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छात्र छात्राओं ने शिक्षक दिवस पर शिक्षक सम्मान कार्यक्रम का आयोजन


भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्म जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में छात्र छात्राओं की सुंदर प्रस्तुतियों और शिक्षकों के ओजस्वी उद्बोधन ने कार्यक्रम को भव्य और दिव्य बना दिया।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग मे बी0ए0 एवं एम0ए0 के छात्र छात्राओं ने शिक्षक दिवस पर शिक्षक सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया। भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्म जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में छात्र छात्राओं की सुंदर प्रस्तुतियों और शिक्षकों के ओजस्वी उद्बोधन ने कार्यक्रम को भव्य और दिव्य बना दिया। मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसोर प्रभात कुमार ने कहा की इतिहास विभाग के विद्यार्थी हमेशा ही ऐसे प्रेरणाप्रद कार्यक्रम करते रहते हैं। उन्होने विद्यार्थियों को आशीर्वाद देते हुए कहा की किसी भी शिक्षण संस्थान के केंद्र में विद्यार्थी ही होते हैं। विद्यार्थियों से ही शिक्षण संस्थान होते हैं इसलिए संस्थान उनही का है। गुरुकुल सदा ही विद्यार्थियों के हित में कार्यरत रहता है। प्रो0 देवेन्द्र कुमार गुथा ने कहा कि आज के दौर में विद्यार्थी यदि बहुत अधिक पढ़ लिखकर खूब पैसा कमा लें लेकिन अपने माता-पिता जो कि जीवन के पहले गुरु होते हैं, का ध्यान न रख पाएँ तो ऐसी शिक्षा का कोई लाभ नहीं। डा0 अरुण कुमार ने विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनायें देते हुए कहा कि छात्र कल्याण परिषद छात्र हित में हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए सदा तत्पर है। डा0 विपुल भट्ट ने शेरों-शायरियों के माध्यम से कार्यक्रम में उल्लास और उमंग का संचार कर दिया और कहा कि आज विद्यार्थी 54321 के चक्कर में पड़ा रहता है। पाँच अंकों का वेतन, चार पहिया गाड़ी, तीन कमरों का मकान, दो बच्चे औए एक जीवन साथी। विद्यार्थियों को इससे भी आगे कि सोचनी होगी। डा0 दिलीप कुशवाहा ने कहा कि विभाग के शिक्षक सदैव छात्र हितों में कार्य करने के लिए तत्पर रहते हैं। विद्यार्थियों को इसका लाभ उठाना चाहिए और शिक्षकों के लगातार संवाद करते हुए अपना ज्ञानार्जन करते रहना चाहिए। डा0 हिमांशु पंडित ने भारतरत्न सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पारसमणि भी किसी लोहे को छूकर उसको सोने में बदल देती है किन्तु दुसरी पारसमणि नहीं बना पाती। लेकिन शिक्षक ही है जो विद्यार्थियों को बिना छुए केवल उनको अपने निकट बैठकर ही अपने से भी श्रेष्ठ शिक्षक बना देते हैं। इन अर्थों में शिक्षक पारसमणि से भी श्रेष्ठ होते हैं। कार्यक्रम में मयंक और अभिषेक ने गुरु शिष्य परंपरा पर एक लघु नाटिका की सुंदर प्रस्तुति दी तो राहुल ज्याला ने स्वरचित कविता पाठ से सभी का मन मोह लिया। उज्ज्वल शुक्ला और गौरव कुमार ने भी कविता पाठ किया। कार्यक्रम में प्रांजल सिंह, गौरव कुमार, मानव चमोली, निटेश पांडे, रुद्राक्षी, दक्ष पँवार, अनुराग, शलिनी राय, उत्कर्ष, मानसी भार्गव, देव सिंह, जसवंत सिंह, अभय, आशी, प्रियम सिंह, अभिषेक नेगी, सागर पाल, ऋषि, शुभाम, नितिन आदि छात्रों के साथ पत्रकार बंधु पंकज कौशिक, कुलभूषण शर्मा, हेमंत नेगी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन रिद्धिमा और ईशिका ने किया।

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