Latest News

आज वर्चुअल के माध्यम से राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना


आज वर्चुअल के माध्यम से राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (डैल्) हेतु आवेदकों का समिति द्वारा साक्षात्कार कर उनकी योजनाओं को स्वरोजगार हेतु चयन किया गया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी दिनांक 30 जून, 2021, जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में आज वर्चुअल के माध्यम से राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (डैल्) हेतु आवेदकों का समिति द्वारा साक्षात्कार कर उनकी योजनाओं को स्वरोजगार हेतु चयन किया गया। रेखीय विभाग के अधिकारियों द्वारा आवेदकों की योजना के प्रति ज्ञान को टटोला गया। आवेदकों में ज्यादातर जनरल स्टोर, बकरी पालन एवं रेजिमेंट गारमेंट आदि पर रुझान देखने को मिला। जबकि कुछ आवेदकों ने डिटर्जेंट साबुन, जैम जैली, सूअर पालन, आॅप्टिकल कार्य, ईको टूरिज्म, मस्टर्ड आॅयल, स्वर्णकार, कार वाशिंग, एशियन पेंट्स, गैस चूल्हा आदि के डीलरशिप, ई रिक्शा तथा सर्विस सेंटर आदि योजना का चयन किया। जिलाधिकारी डॉ जोगदण्डे ने आवेदको द्वारा बताए जा रहे बातों को ध्यान से सुना तथा चयन हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए। जिलाधिकारी डॉ जोगदण्डे ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि आवेदकों के प्रोजेक्ट देख लें, आवेदक के मन में कोई भ्रांति नहीं होनी चाहिए कि वह कितना बड़ा प्रोजेक्ट संभाल सकेगा व ऋण अदा कर सकता है। आवेदक की सभी समस्याओं को दूर किया जाना चाहिए कि उन्हें ऋण की किस्त प्रोजेक्ट के लगने के बाद कब और कितनी देनी है। उन्होंने कहा कि बहुत से प्रोजेक्ट में यह देखा गया है कि धनराशि का बहुत अधिक भाग निर्माण कार्य, किराए तथा फर्नीचर में खर्च कर दिया जाता है, जिससे आय की अपेक्षा खर्च ज्यादा होता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि छोटे प्रोजेक्ट को तुरंत ही अप्रूव करें तथा बड़े प्रोजेक्ट पर ध्यान दें, जिससे आवेदक का नुकसान ना हो। साथ ही जितना आवश्यक है उतना ही ऋण स्वीकृत किया जाए। कहा कि आवेदक आवश्यकता के अनुसार ही ऋण के लिए आवेदन करें, जिससे बैंकों को भी धनराशि स्वीकृत करने में आसानी रहेगी। कहा कि छोटे प्रोजेक्ट पर ज्यादा ध्यान दिया जाए, क्योंकि इससे अधिक लोग लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने बैंकों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऋण देने में बैंकों के जो मानक हैं, उनमें जो जांच की गई है उसका विवरण हमें भी उपलब्ध कराएं। अगर कोई कागजी कार्यवाही रह जाती है तो आवेदक को सूचित कर कमी को ठीक कर लिया जाए। इससे आवेदक को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कमेटी के अप्रूवल के बाद बैंक लाभार्थी को ऋण दिया जाय।

Related Post