उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड आंदोलन के दौर से ही शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र गà¥à¤µà¤¾à¤² के शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆà¥¤ 1994 में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड आंदोलन हेमवती नंदन बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾ गà¥à¤µà¤¾à¤² विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र से ही शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤† था।
रिपोर्ट - रामेशà¥à¤µà¤° गौड़
उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड आंदोलन के दौर से ही शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र गà¥à¤µà¤¾à¤² के शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆà¥¤ 1994 में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड आंदोलन हेमवती नंदन बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾ गà¥à¤µà¤¾à¤² विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र से ही शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤† था। राजà¥à¤¯ बनने के बाद आंदोलनों की इस जमीन को सरकारों ने शिकà¥à¤·à¤¾ नगरी के रूप में विकसित किया। शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र में तकनीकी शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के रूप में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ (NIT) सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के रूप में वीर चंदà¥à¤° सिंह गà¥à¤µà¤¾à¤²à¥€ राजकीय मेडिकल à¤à¤µà¤‚ शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र गà¥à¤µà¤¾à¤² व उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤¾ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के बतौर हेमवती नंदन बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾ गà¥à¤µà¤¾à¤² केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हैं। जो इस छोटे से शहर को राजà¥à¤¯ में ही नहीं अपितॠदेश à¤à¤° में à¤à¤• विशेष सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिलाता है। 1973 में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ जनता के बड़े आंदोलन के बाद गà¥à¤µà¤¾à¤² विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ हà¥à¤ˆà¥¤ इस विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने न केवल इस परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤— में शिकà¥à¤·à¤¾ के दà¥à¤µà¤¾à¤° खोले बलà¥à¤•à¤¿ राजà¥à¤¯ बनाने की लड़ाई में à¤à¥€ अपनी महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆà¥¤ इसी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने 1994 में लोगों की उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‹à¤‚ को आवाज दी। छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ की ही आवाज थी कि सन 2000 में अंततः केंदà¥à¤° सरकार को सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• व à¤à¥Œà¤—ोलिक विषमता वाले कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को à¤à¤• राजà¥à¤¯ का दरà¥à¤œà¤¾ देना पड़ा। बाद में इस राजà¥à¤¯ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ को केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का दरà¥à¤œà¤¾ 2009 में दिया गया। इस संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ बनने के बाद न केवल राजà¥à¤¯ बलà¥à¤•à¤¿ राजà¥à¤¯ और देश के बाहर के छातà¥à¤° à¤à¥€ इस शहर में शिकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने के लिठआने लगे। इस से शिकà¥à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के साथ ही इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का विकास à¤à¥€ संà¤à¤µ हà¥à¤†à¥¤ यह उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड का पहला केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। वीर चंदà¥à¤° सिंह गà¥à¤µà¤¾à¤²à¥€ मेडिकल à¤à¤µà¤‚ शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ 2008 में रमेश पोखरियाल निशंक के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ काल में हà¥à¤ˆ थी। इस सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में केवल मेडिकल की पà¥à¤¾à¤ˆ ही नहीं होती बलà¥à¤•à¤¿ आसपास के परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ जिलों के लिठयह à¤à¤• रोशनी की किरण के रूप में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ इस मेडिकल कॉलेज की खासियत यह है कि मेडिकल की पà¥à¤¾à¤ˆ की बेतहाशा फीस के सामने यह कम फीस में ही छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को डिगà¥à¤°à¥€ और बेहतर शिकà¥à¤·à¤¾ की गारंटी पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। यह केवल ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ मेजर à¤à¥à¤µà¤¨ चनà¥à¤¦à¥à¤° खंडूरी à¤à¤µà¤‚ डा० रमेश पोखरियाल निशंक के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से ही संà¤à¤µ हà¥à¤†à¥¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सà¥à¤µà¤¯à¤‚ डा० निशंक à¤à¥€ à¤à¤• गरीब परिवार à¤à¤µà¤‚ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ पृषà¥à¤ à¤à¥‚मि से संघरà¥à¤· करते हà¥à¤ यहां तक पहà¥à¤‚चे हैं। उनका सदैव पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ रहा है कि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• गरीब छातà¥à¤° को धन की कमी के कारण उचà¥à¤š शिकà¥à¤·à¤¾ से वंचित न रहना पड़े। डा० निशंक जिस अà¤à¤¾à¤µ में संघरà¥à¤· करते हà¥à¤ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¤¿à¤®à¤‚डल में पहà¥à¤‚चे छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को उनके जीवन से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर आगे बà¥à¤¨à¤¾ चाहिà¤à¥¤ तकनीकी शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के रूप में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ ã€NIT】 शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की सà¥à¤µà¥€à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ 2008 में केंदà¥à¤° सरकार ने दी। यह संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ इस राजà¥à¤¯ के लिठमहतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिठलोगों ने अपनी कई à¤à¤•à¥œ जमीन दान में दी। 2014 में राजà¥à¤¯ की कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ सरकार के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इसका शिलानà¥à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया। मानव संसाधन विकास मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ के अधीन आने वाले इस संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ माननीय निशंक जी ने ली है। इस पूरे घटनाकà¥à¤°à¤® में ये बात समठआनी चाहिठकि अगर उनके पास ये मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ नहीं होता तो इस संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के वापस आने की कोई उमà¥à¤®à¥€à¤¦ नहीं थी। शिलानà¥à¤¯à¤¾à¤¸ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को 2 साल में बनाने का आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ à¤à¥€ दिया है । डा० रमेश पोखरियाल निशंक की उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड का à¤à¤• और शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ आता है। शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र से कà¥à¤› ही दूर वरà¥à¤· 2012 में बागवानी और वानिकी विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ à¤à¤°à¤¸à¤¾à¤° की नींव रखने में रमेश पोखरियाल निशंक की महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका रही है। à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ राजà¥à¤¯ में जिसके जिसके पास उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ और वानिकी में असीमित संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ हैं वहां इस तरह का संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ खोलना किसी दूरदृषà¥à¤Ÿà¤¿ देखने वाले नेता का ही काम हो सकता है। ये सà¤à¥€ शिकà¥à¤·à¤£ à¤à¤µà¤‚ शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र को à¤à¤• à¤à¤œà¥à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ हब के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ कर रहे हैं | इन शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को बेहतर बनाठजाने की जरूरत है और इस दौर में जब उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के सांसद मानव संसाधन विकास मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ जैसा बड़ा मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ संà¤à¤¾à¤² रहे हैं तब यह उमà¥à¤®à¥€à¤¦ करना गलत à¤à¥€ नहीं होगा। और जब खतà¥à¤® होती उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‹à¤‚ के बीच à¤à¤¨à¤†à¤ˆà¤Ÿà¥€ का दà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤¾ शिलानà¥à¤¯à¤¾à¤¸ रमेश पोखरियाल निशंक के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया तो लोगों की उनसे उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‡à¤‚ बà¥à¤¨à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है।