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कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल मुंह या नाक के जरिए होगा ज्यादा असरदार


कोरोनावायरस से बचाव के लिए पुरी दुनिया में लगभग 150 से ज्यादा टीकों पर काम चल रहा है। रूस और चीन इस बीमारी पर काबू पाने वाले टीके के सफल निर्माण का दावा कर चुके हैं। जहां वैक्सीन की तैयारी जोरों पर है वही कुछ विशेषज्ञों का कहना है|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

कोरोनावायरस से बचाव के लिए पुरी दुनिया में लगभग 150 से ज्यादा टीकों पर काम चल रहा है। रूस और चीन इस बीमारी पर काबू पाने वाले टीके के सफल निर्माण का दावा कर चुके हैं। जहां वैक्सीन की तैयारी जोरों पर है वही कुछ विशेषज्ञों का कहना है, कि लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीन को नाक में लगाया जाना ज्यादा बेहतर होगा।ब्रिटिश वैज्ञानिक इस बात को प्रमाणित करने के लिए एक छोटा अध्ययन कर रहे हैं, कि कोविड-19 के दो प्रायोगिक टीके क्या इंजेक्शन की जगह मुंह अथवा नाक के जरिए दिए जाने पर बेहतर काम कर सकते हैं।इंपीरियल कॉलेज लंदन और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने दो टीकों का निर्माण किया है।शोधकर्ता एक अध्ययन में इस बात का परीक्षण करेंगे कि टीके को नाक या मुंह से दिए जाने पर उसका श्वसन तंत्र पर सीधा कितना असर होगा।अध्ययन में 30 लोगों को शामिल किया जाएगा।अध्ययन में शामिल लोगों के मुंह में टीके की बूंदों को डालकर देखा जाएगा कि वैक्सीन श्वसन तंत्र को सीधे प्रभावित करेगी या नहीं।इंपीरियल और ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के बड़े अध्ययन पहले से ही चल रहे हैं। इंपीरियल के डॉ क्रिस चियु जिनके नेतृत्व में ये शोध किया जा रहा है,कहा कि हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि नाक के माध्यम से इन्फ्लूएंजा का टीके देने से फ्लू से लोगों की हिफाजत के साथ-साथ बीमारी को फैलने से रोकने में भी मदद मिल सकती है।

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