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मर्यादा का पालन करने से ही तीर्थ यात्रा का फल प्राप्त होता है - स्वामी ऋषि रामकृष्ण


निर्धन निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक राज्य है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री सहित चारों धाम के अलावा अनेक प्रमुख तीर्थ स्थल उत्तराखंड में स्थित हैं। इसीलिए उत्तराखंड को देवभूमि कहा गया है।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

हरिद्वार, 3 सितम्बर। निर्धन निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक राज्य है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री सहित चारों धाम के अलावा अनेक प्रमुख तीर्थ स्थल उत्तराखंड में स्थित हैं। इसीलिए उत्तराखंड को देवभूमि कहा गया है। देवभूमि उत्तराखंड और हरिद्वार के संतों ने अपने आध्यात्मिक संदेशों से हमेशा पूरी दुनिया का मार्गदर्शन किया है। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी ऋषि रामकृष्ण ने कहा कि चारधामों के दर्शन और हरिद्वार में गंगा स्नान करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। तीर्थ की मर्यादा का पालन करने से ही तीर्थ यात्रा का फल प्राप्त होता है। इसलिए चारधाम और हरिद्वार की यात्रा पर आएं तो तीर्थ की मर्यादा के अनुरूप आचरण करें। उन्होंने कहा कि राजा भगीरथ की कठोर तपस्या के बाद धरती पर आयी पवित्र गंगा मानवीय गलतियों के चलते लगातार प्रदूषित हो रही है। गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए सभी को सहयोग करना चाहिए। गंगा में किसी प्रकार का दूषित पदार्थ ना डालें। पॉलीथीन का प्रयोग कतई ना करें। दूसरों को भी गंगा को अविरल, निर्मल और स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रेरित करें। स्वामी शिवानंद भारती ने कहा कि मां गंगा जग की पालनहार है। गंगा को स्वच्छ व पवित्र बनाए रखना सभी का कर्तव्य है।

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