सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के मार्गदर्शन से निरंकारी मिशन की ब्राँच कोटद्वार, धु्रवपुर, गढ़वाल टंकी में आध्यात्मिकता के साथ समाज कल्याण की सेवाओं का सुंदर स्वरूप देखने को मिला। एक तरफ जहाँ जोनल लेवल महिला समागम का दृश्य दिखा वहीं दूसरी ओर मानवता के कल्याणार्थ रक्तदान एवं नेत्रदान शिविर लगाये गए जिसमें निरंकारी भक्त उत्साहपूर्वक सम्मिलित हुए।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
कोटद्वार, 1 सितंबर, 2024:- सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के मार्गदर्शन से निरंकारी मिशन की ब्राँच कोटद्वार, धु्रवपुर, गढ़वाल टंकी में आध्यात्मिकता के साथ समाज कल्याण की सेवाओं का सुंदर स्वरूप देखने को मिला। एक तरफ जहाँ जोनल लेवल महिला समागम का दृश्य दिखा वहीं दूसरी ओर मानवता के कल्याणार्थ रक्तदान एवं नेत्रदान शिविर लगाये गए जिसमें निरंकारी भक्त उत्साहपूर्वक सम्मिलित हुए। जोनल लेवल महिला समागम में सतगुरु माता जी का प्रेरणादायक संदेश देने के लिए संत निरंकारी मंडल, प्रचार विभाग के मेंबर इंचार्ज पूजनीय बहन राज कुमारी उपस्थित हुईं। जिसमें उन्होने बताया कि सतगुरु का मार्गदर्शन जीवन को आनंद और संतोष से भर देता है। जब आत्मा परमपिता परमात्मा के साथ जुड़ती है, तो उसे निज घर का एहसास होता है। सतगुरु हमें सच का बोध कराता है। उन्हानें आगे बताया कि अक्सर लोग परमात्मा को ढूंढनें के लिए दूर-दूर जाते हैं, लेकिन वास्तव में वह तो कण-कण में मौजूद हैं। पूर्ण सतगुरु हमें इस सत्य का एहसास कराता हैं कि परमात्मा सदैव हमारे साथ है और उसी के ज्ञान से जीवन में शांति और स्थिरता आती है। जिस प्रकार महिलाओं की भूमिका परिवार को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण होती है ठीक इसी प्रकार महिलाओं को चाहिए कि वे अपने बच्चों को प्रारंभ से ही संगत और भक्ति की राह पर चलने के लिए प्रेरित करें। महिला समागम के अतिरिक्त समाज कल्याण की सेवाओं के अंतर्गत रक्तदान शिविर में सम्मिलित हुए श्रद्धालु भक्तों का उत्साहवर्धन करते हुए दिल्ली से आए आदरणीय नरेंद्र सिंह (वाइस चेयरमैन, सी पी ए बी, संत निरंकारी मंडल) एवं जोनल इंचार्ज आदरणीय हरभजन सिंह ने उनकी निःस्वार्थ सेवाओं की सरहाना करी। रक्त संग्रहित करने के लिए हिमालयन ब्लड बैंक, जॉलीग्रांट और राजकीय चिकित्सालय कोटद्वार के ब्लड बैंक से डॉक्टर एवं उनकी टीम उपस्थित हुई और उन्होंने 160 यूनिट रक्त संग्रहित किया। इसके साथ ही आयोजित हुए नेत्रदान शिविर में लगभग 60 अनुयायियों ने नेत्रदान का संकल्प भी लिया और इसी के साथ इस कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ।