उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के ततà¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ तथा पतंजलि अनà¥à¤¸à¤‚धान संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के सहयोग से महरà¥à¤·à¤¿ चरक की जनà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€, चरेख डाणà¥à¤¡à¤¾ में औषधीय पौधों के अà¤à¤¿à¤²à¥‡à¤–िकरण, हरà¥à¤¬à¥‡à¤°à¤¿à¤¯à¤® तैयार करने व शोध संबंधी कारà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हैं। यह कारà¥à¤¯ अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ परिसर में होना पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 17 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के ततà¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ तथा पतंजलि अनà¥à¤¸à¤‚धान संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के सहयोग से महरà¥à¤·à¤¿ चरक की जनà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€, चरेख डाणà¥à¤¡à¤¾ में औषधीय पौधों के अà¤à¤¿à¤²à¥‡à¤–िकरण, हरà¥à¤¬à¥‡à¤°à¤¿à¤¯à¤® तैयार करने व शोध संबंधी कारà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हैं। यह कारà¥à¤¯ अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ परिसर में होना पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ है। समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारà¥à¤¯ के कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¯à¤¨ व अगà¥à¤°à¤¿à¤® अवलोकन हेतॠकल पतंजलि योगपीठका 120 सदसà¥à¤¯à¥€à¤¯ दल चरेख डाणà¥à¤¡à¤¾ पहà¥à¤à¤šà¤¾à¥¤ दल की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ पतंजलि योगपीठके महामंतà¥à¤°à¥€ पूजà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ जी महाराज ने की। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड की सà¥à¤°à¤®à¥à¤¯ पहाड़ियों में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ महरà¥à¤·à¤¿ चरक की तपसà¥à¤¥à¤²à¥€ चरेख-डांडा में à¤à¥à¤°à¤®à¤£ करते हà¥à¤ आचारà¥à¤¯ महाराज ने कहा कि यह à¤à¥‚मि आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के महानॠवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• महरà¥à¤·à¤¿ चरक की है तथा यहाठआकर मà¥à¤à¥‡ महरà¥à¤·à¤¿ चरक की सूकà¥à¤·à¥à¤® उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ की अनà¥à¤à¥‚ति हà¥à¤ˆà¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वासà¥à¤¤à¤µ में यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बहà¥à¤¤ ही दिवà¥à¤¯, à¤à¤µà¥à¤¯ व अनà¥à¤ªà¤® है। यहाठसे आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ का वृहदॠव वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• कारà¥à¤¯ पतंजलि योगपीठके माधà¥à¤¯à¤® से किया जाना है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पतंजलि की à¤à¤¾à¤µà¥€ योजना में इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जड़ी-बूटियों रोपण, नरà¥à¤¸à¤°à¥€ व गà¥à¤°à¥€à¤¨ हाऊस इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ शामिल है। आचारà¥à¤¯ ने कहा कि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ का अकूत à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤° है। यहाठपाई जाने वाली विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ औषधियाठव जड़ी-बूटियाठहैं अनेक रोगों को दूर करने में सकà¥à¤·à¤® हैं। आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है इसकी पहचान, संरकà¥à¤·à¤£ व इसे पà¥à¤°à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¥ƒà¤¤ कर उपयोगी बनाने की। इससे न केवल आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ को पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• औषधि का दरà¥à¤œà¤¾ दिलाने में सहायता मिलेगी अपितॠपरà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में रोजगार का सृजन à¤à¥€ होगा। आचारà¥à¤¯ ने बताया कि यहाठऔषधीय पौधों में विशेष तौर पर गिलोय, अशà¥à¤µà¤—ंधा, à¤à¤²à¥‹à¤µà¥‡à¤°à¤¾ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ का रोपण किया जाà¤à¤—ा। सà¤à¥€ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में और à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ काम करने के संकलà¥à¤ª के साथ ऊरà¥à¤œà¤¾ से परिपूरà¥à¤£ होकर लौटे। दल में पूजà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯ जी महाराज के नेतà¥à¤¤à¥à¤µ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ सà¥à¤¨à¥€à¤² जोशी ,पतंजलि अनà¥à¤¸à¤‚धान संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• डॉ. अनà¥à¤°à¤¾à¤— वारà¥à¤·à¥à¤£à¥‡à¤¯, पतंजलि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की रजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤° महोदया, डॉ. राजेश मिशà¥à¤°, विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¤—ण तथा पतंजलि अनà¥à¤‚सधान संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• शामिल थे।