जयराम पीठाधीशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने कहा है कि महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की तप और विदà¥à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ सनातन धरà¥à¤® की अलौकिक विरासत को संजोठहà¥à¤ हैं और संतो ने सदैव ही समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ कर राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को नई दिशा पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की है। à¤à¥‚पतवाला सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ रंगीराम निरà¥à¤µà¤¾à¤£ आशà¥à¤°à¤® में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाल दास महाराज की 21वीं पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ पर आयोजित संत समागम में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को संबोधित करते हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® सà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाल दास महाराज à¤à¤• महान संत थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जीवन परà¥à¤¯à¤‚त सनातन परंपराओं का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करते हà¥à¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में अपना अतà¥à¤²à¥à¤¯ योगदान दिया। संत समाज उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नमन करता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 25 सितमà¥à¤¬à¤°à¥¤ जयराम पीठाधीशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने कहा है कि महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की तप और विदà¥à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ सनातन धरà¥à¤® की अलौकिक विरासत को संजोठहà¥à¤ हैं और संतो ने सदैव ही समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ कर राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को नई दिशा पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की है। à¤à¥‚पतवाला सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ रंगीराम निरà¥à¤µà¤¾à¤£ आशà¥à¤°à¤® में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाल दास महाराज की 21वीं पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ पर आयोजित संत समागम में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को संबोधित करते हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® सà¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाल दास महाराज à¤à¤• महान संत थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जीवन परà¥à¤¯à¤‚त सनातन परंपराओं का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करते हà¥à¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में अपना अतà¥à¤²à¥à¤¯ योगदान दिया। संत समाज उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नमन करता है। शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा निरà¥à¤®à¤² के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाल दास महाराज à¤à¤• विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ महापà¥à¤°à¥à¤· थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और सनातन धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° करते हà¥à¤ यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ को इसके लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया। आज à¤à¥€ उनके आदरà¥à¤¶ संत समाज के लिठपà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤‚गिक हैं। शà¥à¤°à¥€ रंगीराम निरà¥à¤µà¤¾à¤£ आशà¥à¤°à¤® के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· महंत जमà¥à¤¨à¤¾ दास महाराज ने कहा कि महापà¥à¤°à¥à¤· केवल शरीर तà¥à¤¯à¤¾à¤—ते हैं। समाज कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठउनकी आतà¥à¤®à¤¾ सदैव वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• रूप से उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहती है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ महंत दयाल दास महाराज का जीवन निरà¥à¤®à¤² जल के समान था। उनकी सादगी और कà¥à¤¶à¤² वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° आज à¤à¥€ संतो को सà¥à¤®à¤°à¤£ है। à¤à¤¸à¥‡ मानवतावादी संत à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इतिहास में विरले ही होते हैं। महंत शà¥à¤°à¤µà¤£ मà¥à¤¨à¤¿ महाराज ने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में पधारे सà¤à¥€ संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ का फूलमाला पहनाकर सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। मà¥à¤–िया महंत à¤à¤—तराम महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाल दास महाराज संत समाज के पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ थे। यà¥à¤µà¤¾ संतों को उनके जीवन से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेते हà¥à¤ मानव कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में योगदान करना चाहिà¤à¥¤ इस अवसर पर सà¤à¥€ तेरह अखाड़ों के संत महापà¥à¤°à¥‚षों ने बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाल दास महाराज को महान संत बताते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि देने वालों में मà¥à¤–िया महंत à¤à¤—तराम महाराज, महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦, बाबा हठयोगी, महंत दà¥à¤°à¥à¤—ादास, महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कपिल मà¥à¤¨à¤¿, महंत रघà¥à¤µà¥€à¤° दास, महंत सूरज दास, महंत गोविंद दास, महंत रामानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, महंत पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ दास, महंत जगदीश दास, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिहरानंद, महंत कमलदास सहित बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में संत महापà¥à¤°à¥‚ष उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।