आज के यह à¤à¤•à¥à¤¤ शराब, सà¥à¤²à¥à¤«à¤¾ गांजा à¤à¤¸à¤¾ कोई नशा नहीं छोड़ते जो यह तीरà¥à¤¥ नगरी में ना करते हो, पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ यà¥à¤— के à¤à¤•à¥à¤¤ इसलिठवह तीरà¥à¤¥ नगरी से कà¥à¤› समय के बाद ही तà¥à¤°à¤‚त वापस हो जाया करते थे लेकिन आज के यह à¤à¤•à¥à¤¤ दो दो तीन तीन तीन गंगा में ही अपना मल मूतà¥à¤° तà¥à¤¯à¤¾à¤—ते हैं और पाप के à¤à¤¾à¤—ी बनते हैं गंगा के किनारे पर गंदगी इतनी कि दà¥à¤°à¥à¤—ंध के मारे रà¥à¤•à¤¾ ना जाठअब यह आज के à¤à¤•à¥à¤¤ जान ले कावड़ ले जाकर हम पाप के à¤à¤¾à¤—ी बन रहे हैं या पà¥à¤£à¥à¤¯ के?।
रिपोर्ट - रामेशà¥à¤µà¤° गौड़
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° कावड़ मेला वैसे तो पूरà¥à¤µ काल से ही चल रहा है कांवड़ मेले में पूरà¥à¤µ काल के शिव à¤à¤•à¥à¤¤ इस बदलते समय में शिव à¤à¤•à¥à¤¤ à¤à¥€ बदल गठहैं à¤à¤µà¤‚ कावडो में à¤à¥€ काफी बदलाव आया है पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल के शिव à¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ à¤à¤¾à¤µ, जà¥à¤žà¤¾à¤¨ वैरागà¥à¤¯, जप और तप, और पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ लेकर आया करते थे जो कि अब बिलà¥à¤•à¥à¤² बदल गई है इन नठà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ में ना तो शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ à¤à¤¾à¤µ है और ना ही जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और वैरागà¥à¤¯ है और ना ही पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ जप तप तो बहà¥à¤¤ दूर की बात हैं पूरà¥à¤µ के à¤à¤•à¥à¤¤ गंगा में पांच डà¥à¤¬à¤•à¥€ लगा और कांवड़ में जल à¤à¤°à¤¨à¥‡ के बाद तीरà¥à¤¥ पर रà¥à¤•à¤¤à¥‡ à¤à¥€ नहीं थे और जितनी देर à¤à¥€ रà¥à¤•à¤¤à¥‡ थे नीचे चटाई पर विशà¥à¤°à¤¾à¤® करते थे वह इसलिठकि कहीं गलती से à¤à¥€ तीरà¥à¤¥ पर कोई गलती ना हो जाठà¤à¤µà¤‚ मल मूतà¥à¤° न तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर कहीं पाप के à¤à¤¾à¤—ी ना बन जाà¤à¤‚ वह à¤à¤•à¥à¤¤ नंगे पैर à¤à¤—वान का जप करते हà¥à¤ पैदल यातà¥à¤°à¤¾ करते थे लेकिन आज के शिव à¤à¤•à¥à¤¤ गंगा में कूद कूद कर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करना गंगा में शौच करना मल मूतà¥à¤° तà¥à¤¯à¤¾à¤—ना आलीशान होटलों के कमरे में रहना जप तप धरà¥à¤® की तो बात ही नहीं करना आज के आधà¥à¤¨à¤¿à¤• यà¥à¤— में à¤à¤•à¥à¤¤ ही नहीं पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ बदल गया है अब लाखों रà¥à¤ªà¤ से बनी बड़ी-बड़ी कावड़ लेकर आज के आधà¥à¤¨à¤¿à¤• मà¥à¤¯à¥‚जिक की धà¥à¤¨à¥‹à¤‚ पर नाचते गाते आनंद मसà¥à¤¤à¥€ लेते हà¥à¤ दिखाई देते हैं लेकिन पूरà¥à¤µ शिव à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को à¤à¤—वान का à¤à¤œà¤¨ à¤à¤µà¤‚ कीरà¥à¤¤à¤¨ करते जाते जाते थे और अपने मन में सोचते थे कि कहीं गलती से à¤à¥€ कोई पाप ना हो जाठलेकिन आज के à¤à¤•à¥à¤¤ पाप पà¥à¤£à¥à¤¯ का मतलब ही नहीं जानते केवल इंजॉय ही जानते हैं आज के यह à¤à¤•à¥à¤¤ शराब, सà¥à¤²à¥à¤«à¤¾ गांजा à¤à¤¸à¤¾ कोई नशा नहीं छोड़ते जो यह तीरà¥à¤¥ नगरी में ना करते हो उस यà¥à¤— के à¤à¤•à¥à¤¤ इसलिठवह तीरà¥à¤¥ नगरी से कà¥à¤› समय के बाद ही तà¥à¤°à¤‚त वापस हो जाया करते थे लेकिन आज के यह à¤à¤•à¥à¤¤ दो दो तीन तीन तीन गंगा में ही अपना मल मूतà¥à¤° तà¥à¤¯à¤¾à¤—ते हैं और पाप के à¤à¤¾à¤—ी बनते हैं गंगा के किनारे पर गंदगी इतनी कि दà¥à¤°à¥à¤—ंध के मारे रà¥à¤•à¤¾ ना जाठअब यह आज के à¤à¤•à¥à¤¤ जान ले कावड़ ले जाकर हम पाप के à¤à¤¾à¤—ी बन रहे हैं या पà¥à¤£à¥à¤¯ के ।