली के साथ खाना जहर समान होता है। ये सेहत को बेहद नुकसान पहुंचाते हैं। कफ, पेट में कृमि, जुकाम और वायर फीवर का कारण बन सकते हैं मूली और धनिया। आयुर्वेद और ज्योतिष दोनों में ही माघ में मूली और धनिया न खाने के पीछे कारण स्वास्थ्य से ही जुड़ा है। ज्योतिष धर्म और ईश्वर से जोड़ कर खानपान के नियम बनाए गए हैं। वहीं आयुर्वेद भी खानपान की प्रकृति के आधार पर ही नियम बनाए हैं। दोनों में ही सेहत को सुखी जीवन का आधार माना गया है। इसलिए दोनों में ही इसे खाना वर्जित किया गया है। क्‍या खाएं वैसे इस माह ज्‍यादा से ज्‍यादा खिचड़ी का सेवन करना चाह‍िए ये शरीर का तापमान भी संतुल‍ित रखता हैं और खाने में सुपाच्‍य और स्‍वाद‍िष्‍ट होता है। Vaid Deepak Kumar Adarsh Ayurvedic Pharmacy Kankhal Hardwar aapdeepak.hdr@gmail.com 9897902760

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