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आश्रम पर कब्जा और लूटपाट के आरोपी भाजपा नेताओ और उनके साथियों पर मेहरबान मित्र पुलिस"


आश्रम पर कब्जा और लूटपाट के आरोपी भाजपा नेताओ और उनके सयोगियों पर मेहरबान मित्र पुलिस" क्या गैर समझौता वादी मामले को समझौते के आधार पर निपटाना चाहती है पुलिस?

रिपोर्ट  - अजय शर्मा

तीर्थ नगरी: हरिद्वार में माफिया गठजोड़ चुन-चुन कर धार्मिक एवं धर्मार्थ प्रयोजन की संपत्तियों को ठिकाने लगा रहा है यहां तमाम नियम: कानून की धज्जियां उड़ा कर संगठित गिरोह धड़ल्ले से बेखौफ होकर कानून व्यवस्था काम मखौल उड़ा कर दिनदहाड़े अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं! चिंताजनक यह है की तमाम शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ऐसे प्रकरणों में कड़ी कार्रवाई करने के बजाय ऐसे मामलों को समझौतों के आधार पर निपटाने का प्रयास कर रहे हैं। हद तो तब हो जाती है जब " गैर समझौता वादी मामले जो कि ना सिर्फ किसी व्यक्ति के विरुद्ध बल्कि पूरे समाज के विरुद्ध होते हैं" उनमें समझौते के आधार पर मामलों को रफा-दफा करने का षड्यंत्र रचा जाता है इस संबंध में अनेक जागरूक नागरिक ऐसे संगठित गिरोहों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं और अपराधी बेखौफ होकर अपने काले कारनामों को अंजाम देते चले आ रहे हैं। ताजा मामला तीर्थ नगरी हरिद्वार के संत बाहुल्य क्षेत्र भूपतवाला का है यहां सत्संग आश्रम जिसका संचालन मां कात्यायनी शक्ति पीठ" ट्रस्ट" द्वारा किया जाता है सूत्रों के अनुसार इस संस्था की करोड़ों की संपत्तियों पर पड़ोस में रहने वाले दबंग भाजपा नेता राकेश यादव और उसके परिवार की नजरें शुरू से जमीं थी भाजपा नेता का परिवार किसी भी कीमत पर इस संपत्ति पर कब्जा करने की फिराक में लगा था कुछ माह पूर्व इस आश्रम के सन्यासी के ब्रह्मलीन हो जाने पर 18 जनवरी 2023 को दिनदहाड़े" कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा कर"भाजपा नेता और उसका परिवार अपने आका के इशारे पर दर्जनों सहयोगियों को साथ लेकर आश्रम में कब्जे को लेकर जा धमका शातिर गिरोह में शामिल लोगों ने घात लगाकर एक सोची-समझी साजिश के तहत धारदार हथियार से लैस हो जबरन आश्रम में घुसकर भाजपा नेता के बेटे को भगवा धारण करा गद्दी पर बैठा दिया इतना ही नहीं आश्रम के ब्रह्मलीन महंत के कमरे, तिजोरी/अलमारी आदि के ताले तोड़कर आश्रम/ट्रस्ट के जरूरी दस्तावेज, लाखों की नकदी, सोने चांदी, जवाहरात बेशकीमती आभूषण, गुंडागर्दी के बल पर लूट लिए इतना ही नहीं इस गिरोह ने आश्रम की दूसरी मंजिल में जाकर बाहर की तरफ गेट को तोड़कर अंदर रह रही महिला और उसके बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए मारपीट की घटना को अंजाम दिया और इनका सामान बाहर सड़क पर फेंक दिया और आश्रम पर कब्जा कर लिया यहां तक की आश्रम में लगे सीसीटीवी कैमरा के डीवीआर को भी ठिकाने लगा गंभीर अपराध के साक्ष्यों को नष्ट कर दिया गया, चर्चा यह भी है की भाजपा नेता ने अपने पुत्र के हक में एक फर्जी वसीयत भी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर लिख ली थी लेकिन पोल खोलने के बाद उस कूट रचित फर्जी वसीयत को भी जलाकर राख कर दिया गया। दिनदहाड़े हुई इस घटना की जानकारी 18 जनवरी को ही नगर कोतवाली पुलिस को दे दी गई थी लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की वजह समझौते के लिए दबाव बनाया पीड़ित पक्ष के प्रमोद तिवारी की पत्नी राधा तिवारी ने बताया कि वह घटना के दिन भयभीत हो चुकी थी क्योंकि उनके पति और बच्चों को जान का खतरा था राधा बताती हैं कि वे नंगे पैर चलकर बच्चे पुलिस के पास खड़खड़ी चौकी पहुंची लेकिन खड़खड़ी पुलिस ने उन्हें सप्त ऋषि पुलिस चौकी जाने को कहा तभी पीड़ित ने रिक्शा चालक का फोन लेकर कोतवाली प्रभारी को फोन घटना की सूचना दी देकर कोतवाली प्रभारी को बताया कि उनके पति और बच्चों की जान खतरे में है उनकी जान बचा लो मैडम तब जाकर नगर कोतवाली पुलिस के दो सिपाही आश्रम के बाहर पहुंचे और उन्होंने आश्रम के अंदर घुसे लोगों को बाहर निकाल कर उनमें से कुछ लोगों के नाम डायरी में दर्ज कर लिए इसके बाद पुलिसकर्मियों ने पीड़ित महिला को कोतवाली जाने की सलाह दी पीड़ित बताती हैं की वहां पर कोतवाल मैडम को हम पर दया आई और उन्होंने दोनों पक्षों को समझौता करने को कहा और कहा कि चलो तुम्हारे पति की जान तो बच गई समझौता कर लो। इसके बाद 19 जनवरी से पीड़ित महिला और उसका पति लगातार न्याय की मांग करते रहे लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने गंभीर अपराध का मुकदमा दर्ज करना उचित नहीं समझा और पुलिस भाजपा नेताओं के दबाव में समझौता कराने में मशगूल रही पीड़ित की पत्नी की माने तो पुलिस में उन पर दबाव बनाकर नामजद आरोपियों से उनके पति का समझौता करा दिया। तथा चुप रहने की सलाह दी जब इसके बाद भी पीड़ित महिला और उसके पति मुकदमा दर्ज कराने की मांग करते रहे और कुछ मीडिया कर्मियों ने इस प्रकरण को जनता के बीच लाया तो पुलिस को मजबूरन मुकदमा दर्ज करना पड़ा इसी कड़ी में करीब 15 दिन के बाद दिनांक:03/02/2023 को को पीड़ित की शिकायत व साक्ष्यों के आधार पर नगर कोतवाली पुलिस ने गंभीर अपराध का मुकदमा संख्या: 77/23 दर्ज कर 09 नामजद और करीब 2 दर्जन से अधिक अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा: 147, 148 149 ,423 ,427 ,447 ,504 ,506 ,511 मुकदमा पंजीकृत तो कर लिया लेकिन पुलिस ने कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की है। जिससे आरोपी बेखौफ होकर घूम रहे हैं इससे पुलिस की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है चर्चा यह भी है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस लीपापोती में जुटी हुई है और जो अपराध समझौता योग्य नहीं है उसमें पुनः समझौता करा दिया गया है।

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