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संशय को मिटाकर जीवन जीने की कला सिखाते हैं गुरू-स्वामी ऋषिश्वरानन्द


श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि जीवन का पथ जहां से शुरू होता है। उस पथ को दिखाने वाला गुरु ही होता है। गुरु हमें नई राह दिखा कर जीवन के संशय को मिटाते हैं और जीवन जीने की कला सिखाते हैं। गुरु पूर्णिमा पर्व पर शिष्यों को गुरु की महिमा से अवगत कराते हुए स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि जीवन में सही क्या है, गलत क्या है इसका बोध हमें गुरु ही कराते हैं।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 13 जुलाई। श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि जीवन का पथ जहां से शुरू होता है। उस पथ को दिखाने वाला गुरु ही होता है। गुरु हमें नई राह दिखा कर जीवन के संशय को मिटाते हैं और जीवन जीने की कला सिखाते हैं। गुरु पूर्णिमा पर्व पर शिष्यों को गुरु की महिमा से अवगत कराते हुए स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि जीवन में सही क्या है, गलत क्या है इसका बोध हमें गुरु ही कराते हैं। ज्ञान, चरित्र, दयावान और संस्कारवान बनने की शिक्षा भी हमें गुरु द्वारा ही प्राप्त होती है। इसलिए जीवन में गुरु का महत्व सभी के लिए सर्वदा हितकारी है। महंत शिवानंद महाराज ने कहा कि गुरु बिना ज्ञान नहीं और ज्ञान बिना आत्मा नहीं। ध्यान, ज्ञान, धैर्य और कर्म सतगुरु की ही देन है। गुरु हमारे जीवन की राह को सरल बनाते हैं और हमारे भीतर उत्तम चरित्र का निर्माण करते हैं। गुरु की महिमा अपरंपार है। जिस पर गुरु की कृपा हो जाए। उसके जीवन की सभी बाधाएं नष्ट हो जाती है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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