महरà¥à¤·à¤¿ वेद वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ का जनà¥à¤® आषाढ़ महीने की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ को हà¥à¤† था। वेदों के सार बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥‚तà¥à¤° की रचना à¤à¥€ वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ने इसी दिन की थी। वेद वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ने ही वेद ऋचाओं का संकलन कर वेदों को चार à¤à¤¾à¤—ों में बांटा था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ही महाà¤à¤¾à¤°à¤¤, 18 पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ व 18 उप पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ की रचना की थी। इसलिठआषाॠमहीने की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर गà¥à¤°à¥ के रूप में उनकी पूजा की जाती है।
रिपोर्ट - वेद पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ चौहान
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ आज आषाॠमहीने की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ तिथि है। ये दिन जगत गà¥à¤°à¥ महरà¥à¤·à¤¿ वेद वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। गà¥à¤°à¥‚ पूजा की परंपरा होने से आज गà¥à¤°à¥‚ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ परà¥à¤µ मनाया जा रहा है। महरà¥à¤·à¤¿ वेद वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ का जनà¥à¤® आषाढ़ महीने की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ को हà¥à¤† था। वेदों के सार बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥‚तà¥à¤° की रचना à¤à¥€ वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ने इसी दिन की थी। वेद वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ने ही वेद ऋचाओं का संकलन कर वेदों को चार à¤à¤¾à¤—ों में बांटा था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ही महाà¤à¤¾à¤°à¤¤, 18 पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ व 18 उप पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ की रचना की थी। इसलिठआषाॠमहीने की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ पर गà¥à¤°à¥ के रूप में उनकी पूजा की जाती है। वही बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में गà¥à¤°à¥ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के अवसर पर हरमिलाप à¤à¤µà¤¨ शà¥à¤°à¤µà¤£ नाथ नागर में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ व उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ के साथ मनाया गया। वहीं हरियाणा, पंजाब, दिलà¥à¤²à¥€, उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ व उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के हजारों à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने परम पूजà¥à¤¯ मदन मोहन हरमिलापि जी महाराज के सांनिहय में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने परम पूजà¥à¤¯ सदगà¥à¤°à¥ के चितà¥à¤° पर तिलक लगाकर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। इस अवसर पर परम पूजà¥à¤¯ मदन मोहन हरमिलापी जी महाराज ने à¤à¤µà¤¨ में आठà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ दिया। गà¥à¤°à¥ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के अवसर पर सतà¥à¤¸à¤‚ग किया गया साथ में पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ का à¤à¥€ आयोजन किया गया।