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सामाजिक समरसता का प्रतीक है कन्या पूजन -स्वामी स्वामी अवशेषानंद महाराज


केदारधाम के रुद्रप्रयाग में स्थित बांसवाड़ा गांव में स्थित मां सिद्धेश्वरी देवी मंदिर का 17 वां स्थापना दिवस एवं वार्षिकोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया इस अवसर पर हवन यज्ञ देवी मां का अभिषेक और 1008 कन्याओं का पूजन तथा भंडारे का आयोजन किया गया गीता कुटीर हरिद्वार वृंदावन के स्वामी अवशेषानंद महाराज के परम सानिध्य में साधना दिवस मनाया गया ।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

उत्तराखंड के केदारधाम के रुद्रप्रयाग में स्थित बांसवाड़ा गांव में स्थित मां सिद्धेश्वरी देवी मंदिर का 17 वां स्थापना दिवस एवं वार्षिकोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया इस अवसर पर हवन यज्ञ देवी मां का अभिषेक और 1008 कन्याओं का पूजन तथा भंडारे का आयोजन किया गया गीता कुटीर हरिद्वार वृंदावन के स्वामी अवशेषानंद महाराज के परम सानिध्य में साधना दिवस मनाया गया इस अवसर पर 1008 कन्याओं का पूजन किया गया एवं उन्हें उपहार स्वरूप कन्याओं को सूट,चूड़ियां,बिंदी श्रृंगार का सामान एवं दक्षिणा भेंट की इस अवसर पर साधु-संतो आस-पास के विभिन्न गांवों से आए श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद वितरित किया गया केदारनाथ के रास्ते पर अगस्त्यमुनि से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर बांसवाड़ा गांव में मंदाकिनी नदी के किनारे बसा गीता कुटीर आश्रम राहगीरों संतो एवं गांव के लिए एक वरदान है गीता कुटीर तपोवन बांसवाड़ा के अध्यक्ष स्वामी अवशेषानंद महाराज ने कहा कि शक्ति पूजा का मानव जीवन में विशेष महत्व है कन्या पूजन शक्ति की उपासना का एक साधन है उन्होंने बताया कि हर साल 12 जून को बांसवाड़ा के मां सिद्धेश्वरी देवी मंदिर एवं गीता कुटीर आश्रम के स्थापना दिवस पर 1008 कन्याओं का पूजन किया जाता है और इस वर्ष भी इस परंपरा का किया गया स्वामी जी ने अपने भक्तों के साथ कन्याओं का चरण पूजन एवं तिलक कर उनकी पूजा अर्चना की गई उन्होंने कहा कि इस धार्मिक एवं आध्यात्मिक आयोजन के पीछे एक सामाजिक समरसता का भाव छिपा है उन्होंने कहा कि जब से इस मंदिर और आश्रम की स्थापना हुई है तब से मैंने संकल्प लिया कि गांव की बेटियों का कन्या पूजन करूं तो संत समाज के ही कुछ लोगों ने इसका विरोध किया उनका कहना था कि ऊंची जाति के लोगों को छोटी जात की कन्याओं के साथ नहीं बैठना चाहिए किंतु मेरे विचार में जब हम कन्याओं का पूजन करते हैं तो उसको देवी मानते हैं फिर वह किसी भी जाति की हो वह पूजनीय है इस अवसर पर गीता धाम आश्रम कुरूक्षेत्र हरियाणा की संचालिका स्वामी मां सुदर्शन भिक्षु महाराज ने कहा कि शिव के बिना शक्ति अधूरी है और शक्ति के बिना शिव, दोनों एक दूसरे के पूरक है ,शक्ति पूजन यानी कन्या पूजन का विशेष महत्व है

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