नवरातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के नौवें दिन कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के पूजन के उपरांत नवरातà¥à¤°à¥‹à¤‚ का समापन माना जाता है। इस दिन मां दà¥à¤°à¥à¤—ा के नौवें सà¥à¤µà¤°à¥‚प मां सिदà¥à¤§à¤¿à¤¦à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥€ की पूजा और अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ का विधान है। जैसा कि इनके नाम से ही सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ हो रहा है कि यह देवी सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को देने वाली देवी हैं। à¤à¤¸à¤¾ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है कि इनकी पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करने वाले उपासक की सà¤à¥€ मनोकामनाà¤à¤‚ पूरी हो जाती हैं।
रिपोर्ट - विकास शरà¥à¤®à¤¾
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 10 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² (विकास शरà¥à¤®à¤¾) नवरातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के नौवें दिन कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के पूजन के उपरांत नवरातà¥à¤°à¥‹à¤‚ का समापन माना जाता है। इस दिन मां दà¥à¤°à¥à¤—ा के नौवें सà¥à¤µà¤°à¥‚प मां सिदà¥à¤§à¤¿à¤¦à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥€ की पूजा और अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ का विधान है। जैसा कि इनके नाम से ही सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ हो रहा है कि यह देवी सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को देने वाली देवी हैं। à¤à¤¸à¤¾ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है कि इनकी पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करने वाले उपासक की सà¤à¥€ मनोकामनाà¤à¤‚ पूरी हो जाती हैं। इनके चार हाथ हैं और ये कमल पà¥à¤·à¥à¤ª पर विराजमान हैं। इनका वाहन सिंह है।इनके दाहिंनी ओर के नीचे वाले हाथ में चकà¥à¤° है और ऊपर वाले हाथ में गदा है। बाईं ओर के नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है और ऊपर वाले हाथ में शंख है। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿, पà¥à¤°à¤¾à¤•à¤¾à¤®à¥à¤¯, ईशितà¥à¤µ, और वशितà¥à¤µ नामक आठसिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ बताई गई हैं।ये आठों सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ मां सिदà¥à¤§à¤¿à¤¦à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥€ की पूजा और कृपा से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की जा सकती हैं। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ चालीसा में à¤à¥€ इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ आठसिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का उलà¥à¤²à¥‡à¤– करते हà¥à¤ कहा गया है कि ‘अषà¥à¤Ÿà¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§à¤¿ नव निधि के दाता, असवर दीनà¥à¤¹ जानकी माता’।पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤•à¤¾à¤² में à¤à¤—वान महादेव ने à¤à¥€ इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ देवी की कठिन तपसà¥à¤¯à¤¾ कर इनसे ये आठसिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की थीं और इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ देवी की कृपा से ही महादेव की आधी देह देवी की हो गई थी और वे अरà¥à¤¦à¥à¤§à¤¨à¤¾à¤°à¥€à¤¶à¥à¤µà¤° कहलाठथे। नवरातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के आज नवे दिन शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं ने कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के पूजन के उपरांत अपना उपवास समापà¥à¤¤ कर मां दà¥à¤°à¥à¤—ा के मंदिरों में जाकर पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ कर अपने नवरातà¥à¤°à¥‹à¤‚ का विधिवत समापन किया।