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हर की पौड़ी की प्राचीनता वापस लाने के लिए मंदिर मालिक एवं गंगा सभा के साथ बैठक


माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेशानुसार मंदिर को प्राचीन रूप में लाने के लिए आज गठित कमेटी की बैठक मेला अधिकारी दीपक रावत ने ली । मेलाधिकारी ने कहा कि हर की पौड़ी पर प्राचीन गंगा मंदिर एवं मान सिंह की छतरी को एक्सपर्टओं के अनुसार प्राचीन स्थिति में लाया जा सकता है।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ भारत

हरिद्वार विश्व विख्यात हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर बने गंगा मंदिर एवं मान सिंह छतरी को लेकर माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार मंदिर को प्राचीन स्वरूप में लाने के लिए आज गठित कमेटी की बैठक मेला अधिकारी दीपक रावत ने ली ।मेलाधिकारी ने कहा कि हर की पौड़ी पर प्राचीन गंगा मंदिर एवं मान सिंह की छतरी को एक्सपर्टओं के अनुसार प्राचीन स्थिति में लाया जा सकता है और वही प्राचीनता दोबारा से आ सकती है और महाकुंभ मेले में आने वाले करोड़ों श्रद्धालु हर की पौड़ी का प्राचीन स्वरूप दोबारा से देख पाएंगे इसी को लेकर के आज मेला अधिकारी दीपक रावत ने गंगा सभा एवं मंदिर के ओनर वरिष्ठ पत्रकार कमलकांत बुधकर जी की पत्नी ने बैठक में व गंगा सभा के महासचिव तन्मय वशिष्ठ भाग लिया। बैठक में सभी ने अपने विचार रखे सभी ने मंदिर के हित में अपनी बातें रखी मंदिर कुंभ से पहले किस तरह से बनाया जाए जिससे कि आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की हर की पौड़ी को देख कर के आत्मा आहत ना हो क्योंकि जब श्रद्धालु अमावस्या पूर्णिमा पर स्नान करने आते हैं तो उन्हें हर की पौड़ी को देख कर के बड़ा ही दुख होता है क्योंकि यह मामला धर्म से जुड़ा हुआ है प्राचीनता से जुड़ा हुआ है इसलिए श्रद्धालुओं ज्यादा आहत होते हैं हर की पौड़ी पौराणिक क्षेत्र है जहां पर राजा मानसिंह की छतरी के नाम से यह गंगा मंदिर विख्यात है लेकिन आज जो भी श्रद्धालु यहां आता है उसके मन को बहुत ही ठेस पहुंचती है इतनी प्राचीन हर की पौड़ी जो कि विवाद के कारण मंदिर बन नहीं पा रहा है। माननीय उच्च न्यायालय ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला दिया था कि हर की पौड़ी पर बने प्राचीन मंदिर को यथावत इस स्थिति में लाया जाए जिससे हर की पौड़ी की प्राचीनता खत्म ना हो इसी को लेकर आज मेलाधिकारी ने गंगा सभा, वरिष्ठ पत्रकार कमलकांत बुधकर जी की पत्नी के साथ बैठक की और जो मंदिर के हित में शीघ्र अतिशीघ्र कार्य हो सके।

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