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सुंदरकांड पाठ के साथ पूर्वांचल समाज के लोगों ने धूमधाम के साथ मनाया


ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय गोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरू शङ्कराचार्य स्वामी निश्चलानन्दसरस्वती महाराज का ८०वाँ प्राकट्य महोत्सव देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इसी क्रम में पूर्वांचल समाज के लोगों ने शंकराचार्य के प्राकटय दिवस की पूर्व संध्या पर हरिद्वार की इंद्रलोक कॉलोनी के मंदिर परिसर पर सुंदरकांड पाठ के आयोजन के साथ ८०वाँ प्राकट्य महोत्सव धूमधाम से मनाया। प्रवीण शर्मा और अनंत शर्माजी द्वारा सुंदर कांड का पाठ किया गया और पाठ के पश्चात आरती व भोजन प्रसाद भक्तों ने ग्रहण किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार।‌ ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय गोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरू शङ्कराचार्य स्वामी निश्चलानन्दसरस्वती महाराज का ८०वाँ प्राकट्य महोत्सव देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इसी क्रम में पूर्वांचल समाज के लोगों ने शंकराचार्य के प्राकटय दिवस की पूर्व संध्या पर हरिद्वार की इंद्रलोक कॉलोनी के मंदिर परिसर पर सुंदरकांड पाठ के आयोजन के साथ ८०वाँ प्राकट्य महोत्सव धूमधाम से मनाया। प्रवीण शर्मा और अनंत शर्माजी द्वारा सुंदर कांड का पाठ किया गया और पाठ के पश्चात आरती व भोजन प्रसाद भक्तों ने ग्रहण किया। महामंडलेश्वर स्वामी संतोष आनंद देव महाराज, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, शिवालिक नगर पालिका चेयरमैन राजीव शर्मा सहित तमाम गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में उपस्थित होकर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। गौरतलब है कि दिनांक 26 जून 2022 आषाढ़ कृष्ण त्रयोदशी को राष्ट्रात्कर्ष-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस कड़ी में पूर्वांचल समाज के लोगों ने इंद्रलोक कालोनी में स्थित मंदिर में सुंदर कांड पाठ का आयोजन कर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया। इस मौके पर आयोजन समिति के सदस्य मनोज शुक्ला ने बताया कि 26 जून को ऐसे महामनीषी का प्राकट्योत्सव है जिन्हें वैदिक गणित का अद्भुत ज्ञान भगवान् सूर्य से प्राप्त हुआ। (आज बाईनरी नम्बर पर पूज्य गुरुदेव के एक दर्जन से अधिक ग्रन्थ विश्व चर्चित हैं।) दुर्लभ आत्मबोध श्रीराभद्र के पूज्य गुरुदेव वशिष्ठ महर्षि से प्राप्त हुआ। विद्वत् संन्यास परमहंस शुकदेव जी प्राप्त हुआ,जिन्हें दण्ड संन्यास धर्म सम्राट् श्रीस्वामी करपात्री महाराज से प्राप्त हुआ था। भगवान् श्रीमन्नारायण के परम् प्रिय गरुण जी द्वारा वह अष्टाक्षर मंत्र प्राप्त हुआ जिससे व्यक्ति सशरीर बैकुण्ठ जा सकता है। इस प्रकार अनेकोनेक दुर्लभ सिद्धियाॅं, अलौकिक ज्ञान, भगवान् सदाशिव, हनुमान जी और बहुत ही कम उम्र में भगवान् श्रीकृष्ण आदि दर्शन पूज्य जगद्गुरुजी को प्राप्त हो चुके हैं। 80 वर्ष की आयु में जर्जर शरीर होने के बाद भी शासन तंत्र द्वारा प्राप्त उपेक्षा को सहते हुए राष्ट्रोत्कर्ष अभियान को लेकर लगभग पूरे साल देश के कोने कोने में जाना। (जिसमें साल के 70 से 80 दिन ट्रेन में ही बीत जाते हैं।) दर्शन विज्ञान और व्यवहार के बल पर आप अपनी धर्म सभाओं में सनातन सिद्धान्त को अकाट्य व सर्वोत्कृष्ट सिद्ध करते हैं। भारत का दुर्भाग्य है यहाॅं के दिशाहीन राजनैतिक दलों ऐसे ब्रह्मवेत्ता महापुरुष की उपेक्षा की जाती है। वीके त्रिपाठी ने कहा कि मान्य चतुष्पीठ के पूज्य शङ्कराचार्यों को भारत में वही सम्मान मिलना चाहिए जो पोप को ईसाई देशों से मिलता है। तभी भारत का कल्याण संभव है। विवेक तिवारी व अनिल वशिष्ठ ने कहा कि शंकराचार्य जी के प्राकटय दिवस की पूर्व संध्या पर हरिद्वार की इंद्रलोक कॉलोनी के मंदिर परिसर पर सुंदरकांड का पाठ श्री प्रवीण शर्मा और अनंत शर्मा जी द्वारा किया गया।‌पाठ के पश्चात आरती व भोजन प्रसाद भक्तों ने ग्रहण किया। इस पावन अवसर पर सिडकुल थाने के प्रभारी प्रमोद उनियाल के साथ समाज की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी विमला पांडेय, उपेंद्र शर्मा, सुजित शुक्ल, रवि मिश्र, जटाशंकर श्रीवास्तव, सुनील कौशिक, सभासद अशोक मेहता, कैलाश भंडारी, एडवोकेट राजेश राठौर, मदनेश मिश्र, राज तिवारी, डॉ उदय पांडेय, हिमांशु शेखर, केशव पांडेय, आदि जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन विवेक तिवारी, रमेश पांडेय, मनोज शुक्ल, विनोद त्रिपाठी, ऐश्वर्या पांडेय, अनिल वशिष्ठ द्वारा किया गया।

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