नगर पंचायत का कचरा प्रवेश द्वार के समीप स्थित गदेरे में डाला जा रहा है, जिससे यहाँ की सुंदरता और स्वच्छता की छवि पूरी तरह से धूमिल हो रही है।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
नगर पंचायत ऊखीमठ के गठन के बाद, नगर पंचायत का कचरा प्रवेश द्वार के समीप स्थित गदेरे में डाला जा रहा है, जिससे यहाँ की सुंदरता और स्वच्छता की छवि पूरी तरह से धूमिल हो रही है। इस कचरे के ढेर के कारण भयंकर बदबू फैल रही है, जो न केवल आसपास की हवा को प्रदूषित कर रही है बल्कि स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य को भी खतरे में डाल रही है। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है, क्योंकि प्रदूषित वायु के चलते गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं और किसी भी समय कोई अनहोनी घटित हो सकती है। कचरे के ढेर से कुत्तों और बंदरों का जमावड़ा हो गया है, जो आए दिन लोगों पर हमले को तैयार रहते हैं। इस प्रकार की सुरक्षा की कमी के कारण स्कूल के बच्चों और आम नागरिकों की आवाजाही अत्यंत कठिन हो गई है, और उनकी जान को भी खतरा बना हुआ है। कचरा बहकर मन्दाकिनी नदी में जा रहा है, जिससे नदी की स्वच्छता और जीवनदायिनी स्थिति पर गंभीर असर पड़ रहा है। सरकार द्वारा नदी की स्वच्छता पर कई अभियान चलाए जा रहे हैं और अरबों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन वास्तविक धरातल पर कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। यह स्थिति साफ दर्शाती है कि शासन और प्रशासन दोनों ही इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। क्षेत्र में विभिन्न नेताओं की भरमार है, लेकिन नगर पंचायत की स्वच्छता के मुद्दे पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। सभी को केवल चुनावी लाभ की चिंता है, जबकि जमीनी स्तर पर वास्तविक समस्याओं का समाधान न के बराबर है। यहाँ तक कि ऊखीमठ में निवास करने वाले छोटे से बड़े अधिकारी भी इस गंभीर समस्या पर चुप्पी साधे हुए हैं। यह स्थिति दिखाती है कि वास्तविक कार्य और जिम्मेदारी के प्रति किसी भी प्रकार की इच्छाशक्ति का अभाव है।