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हरमिलाप भवन श्रवण नाथ नागर में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गुरु पर्व


महर्षि वेद व्यास का जन्म आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को हुआ था। वेदों के सार ब्रह्मसूत्र की रचना भी वेदव्यास ने इसी दिन की थी। वेद व्यास ने ही वेद ऋचाओं का संकलन कर वेदों को चार भागों में बांटा था। उन्होंने ही महाभारत, 18 पुराणों व 18 उप पुराणों की रचना की थी। इसलिए आषाढ़ महीने की पूर्णिमा पर गुरु के रूप में उनकी पूजा की जाती है।

रिपोर्ट  - à¤µà¥‡à¤¦ प्रकाश चौहान

हरिद्वार। आज आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि है। ये दिन जगत गुरु महर्षि वेद व्यास को समर्पित है। गुरू पूजा की परंपरा होने से आज गुरू पूर्णिमा पर्व मनाया जा रहा है। महर्षि वेद व्यास का जन्म आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को हुआ था। वेदों के सार ब्रह्मसूत्र की रचना भी वेदव्यास ने इसी दिन की थी। वेद व्यास ने ही वेद ऋचाओं का संकलन कर वेदों को चार भागों में बांटा था। उन्होंने ही महाभारत, 18 पुराणों व 18 उप पुराणों की रचना की थी। इसलिए आषाढ़ महीने की पूर्णिमा पर गुरु के रूप में उनकी पूजा की जाती है। वही बुधवार को हरिद्वार में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हरमिलाप भवन श्रवण नाथ नागर में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। वहीं हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के हजारों भक्तों ने परम पूज्य मदन मोहन हरमिलापि जी महाराज के सांनिहय में भक्तों ने परम पूज्य सदगुरु के चित्र पर तिलक लगाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर परम पूज्य मदन मोहन हरमिलापी जी महाराज ने भवन में आए भक्तों को आशीर्वाद दिया। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सत्संग किया गया साथ में प्रसाद का भी आयोजन किया गया।

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