शांतिकà¥à¤‚ज में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ १२०फीट ऊंचे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ धà¥à¤µà¤œ का लोकारà¥à¤ªà¤£ किया तथा देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ परिसर में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शौरà¥à¤¯ दीवार में पà¥à¤·à¥à¤ªà¤šà¤•à¥à¤° अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर वीर सपूतों को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि दी।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° ८ अकà¥à¤Ÿà¥‚बर। ले.ज. (सेवानिवृतà¥à¤¤) शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¤®à¥€à¤¤ सिंह ने राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² के रूप में अपनी पहली हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° यातà¥à¤°à¤¾ शांतिकà¥à¤‚ज से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकिया। इस मौके पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शांतिकà¥à¤‚ज में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ १२०फीट ऊंचे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ धà¥à¤µà¤œ का लोकारà¥à¤ªà¤£ किया तथा देवसंसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ परिसर में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शौरà¥à¤¯ दीवार में पà¥à¤·à¥à¤ªà¤šà¤•à¥à¤° अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर वीर सपूतों को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि दी। इस अवसर पर आयोजित शांतिकà¥à¤‚ज सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ जयंती वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ माला में बतौर मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² सिंह ने कहा कि मैं नवरातà¥à¤° के दूसरे दिन यà¥à¤—ऋषि पं. शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® शरà¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ माता à¤à¤—वती देवी शरà¥à¤®à¤¾ का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लेने आया हूà¤à¥¤ गायतà¥à¤°à¥€ मंतà¥à¤° हमे अपने अंतर आतà¥à¤®à¤¾ से जोड़ता है। शांतिकà¥à¤‚ज à¤à¤µà¤‚ देसंविवि आकर मà¥à¤à¥‡ गहरी शांति का अनà¥à¤à¤µ हो रहा है। राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² ने कहा कि देसंविवि ऋषि परंमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ कर रही है जो à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के गौरव गाथा, शौरà¥à¤¯, पराकà¥à¤°à¤®, साहस, समरसता की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ को जन-जन तक पहà¥à¤‚चाने में जà¥à¤Ÿà¤¾ है। राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² ने कहा कि आचारà¥à¤¯ ने सà¤à¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤¸à¤‚कृत समाज का जो सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ देखा था, उसे पूरा करने के लिठअखिल विशà¥à¤µ गायतà¥à¤°à¥€ परिवार à¤à¤µà¤‚ देसंविवि संकलà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² ने कहा कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤° धà¥à¤µà¤œ देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ के साथ हम सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ को à¤à¤• डोर में बांधे हà¥à¤ है। हम अपना सब कà¥à¤› राषà¥à¤Ÿà¥à¤°, समाज, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर दे। हम सबके लिठराषà¥à¤Ÿà¥à¤° सरà¥à¤µà¥‹à¤ªà¤°à¥€ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ में पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ की आहà¥à¤¤à¤¿ हो जाà¤, तो यह गरà¥à¤µ की बात है। हर सैनिक की अंतिम अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ होती है कि जब पà¥à¤°à¤¾à¤£ तन से निकले तो शरीर तिरंगा में लिपटा हो। राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² के उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ से सैनिकों जैसा जोश, उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ à¤à¤µà¤‚ उमंग से देसंविवि के मृतà¥à¤¯à¥à¤‚जय सà¤à¤¾à¤—ार गà¥à¤‚ज उठा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¤¤à¤¾, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिठविदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया। राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² ने अपना उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ ओम के उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ के साथ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकिया और समापन à¤à¥€à¥¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤®à¤¾à¤²à¤¾ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ अखिल विशà¥à¤µ गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¥‡à¤¯ डॉ. पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने कहा कि यह उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ है कि देवà¤à¥‚मि में पहली बार सेना के सेवानिवृत à¤à¤• उचà¥à¤šà¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ को राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ मिली है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आजादी के मतवाले शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® मतà¥à¤¤ à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ सेनानी रहे, तब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तिरंगा की आन, बान, शान के लिठअंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ से लड़े। संत, सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤• à¤à¤µà¤‚ शहीद को अवतारों की शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में आता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मेरे शरीर के रकà¥à¤¤ का हर à¤à¤• बूंद राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। इस मौके पर अखिल विशà¥à¤µ गायतà¥à¤°à¥€ परिवार पà¥à¤°à¤®à¥à¤– डॉ. पà¥à¤°à¤£à¤µ पणà¥à¤¡à¥à¤¯à¤¾ ने राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² का विवि का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• चिहà¥à¤¨, गायतà¥à¤°à¥€ महामंतà¥à¤° का चादर à¤à¤µà¤‚ यà¥à¤— साहितà¥à¤¯ à¤à¥‡à¤‚टकर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया।