शहरी विकास मंतà¥à¤°à¥€ मदन कौशिक ने कहा है कि महापà¥à¤°à¥‚षों ने समाज को सदैव नई दिशा पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की है और संतों के सानिधà¥à¤¯ में ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ होता है। शà¥à¤°à¥€ गरीबदासीय धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ सेवाशà¥à¤°à¤® में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ डा.शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¸à¥à¤‚दर दास महाराज की पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¥€ पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¸à¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करने पहà¥à¤‚चे कैबिनेट मंतà¥à¤°à¥€ मदन कौशिक ने कहा कि महापà¥à¤°à¥‚ष केवल शरीर तà¥à¤¯à¤¾à¤—ते हैं।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 20 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¥¤ शहरी विकास मंतà¥à¤°à¥€ मदन कौशिक ने कहा है कि महापà¥à¤°à¥‚षों ने समाज को सदैव नई दिशा पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की है और संतों के सानिधà¥à¤¯ में ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ होता है। शà¥à¤°à¥€ गरीबदासीय धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ सेवाशà¥à¤°à¤® में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ डा.शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¸à¥à¤‚दर दास महाराज की पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¥€ पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¸à¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करने पहà¥à¤‚चे कैबिनेट मंतà¥à¤°à¥€ मदन कौशिक ने कहा कि महापà¥à¤°à¥‚ष केवल शरीर तà¥à¤¯à¤¾à¤—ते हैं। समाज कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठउनकी आतà¥à¤®à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• रूप से सदैव उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहती है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¸à¥à¤‚दरदास शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ महाराज तà¥à¤¯à¤¾à¤— और तपसà¥à¤¯à¤¾ की साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने सरल सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ और कà¥à¤¶à¤² नेतृतà¥à¤µ के माधà¥à¤¯à¤® से समाज को à¤à¤•à¤¤à¤¾ के सूतà¥à¤° में बांधा। à¤à¤¸à¥‡ महापà¥à¤°à¥‚षों को समसà¥à¤¤ समाज नमन करता है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रविदेव शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ व सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिहरानंद महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहता है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ डा.शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¸à¥à¤‚दरदास शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ महाराज ने अपने जीवन काल में सदैव गरीब असहायों की मदद की और गंगा तट से अनेकों सेवा पà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ª पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ कर समाज कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में अपना अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯ योगदान पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया। यà¥à¤µà¤¾ संतों को उनसे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर सदैव राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ समाज हित के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहना चाहिà¤à¥¤ संत जगजीत सिंह व महंत सà¥à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¥à¤£ मà¥à¤¨à¤¿ महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ डा.शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¸à¥à¤‚दर दास महाराज संत समाज के पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚नें अपना संपूरà¥à¤£ जीवन सनातन धरà¥à¤® व à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया और धारà¥à¤®à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® समसà¥à¤¤ संत समाज को राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की à¤à¤•à¤¤à¤¾ अखणà¥à¤¡à¤¤à¤¾ बनाठरखने का संदेश दिया। वे विलकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ के धनी थे। जिनकी कमी को कà¤à¥€ पूरा नहीं किया जा सकता। महंत शिवानंद महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ डा.शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤¸à¥à¤‚दरदास शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ महाराज à¤à¤• दिवà¥à¤¯ महापà¥à¤°à¥‚ष थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी सरल वाणी के माधà¥à¤¯à¤® से सà¤à¥€ को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ कर जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ दी और समाज को सदैव उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ की ओर अगà¥à¤°à¤¸à¤° किया। उनके बताठमारà¥à¤— पर समाज हित में अपना योगदान पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करना ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सचà¥à¤šà¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि होगी। इस दौरान महंत दिनेश दास, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अरूणदास, महंत शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ वेदानंद, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤‚द, महंत निरà¥à¤®à¤²à¤¦à¤¾à¤¸, महंत सूरजदास, महंत सà¥à¤®à¤¿à¤¤à¤¦à¤¾à¤¸, सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚द, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ कृषà¥à¤£à¤¦à¤¾à¤¸, डा.पदम पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ सà¥à¤µà¥‡à¤¦à¥€, समाजसेवी संजय वरà¥à¤®à¤¾, लोकनाथ सà¥à¤µà¥‡à¤¦à¥€, शंकर पांडे आदि संत उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।