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रामजन्मभूमि भू परिसर की वाटिका में लगे 27 नक्षत्रों के दुर्लभ पौधे, मंदिर निर्माण होने तक दिखेगा अद्भुत नजार


यह वाटिका भी दो साल के सफर में लहलहाने लगी है। इस वाटिका में 27 नक्षत्रों के प्रतिनिधि पवित्र एवं दुर्लभ पौधे रोपित किए गए थे। नक्षत्रों के हिसाब से रोपित पौधों में कुचिला (अश्विनी), आंवला (भरणी), गूलर (कृतिका), जामुन (रोहिणी), खैर (मृगमृ शिरा), काला तेंदू (दूआर्द्रा), बांस (पुन र्वसु ), सु पीपल (पुष्य), नागकेसर (अश्लेषा), बरगद (मघा), ढाक (पूर्वा फाल्गुनी ), पाकड़ (उत्तराफाल्गुनी), रीठा (हस्त), बेल (चित्रा), अर्जुन (स्वाति), कटाई (विशाखा), मौलश्री (अनुराधा), चीड़ (ज्येष्ठा), साल (मूलमू ), जलवेत (पूर्वा पू षाढ़ा), कटहल (उत्तराषाढ़ा), शमी (धनिष्ठा), कदंब (शतभिषा), मदार (श्रवण), आम (पूर्वा पू भाद्रपद), नीम (उत्तराभाद्रपद) तथा महुआ (रेवती नक्षत्र) के हिसाब से रोपित किया गया था

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

रामजन्मभूमि भव्य मंदिर के साथ-साथ दुर्लभ वृक्षों से युकत हो रही है। पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर का भूमि पूजन करते हुए रामलला के ठीक सामने जिस पारिजात के पौधे का रोपण किया था, वह दो साल होते-होते भरे-पूरे वृक्ष का आकार लेता लग रहा है। भूमि पूजन से सवा माह पूर्व ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामजन्मभूमि परिसर में नक्षत्र वाटिका का रोपण किया था। यह वाटिका भी दो साल के सफर में लहलहाने लगी है। इस वाटिका में 27 नक्षत्रों के प्रतिनिधि पवित्र एवं दुर्लभ पौधे रोपित किए गए थे। नक्षत्रों के हिसाब से रोपित पौधों में कुचिला (अश्विनी), आंवला (भरणी), गूलर (कृतिका), जामुन (रोहिणी), खैर (मृगमृ शिरा), काला तेंदू (दूआर्द्रा), बांस (पुन र्वसु ), सु पीपल (पुष्य), नागकेसर (अश्लेषा), बरगद (मघा), ढाक (पूर्वा फाल्गुनी ), पाकड़ (उत्तराफाल्गुनी), रीठा (हस्त), बेल (चित्रा), अर्जुन (स्वाति), कटाई (विशाखा), मौलश्री (अनुराधा), चीड़ (ज्येष्ठा), साल (मूलमू ), जलवेत (पूर्वा पू षाढ़ा), कटहल (उत्तराषाढ़ा), शमी (धनिष्ठा), कदंब (शतभिषा), मदार (श्रवण), आम (पूर्वा पू भाद्रपद), नीम (उत्तराभाद्रपद) तथा महुआ (रेवती नक्षत्र) के हिसाब से रोपित किया गया था

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