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देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सादगी के प्रतीक लाल बहादुर शास्त्री को याद कर रहा है


मानव अधिकार संरक्षण समिति के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री हेमन्त सिंह नेगी ने कहा कि आज जहां पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सादगी के प्रतीक लाल बहादुर शास्त्री को याद कर रहा है, वहीं 02 अक्टूबर, 1994 का काला दिन आज भी उत्तराखंडियों के घाव हरे कर देता है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

मानव अधिकार संरक्षण समिति के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री हेमन्त सिंह नेगी ने कहा कि आज जहां पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सादगी के प्रतीक लाल बहादुर शास्त्री को याद कर रहा है, वहीं 02 अक्टूबर, 1994 का काला दिन आज भी उत्तराखंडियों के घाव हरे कर देता है। अलग राज्य के दर्जे की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे बेकसूर लोगों पर यूपी पुलिस ने मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर लाठीचार्ज ही नहीं किया, फायरिंग की और महिलाओं की अस्मत से खिलवाड़ किया गया। इतना सब होने के बाद भी कांड के दोषियों को सजा नहीं दी गई। आंदोलनकारियों की शहादत पर उत्तराखंड राज्य बना और तब से अब तक कई मुख्यमंत्री हमें मिल चुके हैं। फिर भी बड़े अफसोस की बात है कि चुनाव के समय आंदोलनकारियों को न्याय दिलाने का दंभ भरने वाले हमारे नेता खोखले वादों से आगे नहीं बढ़ पाते। लेकिन तब से लेकर अब तक उन शहीदों पर किसने गोलियां चलवाई और क्यों गोलियां चलवाई गई, इसका जवाब अब तक उत्तराखंड के लोग मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब वो शांति आंदोलन करने आ रहे थे, तो उन पर गोलियां क्यों चलवाई गई। शहीदों को याद करके उत्तराखंड के लोग 2 अक्टूबर को काला दिवस के रूप में मनाते हैं।

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