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श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में हुआ अन्तर्राष्ट्रिय योग सम्मेलन


श्री भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय में अन्तर्राष्ट्रिय योग सम्मेलन का आज शुभारम्भ किया गया। योग सम्मेलन का उद्घाटन महाविद्यालय की प्रबन्धसमिति के अध्यक्ष प्रो. बिहारीलाल शर्मा व जगन्नाथ विश्वविद्यालय पुरी के पूर्व कुलपति प्रो. किशोर चन्द्र पाढी जी ने किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। आज श्री भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय में अन्तर्राष्ट्रिय योग सम्मेलन का आज शुभारम्भ किया गया। योग सम्मेलन का उद्घाटन महाविद्यालय की प्रबन्धसमिति के अध्यक्ष प्रो. बिहारीलाल शर्मा व जगन्नाथ विश्वविद्यालय पुरी के पूर्व कुलपति प्रो. किशोर चन्द्र पाढी जी ने किया। उन्होंने कहा कि हम सुनते थे कि भारत विश्व गुरु था परन्तु आज अन्तर्राष्ट्रिय योग दिवस पर विश्वभर में जब योग करते हुए लोगों को देखते हैं तो सुखद अनुभूति होती है। गर्व होता है कि भारतीय संस्कृति का वर्चस्व निरन्तर बढ रहा हैं। प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि योग व्यक्ति के जीवन में कुशलता व समत्व का आधान कराता है। समस्त विश्व में मानसिक रोगों की पूर्णतः चिकित्सा योग के माध्यम से ही सम्भव है। हमारे ऋषियों ने योगदर्शन जैसे शास्त्र के रूप में हमें अमूल्य उपहार प्रदान किया है। डॉ. लक्ष्मी नारायण जोशी ने नाडी विज्ञान का महत्त्व बताते हुए कहा कि आसाध्य रोगों की चिकित्सा मर्म चिकित्सा के द्वारा की जा सकती है। उन्होने कहा कि यदि व्यक्ति निरन्तर योग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेता है तो वह अपने शरीर को निरन्तर स्वस्थ रख सकता है। नेपाल से सरस्वती संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य पं. हरिशंकर उपाध्याय ने कहा कि योग धर्म अर्थ काम और मोक्ष की प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन है। नेपाल में योग के प्रति लोग निरन्तर जागरूक हो रहे हैं। नेपाल में लोग भारत से ही योग की शिक्षा लेकर आगे बढ रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ- निरंजन मिश्र ने की। उन्होंने कहा कि योग विश्व में शान्ति स्थापित करने का एक उपयुक्त माध्यम है। कार्यक्रम के समापन पर प्रो. महावीर अग्रवाल ने कहा कि मन को यदि हम नियन्त्रण करना चाहते तो उसका माध्यम केवल योग है। आत्मा और परमात्मा को मिलाने का साधन केवल योग है। डॉ.धनंजय ने कहा कि योग आर्ष परम्परा का एक अंग है। जिसके माध्यम से हम अपने कल्मषों का विनाश कर सकते हैं। कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने कहा कि योग दिवस के आयोजन से जनसाधारण में जागरूकता आयी है। यह एक जीवन पद्धति है। मध्यप्रदेश से डॉ. रामकुमार आर्य ने कहा कि यदि व्यक्ति चिन्ता से मुक्त रहना चाहता है तो उसे अपने जीवन में योग को अपनाना होगा। योग चित्तवृत्ति के निरोध का उपाय है। समापन सत्र की अध्यक्षता डॉ. अन्नपूर्णा ने की। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का धन्यवाद महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. बी. के. सिंहदेव ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रवीन्द्र कुमार डॉ. आशिमा श्रवण मनोज कुमार व साधना चौहान ने किया। इस अवसर पर डॉ. मंजू पटेल डॉ. दीपक कोठारी गौरव असवाल साधना चौहान मनोज कुमार आदि उपस्थित रहें।

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