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परमार्थ निकेतन में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यूथ फेस्टिवल का आयोजन


अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। माँ गंगा के पावन तट से सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही महिलाओं को स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने रूद्राक्ष की माला, अशोक का पौधा, प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 8 मार्च। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। माँ गंगा के पावन तट से सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही महिलाओं को स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने रूद्राक्ष की माला, अशोक का पौधा, प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। परमार्थ निकेतन में आज यूथ फेस्टिवल का आयोजन किया गया जिसमें स्वास्थ्य विभाग से आरबीएसके, आरकेएसके, टोबैको काउंसलर, मनोवैज्ञानिक, एससीईआरटी कैरियर काउंसलर, और स्किल काउंसलर्स और अधिकारियों ने सहभाग कर किशोर-किशोरियों की काउसंलिंग की तथा उन्हें विविध प्रकार की जानकारियाँ दी। नशे करने वाले और स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने तथा उनके कौशल विकास हेतु विभिन्न जानकारियां प्रदान की गयी। काउसंलर्स ने युवाओं को नशे से शरीर पर पड़ने वाले दुस्प्रभावों के साथ नशे से बाहर आने के विषय में भी जानकारी दी। साथ ही इस अवसर पर मेंहदी, सिलाई-बुनाई, कम्प्यूटर, सौन्द्रर्य प्रशिक्षण आदि अनेक स्टाल लगाये गये। इन सभी गतिविधियों का बच्चों में भरपूर आनन्द लिया। ज्ञात हो कि ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस (जीवा) और यूएनएफपीए के संयुक्त तत्वाधान में ऋषिकेश के विभिन्न समुदायों के किशोर-किशोरियों को जीवन कौशल शिक्षण विगत एक वर्ष से दिया जा रहा है। प्रशिक्षण का समापन यूथ फेस्टिवल और काउंसलिंग सत्र के माध्यम से किया गया ताकि बच्चों का स्वस्थ तरीके से शारीरिक और मानसिक विकास हो सके। यूथ फेस्टिवल में काले की ढ़ाल, चन्द्रेश्वर नगर, गोविन्द नगर और मायाकुन्ड के 200 से अधिक बच्चों की काउंसलिग की गयी। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित यूथ फेस्टिवल के माध्यम से वैश्विक स्तर पर लैंगिक समानता का संदेश दिया। ‘बेटा हो या बेटी’ आज के बच्चे कल का भविष्य है इसलिये उनके संस्कार, शिक्षा और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित और स्वस्थ समाज ही समृद्ध और सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।

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