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पवित्र छड़ी को कराया गया नगर भ्रमण,जगह जगह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज, जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज सहित कई संत,श्रीमहंत मौजूद रहे,जो पवित्र छड़ी के साथ पैदल चल रहे है।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा द्वारा निकाली जाने वाली प्राचीन पवित्र छड़ी को नगर भ्रमण कराया गया। जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज, जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज सहित कई संत,श्रीमहंत मौजूद रहे,जो पवित्र छड़ी के साथ पैदल चल रहे है। इससे पूर्व पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना के बाद पवित्र छड़ी को मायादेवी मन्दिर से संतो के सान्ध्यि में निकली छड़ी यात्रा सबसे पहले बाल्मीकि चैक पर पहुची,जहां भगवान बाल्मीकि की पूजा अर्चना के बाद शिवमूर्ति चैक पर पहुची,जहां पर भगवान शिव का पूर्ण विधिविधान के साथ अभिषेक किया गया। यहां से पवित्र छड़ी तुलसी चैक पहुची,जहां पर संत तुलसीदास जी का अभिषेक किया गया, अभिषेक के बाद पवित्र छड़ी शंकराचार्य चैक पहुची,जहां पर आद्यशंकराचार्य की पूजा अर्चना और अभिषेक किया गया। शंकरचार्य चैक के निकट अमरापुर घाट पर पहुची,जहां पर भागीरथ की प्रतिमा के निकट पूजा अर्चना की गई। वहां से पवित्र छड़ी दक्षेश्वर महादेव मन्दिर पहुची। जहां पर मन्दिर में पूरे विधि विधान के साथ पवित्र छड़ी की पूजा अर्चना की गई। दक्षेश्वर के बाद पवित्र छड़ी को हरिहर आश्रम स्थित पारदेश्वर शिवलिंग मन्दिर ले जाया गया,जहां पर जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के साथ सांसद अशोक वाजपेयी ने पवित्र छड़ी की आगवानी करते हुए मन्दिर में पूजा अर्चना की। इस मौके पर उन्होने कहा कि छड़ी यात्रा का उदद्ेश्य सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना है। उपेक्षित तीर्थो का विकास एवं उनके संवद्र्वन,संरक्षण कर विकसित करना है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड जो कि देवभूमि है,यहां पर पांच हजार से अधिक तीर्थ स्थल जीर्ण-शीर्ण एवं उपेक्षित है। इस पवित्र छड़ी यात्रा के द्वारा उन तीर्थस्थलों को विकसित कर वहां सनातन धर्मालम्बियों को आकृष्ट करना है। उन्होने दोहराया कि प्रदेश के चारों धामों के आस-पास धर्म विशेष की आबादी सुनियोजित तरीके से बढ़ रही है। इस पर सरकार और तंत्र को ध्यान देना होगा। उन्होने कहा कि सनातन धर्म का प्रचार प्रसार हमेशा से दशनाम सन्यासियों का ध्येय रहा है। हरिहर आश्रम से पवित्र छड़ी शनिवार को देर शाम शांतिकुन्ज के निकट कालू सिद्व मन्दिर पहुची,जहां पर देर रात पूजा अर्चना के बाद श्रीमहंत भल्लेगिरि आश्रम पहुची,जहां पर श्रृभंगी महादेव मन्दिर में छड़ी की पूजा अर्चना के बाद रात्रि विश्राम वही पर कराया गया। रविवार को पवित्र छड़ी को श्रीमहंत भल्लेगिरि आश्रम भूपतवला से भीमगोड़ा स्थित काली मन्दिर मे ले जाया जायेगा,जहा पर पूजा अर्चना के बाद बाबाकाली कमली आश्रम में स्थित मन्दिर में पूजा अर्चना की जायेगी। वहां से पवित्र छड़ी चण्डीघाट स्थित दक्षिण काली मन्दिर ले जाया जायेगा। इस दौरान श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने राज्य में उपेक्षित तीर्थस्थलों के विकास एवं पूर्णोद्वार को लेकर सरकार से कार्ययोजना बनाकर कारवाई की अपील की। पवित्र छड़ी के साथ जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेशपुरी,श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि,श्रीमहंत केदारपुरी,श्रीमहंत शिवदत्त गिरि,श्रीमहंत तुफान गिरि,थानापति राजगिरि,श्रीमहंत पुष्कर गिरि,श्रीमहंत दीनदयाल गिरि साधुओं का जत्था साथ चल रहा है। पवित्र छड़ी रविवार को भ्रमण के बाद मायादेवी मन्दिर प्रांगण लाया जायेगा,जहां से निर्धारित कार्यøमानुसार उत्तराखण्ड की यात्रा के लिए रवाना होगी।

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