सामान्य प्रतियोगिता मे भी सफल होने के लिए विकल्प ढूंढना खिलाडी की उन्नति मे बाधक है। इस परिपाठी को केवल सकारात्मक चिंतन एवं फोकस दृष्टि से दूर किया जा सकता है।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
सामान्य प्रतियोगिता मे भी सफल होने के लिए विकल्प ढूंढना खिलाडी की उन्नति मे बाधक है। इस परिपाठी को केवल सकारात्मक चिंतन एवं फोकस दृष्टि से दूर किया जा सकता है। ओलंपियन मनीष सिंह रावत ने गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा आयोजित छात्र इंडक्शन कार्यक्रम मे यह बात कही। उन्होने खिलाडियों को गुरु तथा कोच के प्रति समर्पण एवं उनके बताये रास्ते का अनुसरण करने की सीख दी। दयानंद स्टेडियम के मेजर ध्यान चन्द सभागार मे इंडक्शन (छात्र प्रेरणा) कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करके किया गया। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो0 हेमलता एवं ओलम्पियन मनीष सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कुल-गीत एवं स्वागत उद्बोधन के पश्चात संकायाध्यक्ष प्रो0 सुरेन्द्र कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ0 कपिल मिश्रा ने छात्र प्रेरणा कार्यक्रम की उपयोगिता बताई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही कुलपति प्रो0 हेमलता के0 ने कहा कि जिन छात्रों ने गुरुकुल कांगड़ी को शिक्षा के लिए चुना है वे सौभाग्यशाली है। राष्ट्रीय धरोहर रूपी यह विश्वविद्यालय अपने स्वर्णिम इतिहास के कारण अद्वितीय है। संस्कार एवं संस्कृति जैसे मूल्यों का संरक्षण गुरुकुल जैसी देश हित की संस्था मे ही सम्भव है। डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहा कि 125 वर्ष के इतिहास मे सैकड़ों संस्थाये आई-गई लेकिन स्वामी श्रद्धानंद द्वारा स्थापित यह गुरुकुल संघर्ष के साथ अपने मूल्यों पर अडिग है। प्रभारी डॉ0 अजय मलिक ने इंडक्शन कार्यक्रम को सभी छात्रों की बेहतरी के लिए आवश्यक बताया। इस अवसर पर डॉ0 अरूण कुमार, डॉ0 विपुल भट्ट, डॉ0 विपिन कुमार, डॉ0 अश्वनी जांगडा, डॉ0 धर्मेन्द्र बालियान, शशिकांत शर्मा संयोजक डॉ0 कपिल मिश्रा, सह-संयोजक डॉ0 अनुज कुमार, डॉ0 प्रणवीर सिंह, कोच सुनील कुमार, दुष्यन्त राणा, अश्वनी कुमार, सुरेन्द्र कुमार, कुलदीप, राजेन्द्र सिंह आदि शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 अजय मलिक द्वारा तथा शान्ति पाठ डॉ0 शिवकुमार चौहान द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत मे ओलंपियन मनीष सिंह रावत ने विजिटर बुक पर अपने विचार साझा किये।