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निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखना तकनीकी संगठनों की जिम्मेदारी है : मुख्यमंत्री।


उत्तराखण्ड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ द्वारा विभिन्न लंबित मांगों पर शासनादेश निर्गत किए जाने पर मुख्यमंत्री का किया आभार व्यक्त।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

देहरादून 14 मार्च, 2024, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्य सेवक सदन, मुख्यमंत्री आवास, देहरादून में उत्तराखण्ड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ द्वारा आयोजित ’आभार एवं अभिनन्दन समारोह’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर महासंघ की विभिन्न लंबित मांगों पर शासनादेश निर्गत किए जाने पर महासंघ पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के सभी पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के कुशल और प्रतिभाशाली इंजीनियर, राष्ट्र एवं राज्य के निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। इंजीनियर हमारे राज्य की प्रगति का मुख्य स्तंभ है। उन्होंने कहा राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कथन अनुसार 21वी सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का बनाने पर निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अंतर्गत बनने वाले बुनियादी ढांचे, विभिन्न विकास योजनाओं, सरकारी भवनों, आदि हमारी प्रदेश में विकास को सुनिश्चित करता है। ऐसे में इन बुनियादी ढांचों /निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चहिए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखना तकनीकि संगठनों के ही हम सबकी जिम्मेदारी है। इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि राज्य में किसी भी विकास योजना / परियोजना बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्टर ग्लोबल समिट में 3.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू साइन हुए। अब तक 71,000 करोड़ रुपए एमओयू की ग्राउंडिंग हो चुकी है। योजनाओ के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने यूआईडीबी का गठन किया है। कालसी में हरीपुर धाम विकसित किया जा रहा है। कैंची धामी, मां पूर्णागिरी मन्दिर का विकास कार्य जारी है। 30 नई नीतियों को लाया गया है। विकास के चौमुखी कार्य प्रगति पर हैं। राज्य सरकार प्रदेश की जनता के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता, सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू , धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून जैसे बड़े एवं कड़े फैसले लिए हैं।

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