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अहिंसा विश्व भारती के अन्तर्गत निर्मित विश्व शांति केन्द्र के शिलान्यास और भूमिपूजन समारोह


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में पूरे विश्व को महाभारत नहीं बल्कि महान भारत की आवश्यकता है और यह शिलान्यास कार्यक्रम हमें महान भारत की ओर लेकर जायेगा। गुरूग्राम में बहुत बड़े-बड़े शापिंग सेंटर्स हैं ऐसे में यहां पर शान्ति सेन्टर की नितांत आवश्यकता है। लोग शापिंग माल में अपने बटूआ खाली करने जाते हैं परन्तु विश्व शान्ति केन्द्र में लोग अपने तनाव के खाली करने आयेंगे और तनाव से मुक्त होकर शान्ति प्राप्त करेंगे।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश/गुरूग्राम, 17 अप्रैल। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आचार्य डॉ लोकेशजी द्वारा स्थापित संस्था अहिंसा विश्व भारती के अन्तर्गत निर्मित विश्व शांति केन्द्र के शिलान्यास और भूमिपूजन समारोह में सहभाग कर विश्व शान्ति का संदेश दिया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में पूरे विश्व को महाभारत नहीं बल्कि महान भारत की आवश्यकता है और यह शिलान्यास कार्यक्रम हमें महान भारत की ओर लेकर जायेगा। गुरूग्राम में बहुत बड़े-बड़े शापिंग सेंटर्स हैं ऐसे में यहां पर शान्ति सेन्टर की नितांत आवश्यकता है। लोग शापिंग माल में अपने बटूआ खाली करने जाते हैं परन्तु विश्व शान्ति केन्द्र में लोग अपने तनाव के खाली करने आयेंगे और तनाव से मुक्त होकर शान्ति प्राप्त करेंगे। स्वामी जी ने कहा कि भारत केवल धरती का टुकड़ा नहीं बल्कि यह जीता जागता राष्ट्र है; शान्ति की भूमि है, बुद्ध की भूमि है, महावीर की भूमि है और सनातन संस्कृति की भूमि है। भारत में बुद्धि बढ़े परन्तु शुद्धि के साथ क्योंकि शुद्धि बढ़ेगी तो बुद्धि अपने आप शुद्ध होगी और शुद्धि से ही वृद्धि होती है और समृद्धि होती है। जीवन में शुद्धि और शान्ति की बहुत आवश्यकता है इसलिये शुद्धि और शान्ति चले साथ-साथ। बुद्धि की शुद्धि हमें शान्ति की ओर ले जाती है और शान्ति से ही समृद्धि आती है। विश्व शान्ति केन्द्र बुद्धि; शुद्धि और समृद्धि तथा हैल्थ, हैप्पीनेस और होलीनेस का संगम बनेगा ऐसी हम सभी की ओर से शुभकामनायें है। योगगुरू स्वामी रामदेव जी ने कहा सदियों तक समाज को जोड़ें रखने की आधारशिला है अहिंसा विश्व भारती मिशन और विश्व शान्ति केन्द्र परोपकार, प्रेम और अहिंसा की नींव का कार्य करेगी क्योंकि अहिंसा ही हमारा सहज धर्म है। धरती पर सत्कर्म और सत्धर्म ही होना चाहिये। उन्होंने कहा कि साधु संकल्प को पूरा करने के लिये पूरी समष्टि को एक साथ आने की जरूरत है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द जी ने कहा कि कहा कि विश्व शान्ति केन्द्र शान्ति और सद्भावना का केन्द्र बनेगा। विज्ञान ने सब कुछ दिया है, विज्ञान ने हमें सब सुविधायें प्रदान दी है परन्तु इससे हमारी क्षमतायें कम हुई है। हमें इस समय चितंन करने की जरूरत है कि शान्ति कहां और कैसे मिलेगी इसका किसी के पास समाधान है तो वह केवल भारतीय संस्कृति और हमारे ऋषियों के पास है। मन की शान्ति सभी चाहते है इसलिये ऐसे सेन्टर्स की आवश्यकता है जहां आते ही शान्ति मिले और अहिंसा विश्व भारती द्वारा स्थापित विश्व शान्ति केन्द्र एक ऐसा ही सेंटर बनेगा ऐसी प्रभु से प्रार्थना है। महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी ने कहा कि विश्व शान्ति केन्द्र भारतीय संस्कृति का द्योतक सिद्ध होगा। उन्होंने युवाओं को अपनी नींव से जुड़ने का संदेश देते हुये जिओ और जीने दो का सूत्र दिया। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री, भारत सरकार, श्री कैलाश चैधरी जी ने कहा कि दुनिया में हर चीज मिल जाती है परन्तु शान्ति नहीं मिलती, सच्चे अर्थ में शान्ति तो गुरू के चरणों में ही मिलती है। आने वाले समय में विश्व अहिंसा भारती विश्व शान्ति का अद्भुत केन्द्र बनेगा। उन्होंने कृषि, ऋषि और जैविक कृषि के विषय पर भी चर्चा की। स्वामी दीपांकर जी ने कहा कि वर्तमान समय में पूरे विश्व को शान्ति की जरूरत है और यह विश्व शान्ति केन्द्र पूरे विश्व को अपने ओर मोड़ने का कार्य करेगा। यह केन्द्र स्वयं तक पहुंचने की यात्रा का भी केन्द्र बनेगा।

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