दकà¥à¤·à¤¨à¤—री कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शिव शकà¥à¤¤à¤¿ पीठमें विराजमान महाकाली महकालेशà¥à¤µà¤° महादेव मंदिर के पीठाधीशà¥à¤µà¤° à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ के शà¥à¤°à¥€ महंत पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास à¤à¤—वान शिव को अति पà¥à¤°à¤¿à¤¯ मास है।‌ इसीलिठशà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में शिव की आराधना का विशेष महतà¥à¤µ है। इन दिनों à¤à¤—वान शिव पूरे à¤à¤• माह कैलाश को छोड़कर कनखल में अपनी ससà¥à¤°à¤¾à¤² में विराजते हैं।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ दकà¥à¤·à¤¨à¤—री कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शिव शकà¥à¤¤à¤¿ पीठमें विराजमान महाकाली महकालेशà¥à¤µà¤° महादेव मंदिर के पीठाधीशà¥à¤µà¤° à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ के शà¥à¤°à¥€ महंत पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास à¤à¤—वान शिव को अति पà¥à¤°à¤¿à¤¯ मास है।‌ इसीलिठशà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में शिव की आराधना का विशेष महतà¥à¤µ है। इन दिनों à¤à¤—वान शिव पूरे à¤à¤• माह कैलाश को छोड़कर कनखल में अपनी ससà¥à¤°à¤¾à¤² में विराजते हैं। इसके साथ à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ के शयन में जाने के कारण पृथà¥à¤µà¥€ के संचालन का à¤à¤¾à¤° à¤à¥€ संà¤à¤¾à¤²à¤¤à¥‡ हैं। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ दिनों में शिव à¤à¤•à¥à¤¤ à¤à¤—वान शिव को कांवड़ चढ़ाकर पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ कर मनोकामना पूरà¥à¤¤à¤¿ का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करते हैं। पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास में ही शिव को पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ करने के लिठविà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कामनाओं की पà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ के लिठविशेष समागà¥à¤°à¥€ से रूदà¥à¤°à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤•, जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• करते है। à¤à¤¸à¤¾ करने से à¤à¤—वान से पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होकर à¤à¤—वान शिव à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की सà¤à¥€ मनोकामनाà¤à¤‚ पूरà¥à¤£ करते हैं। मंदिर के आचारà¥à¤¯ पं à¤à¥‹à¤—ेंदà¥à¤° à¤à¤¾ ने बताया कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ माह में शिव और शकà¥à¤¤à¤¿ दोनों की आराधना की जाती है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बिना शकà¥à¤¤à¤¿ के शिव à¤à¥€ शव रह जाते है। इसीलिठसाधकों को शिव और शकà¥à¤¤à¤¿ की à¤à¤• साथ आराधना करनी चाहिà¤à¥¤ इसी तथà¥à¤¯ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ हà¥à¤ शिव शकà¥à¤¤à¤¿ पीठमें महाकाल और महाकाली की विशेष पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की जा रही है। à¤à¤¸à¤¾ करने से à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की सà¤à¥€ मनोकामनाà¤à¤‚ पूरà¥à¤£ होगी । इसमें तनिक संशय नहीं है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤—वान शिव को सृषà¥à¤Ÿà¤¿ का संहारक माना जाता है, लेकिन सरल सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ का होने के कारण देवता ही नहीं, राकà¥à¤·à¤¸, यकà¥à¤·, गनà¥à¤§à¤°à¥à¤µ, à¤à¥‚त , पिशाच à¤à¥€ उनकी आराधना करते हैं। मृतà¥à¤¯à¥ पर विजय पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठà¤à¥€ लोग महाकाल के मंतà¥à¤° महामृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय मंतà¥à¤° जाप करते हैं। यह कहा जा सकता है कि à¤à¤—वान शिव की आराधना सब पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से मंगलकारी है।