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गुरू कृपा से ही प्राप्त होता है सदाचार, कौशल, ज्ञान और बुद्धिमत्ता-सतपाल ब्रह्मचारी


पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य के जीवन में गुरु की भूमिका महत्वपूर्ण है। शिष्य अपने गुरु के बताए पथ पर ही आगे बढ़ता है। शिष्य के जीवन में सदाचार, कौशल, ज्ञान और बुद्धिमत्ता का विकास गुरु की कृपा से ही संभव होता है। इसलिए शिष्य को गुरु का कृपापात्र होना जरुरी होता है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 13 जुलाई। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य के जीवन में गुरु की भूमिका महत्वपूर्ण है। शिष्य अपने गुरु के बताए पथ पर ही आगे बढ़ता है। शिष्य के जीवन में सदाचार, कौशल, ज्ञान और बुद्धिमत्ता का विकास गुरु की कृपा से ही संभव होता है। इसलिए शिष्य को गुरु का कृपापात्र होना जरुरी होता है। जिसमें पात्रता नहीं वह कदापि ज्ञान का अधिकारी नहीं हो सकता। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर भूपतवाला स्थित श्री थानाराम आश्रम में श्रद्धालु भक्तों को गुरू की महिमा से अवगत कराते हुए सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि विश्व में भारत का अद्वितीय स्थान बनाने वाली गुरू शिष्य परम्परा में शिष्य का समर्पण भी महत्वपूर्ण है। वे भाग्यशाली हैं कि उन्हें पूज्य स्वामी शालिग्राम जैसे महान गुरू का सानिध्य प्राप्त हुआ है। पूज्य गुरूदेव गुरू की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उनके अधूरे कार्यो को पूरा करना ही उनके जीवन का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सभी को गुरू की आज्ञा का पालन करते हुए मन, वचन, कर्म से गुरू के प्रति समर्पित रहना चाहिए।

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