परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और जीवा की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव डा साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने डॉ अंबेडकर अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सेनà¥à¤Ÿà¤°, नई दिलà¥à¤²à¥€ में 19 और 20 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को आयोजित दो दिवसीय विवेकानंद ससà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨à¥‡à¤¬à¤¿à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ समिट (राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिखर समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨) में सहà¤à¤¾à¤— कर सतत और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ विकास सब की साà¤à¤¾ जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ विषय पर उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ दिया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 20 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और जीवा की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव डा साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने डॉ अंबेडकर अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सेनà¥à¤Ÿà¤°, नई दिलà¥à¤²à¥€ में 19 और 20 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को आयोजित दो दिवसीय विवेकानंद ससà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨à¥‡à¤¬à¤¿à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ समिट (राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिखर समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨) में सहà¤à¤¾à¤— कर सतत और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ विकास सब की साà¤à¤¾ जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ विषय पर उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ दिया। इस अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी, à¤à¥‚तपूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ के जी बालकृषà¥à¤£à¤¨ जी और अनà¥à¤¯ विशिषà¥à¤Ÿ अतिथियों ने सतत विकास के लिये राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ कारà¥à¤¯ कर रहे वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚, संगठनों, शोधारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ और विशिषà¥à¤Ÿ हसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का पौधा और पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤à¤¿ पतà¥à¤° देकर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¥ƒà¤¤ किया गया। परमारà¥à¤¥ निकेेेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने आज समापन अवसर पर कहा कि हमारे पास वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर लैंड शॉरà¥à¤Ÿà¥‡à¤œ, फूड शॉरà¥à¤Ÿà¥‡à¤œ, वॉटर शॉरà¥à¤Ÿà¥‡à¤œ नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ अगर शाॅरà¥à¤Ÿà¥‡à¤œ है तो वह है कांशसनेस शाॅरà¥à¤Ÿà¥‡à¤œ, बस उसी चेतना को जगाना है। जब à¤à¥€ खाये, जो à¤à¥€ खाये या जो à¤à¥€ खरीदे पहले सोचें कà¥à¤¯à¤¾ ये जरूरी है? कà¥à¤¯à¤¾ मैं इसके बिना जिनà¥à¤¦à¤¾ रह सकता हूà¤? हमें अपने खाने, रहने, जीने का तरीका और लाइफसà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤² में चेंज करना होगा। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि सतत विकास हम सब की साà¤à¤¾ जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है। हमारी धरती हमारा दायितà¥à¤µ है इसलिये हमें संवेदनशीलता; विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ और उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ के साथ कारà¥à¤¯ करना होगा। ‘‘माता à¤à¥‚मि पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¹à¤‚ पृथिवà¥à¤¯à¤¾â€ हम सब माता धरती माता की संतानें हैं। माता है तो संतानें हैं; माता बचेगी तो संतान बचेगी; संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, संतति, समà¥à¤ªà¤¤à¤¿, पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ बचेगी और तà¤à¥€ समृदà¥à¤§à¤¿ à¤à¥€ आयेगी। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¤µà¤¿à¤¦à¥ वंदना शिवा जी का à¤à¥€ अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ किया। अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ à¤à¥‚तपूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ के जी बालकृषà¥à¤£à¤¨ जी ने सारगरà¥à¤à¤¿à¤¤ उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ दिया और उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ को अपनी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का अहसास कराते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ बचेगा तो हम बचेंगे, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ हम सà¤à¥€ की पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ हो आदि अनेक उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ विचार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किये। जीवा की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव डा साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने विवेकानंद ससà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨à¥‡à¤¬à¤¿à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ समिट के दूसरे दिन आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ à¤à¤µà¤‚ सतत विकास के लिये à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जीवन शैली का महतà¥à¤µ विषय पर उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ दिया। मानवीय गतिविधियों और औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के कारण तेजी से बà¥à¤¤à¥€ गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² वारà¥à¤®à¤¿à¤‚ग की समसà¥à¤¯à¤¾ के कारण सिकà¥à¥œà¤¤à¥‡ गà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤°, बà¥à¤¤à¤¾ तापमान, बदलता मानसून, पानी की कमी, पहाड़ों पर हो रहा जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨, à¤à¥‚मि कà¥à¤·à¤°à¤£, पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संपदाओं के अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• दोहन के कारण पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आपदाओं का खतरा बà¥à¤¤à¤¾ जा रहा है जो हमारे वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ दोनों के लिये खतरनाक है इसलिये हमें बाय लोकल और बी वोकल, फाॅर लोकल बनना होगा। हमें आरà¥à¤—ेनिक और लोकल वसà¥à¤¤à¥à¤“ं पर फोकस करना होगा तà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण रूकेगा।